जामिया हिंसा पर FIR: कांग्रेस का पूर्व MLA आसिफ खान भी था शामिल

1_121719112611.jpg
साभार : आजतक 
2_121719112633.jpgनागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रविवार (दिसंबर 15,2019 ) को जामिया नगर इलाके में भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ओखला के पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मुहम्मद खान को भी आरोपी बनाया गया। इसके अलावा स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर के नाम भी हैं। छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) के नेता कासिम उस्मानी, ऑल इंडिया स्टू़डेंट्स असोसिएशन (AISA) के नेता चंदन और स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के आसिफ तन्हा को भी आरोपी बनाया गया है।
एफआईआर जामिया थाने के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने दर्ज कराई है। आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की 13 धाराएँ लगाई गई हैं। आईपीसी की धारा- 143/ 147/ 148/ 149/ 186/ 353/ 332/ 308/427/435/ 323/341/120बी/34 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट, 3/4 1984 लगाई गई हैं।



वहीं, पूर्व विधायक आसिफ मुहम्मद खान ने कहा है कि वे शाहीनबाग में शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। फिर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर में उनके ख़िलाफ क्यों मामला दर्ज किया गया है?
4_121719112714.jpg3_121719112655.jpgएफआईआर में इस बात का भी उल्लेख है कि पुलिस ने इस पूरी घटना में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए केवल 75 आँसू गैस के गोले दागे थे। साथ ही पुलिस ने कैंपस में प्रवेश भी किया था, लेकिन वो सिर्फ़ उपद्रवियों को पकड़ने के लिए और बाकी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए। एफआईआर में बताया गया है कि हिंसा वाले दिन 7-8 छात्र ऐसे थे, जो यूनिवर्सिटी के भीतर से आराजक तत्वों के साथ पत्थरबाजी कर रहे थे। 

Krishan Godara
देखो देशवाशियों राहुल गांधी के केरल से यह लडकी सिर्फ दंगा फैलाने आई है..यह जामिया यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट नहीं है।
अब क्या @RahulGandhi भेजते हैं दंगाइयों को ?
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार(दिसम्बर 17) तक भी नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी रहा। सुबह से ही प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वारा ‘अब्दुल कलाम आजाद’ गेट के बाहर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। लेकिन मंगलवार को जमा हुई भीड़ में विश्वविद्यावय के छात्र बहुत कम रहे। ज्यादातर प्रदर्शनकारी यहाँ कानून और दिल्ली पुलिस का विरोध करने जामिया नगर, बाटला हाउस, हमदर्द, पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद, नोएडा, हरियाणा आदि इलाकों से पहुँचे थे।
ऊपर दिए दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम ने सही कहा है कि विरोध करने वाले ज्यादातर लोगों को यह भी नहीं मालूम कि "ये कानून है क्या?" दिसम्बर 17 को कुछ जामा मस्जिद क्षेत्र बंद करवाने वालों पर भी यह ज़िम्मेदारी डाली की किसी भी तरह का पुलिस से टकराओ न हो, आगजनी न हो। on the spot रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टर्स ने जब नौजवानों से पूछा कि "तुम प्रदर्शन में किसका विरोध करने आए हो? उनका जवाब था पता नहीं, बस पुलिस ने टिअर गैस और लाठी चार्ज का विरोध करने। और जब उनसे पूछा गया कि पुलिस पर पत्थरबाज़ी और आगजनी किसने की? इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं था।"       

No comments: