‘भारत दुनिया का रेप कैपिटल’ बताकर विदेशी मीडिया के प्रोपेगेंडा को एक बार फिर राहुल गाँधी ने बढ़ाया

राहुल गाँधी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके पर शनिवार (दिसंबर 7, 2019) केरल के कालपेट्‌टा में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने देश में हो रही बलात्कार वारदातों को लेकर बयान दिया – अमूमन जैसा होता है, बयान विवादित ही दिया! उन्होंने कहा कि 'भारत को दुनिया की रेप कैपिटल' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इंटरनैशनल न्यूजपेपर में भारत को रेप कैपिटल कहा जाता है।
राहुल गाँधी और समस्त पार्टियों को मालूम होना कि 'जिनके घर शीशे के होते हैं, दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते', यदि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भाजपा और आम आदमी पार्टी आदि ने यदि इन्होने अपने कार्यकाल में बलात्कार के दोषियों पर सख्त कार्यवाही की होती, आज स्थिति इतनी भयानक नहीं होती। क्यों सभी पार्टियां आरोपियों को अपनी पार्टी में रखे हुए हैं? उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में होते बलात्कार पर मुलायम सिंह ने क्या यह नहीं कहा था "बच्चों से गलती हो जाती है" और मूर्ख जनता ऐसे ही नेताओं को वोट देकर बहुत बड़ा नेता बना देती है। देश को यह भी बताओ कि पंचायत से लेकर संसद तक कितने आरोपी नेता का चोला ओढे बैठे हैं? आखिर देश की बेइज्जती करने की कोई सीमा होती है। नीचे दिए लिंक को क्लिक कर देखें की देश में अब से पूर्व कितने भयंकर कांड हो चुके हैं। 
Image result for चितपावन ब्राह्मणदेश को नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस के ही राज में महात्मा गाँधी हत्या के बाद देश ने सबसे भयंकर चितपावन ब्राह्मणों का नरसंहार देखा(लेकिन वोट के भूखे नेताओं ने उस पर पानी डाल दिया जो 1984 सिख दंगों से कहीं अधिक भयंकर था), जिसकी आज तक कोई जाँच नहीं हुई, फिर मलियाना में मुस्लिमों का नरसंहार, 1976 में तुर्कमान गेट, दिल्ली, 1984 में सिखों का नरसंहार, अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल में मुज़्ज़फरनगर भयंकर दंगा आदि आदि कहाँ तक गिनवाया जाए। 
उनका कहना है कि विदेशी राष्ट्र सवाल पूछ रहे हैं कि भारत अपनी बेटियों और बहनों की देखभाल क्यों नहीं कर पा रहा है। विदेशी मीडिया हमारे देश के बारे में क्या कहता है, इस पर हमारा बस नहीं है लेकिन विपक्ष के बड़े नेता होने की गरिमा के तहत आप क्या कहते हैं, यह तो राहुल गाँधी को पता होना ही चाहिए। लेकिन नहीं! इन्हें तो सिर्फ राजनीति करनी है। मुद्दा फिर चाहे बलात्कार जैसा गंभीर ही क्यों न हो, ये करेंगे राजनीति ही! शायद राहुल गाँधी को यह भी नहीं पता कि विदेशों में भी रेप होते हैं और बहुत ही विभत्स होते हैं।
Related imageRelated imageचूँकि राहुल गाँधी आज विपक्ष में हैं इसलिए सत्ता पक्ष को टारगेट कर रहे हैं वो भी बलात्कार के मुद्दे पर लेकिन शायद यह भूल रहे हैं कि 16 दिसंबर 2012 को जब देश को झकझोर देने वाला निर्भया रेप कांड हुआ था, तब इनकी ही सरकार थी। शायद कोई राजनीतिक पण्डित युवा कांग्रेस नेता सुशील शर्मा रचित तन्दूर काण्ड नहीं भूले होंगे कि किस तरह 1995 में नैना साहनी के टुकड़े कर तन्दूर में डाल समस्त सबूत समाप्त करने का प्रयास किया था। यह भी बहुचर्चित काण्ड था। दरअसल सरकार के बाहर रहकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करना बेहद आसान होता है। और यही काम राहुल गाँधी ने अब तक किया, कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने देश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल उठाए। राहुल गाँधी ने कहा कि देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा के मामले बढ़े हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ता जा रहा है। हर दिन देश में महिलाओं से रेप, छेड़छाड़ और उत्पीड़न की खबरें सामने आती हैं, यह कानून के नदारद होने की स्थिति है।
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है। उनके खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है। दलितों को पीटा जा रहा है, उनकी बाहों को काटा जा रहा है। आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं, उनकी जमीनें छीनी जा रही है। हम रोज पढ़ते हैं कि यहाँ दुष्कर्म हुआ, छेड़छाड़ हुई। देश को चलाने वालों को लगता है कि सारी ताकतें उन्हीं के हाथ में हैं। हमारी संस्थागत ढांचा नाटकीय रूप से टूट रहे हैं। इसका बड़ा कारण है, लोग कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस देश को चलाने वाला व्यक्ति हिंसा और आँखें बंदकर सत्ता में विश्वास करता है।

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