
एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन भीड़ में से कुछ लोग बाहर निकले और पत्थरबाजी शुरू की। ये बता पाना मुश्किल है कि आखिर वो लोग कौन थे। कहीं न कहीं कुछ शरारती तत्व माहौल को खराब करने की फिराक में हैं।
शांति के नाम पर होने वाला प्रदर्शन हिंसा में कौन बदलता है? क्यों नहीं हिंसा फ़ैलाने वालों को शांतिप्रिय तुरंत पकड़ा जाता? किसके इशारे पर हिंसा फैलाई जाती है? पुलिस पर पत्थराओ करो और पुलिस चुपचाप पिटती रहे? रिपब्लिक भारत के on the spot रिपोर्टर ने मामला शांत होने पर कुछ लोगों से हिंसा के बारे में पूछा हैरानी की बात ये थी, कि पत्थरबाज़ी के प्रश्न पर जवाब देने की बजाए दोष पुलिस पर डाल दिया। बार-बार पत्थरबाज़ी के बारे में पूछे जाने पर वही पुलिस? यानि अपनी गलती मानने को तैयार नहीं।
वास्तव में ड्रोन कैमरे के डर से मामला शांत होने की कगार पर पहुंचा, जिसके लिए दिल्ली पुलिस की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम। आशा है केवल दिल्ली ही नहीं, देश के किसी भी राज्य में होने वाले दंगे में ड्रोन कैमरे का प्रयोग कर हिंसात्मक तत्वों को पहचान उन पर कार्यवाही करनी चाहिए। ताकि सरकारी संपत्ति का नुकसान होने के अलावा आम नागरिक और पुलिस पर होते हमले पर अंकुश लग सके।
Delhi Police sources on Seelampur protest: A protest was scheduled in Jaffrabad,North East Delhi at 2 pm today. People gathered around 1:15 pm&marched towards Seelampur. Initially, protest was peaceful but suddenly violence emerged while they were dispersing. More details awaited pic.twitter.com/J6umQzwOr5— ANI (@ANI) December 17, 2019

वहीं हालात पर नजर बनाए रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने ड्रोन भी मौके पर मंगवा लिए हैं। वहीं दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। साथ ही मौके पर अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान भड़की भीड़ ने तीन बसों में जमकर तोड़फोड़ की और कई अन्य वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
रोका गया ट्रैफिक
वहीं हिंसा को भड़कता देख सीलमपुर से जाफराबाद के रास्ते को बंद कर दिया गया है । पुलिस ने ट्रैफिक को पूरी तरह से रोक दिया है। बताया जा रहा है कि 66 फीट की इस रोड पर ही हिंसा भड़की और कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की है। जिसके चलते एहतियात के तौर पर ट्रैफिक को रोक दिया गया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार जौहरी एंकलेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन के दोनों गेट बंद कर दिए गए हैं। कोई भी ट्रेन यहां नहीं रुकेगी।
जाफराबाद में सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था। अचानक से विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने वाहनों को आग लगा दी. चर्चा है कि ये सब अफवाह फैलने के चलते हुआ है। दिल्ली पुलिस ने भी लोगों से अफवाह पर ध्यान न देने की बात कही है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया की किसी भी पोस्ट और वीडियो पर भरोसा करने से पहले उसकी तस्दीक जरूर कर लें।
रैली में शामिल मोहम्मद सादिक ने बताया कि उनका यह विरोध जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई तथा देश में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार की जा रही पृष्ठभूमि के खिलाफ है। कासिम नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा ‘‘देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए। हमारा विरोध इसी बात को लेकर है। पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है ताकि एनआरसी देश भर में लागू किया जाए।''
मोबाइल रिपेयरिंग का काम सीख रहे आईटीआई के नूर ने कहा कि इस कानून के जरिये हिंदू मुसलमानों के बीच दरार पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा ‘‘जामिया में अगर विरोध प्रदर्शन हुआ भी था तो भी पुलिस को लायब्रेरी और परिसर में घुसने का हक नहीं था।'' जाफराबाद थाने के बाहर भी प्रदर्शन हुआ और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए गए।
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