
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
समाजवादी पार्टी नेताओं के कार्यकलापों का मंथन करने पर अधिकतर कार्यकर्ता से लेकर नेताओं का चरित्र आपराधिक रहा है, समझ में नहीं आता क्यों जनता इस पार्टी को वोट देती है। अखिलेश यादव के कार्यकाल में प्रदेश में जब बलात्कार की घटनाएं होने पर मुलायम सिंह ने कहा था "बच्चों से गलती हो जाती है।"
फिर मायावती के साथ हुए गेस्ट हाउस कांड(नीचे दिए लिंक को क्लिक करें) को कौन भुला सकता है। उसके बावजूद जब मायावती स्वयं भाजपा को सत्ता से दूर करने समाजवादी पार्टी से समझौता कर ले, ऐसे में दोनों पार्टियों की मानसिकता को भी समझा जा सकता।
समाजवादी पार्टी के एक नेता पर एक महिला का यौन शोषण करने और उसे ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता ने कहा, “आफाक़ ख़ान एक शादीशुदा व्यक्ति है जिसके आठ बच्चे हैं, लेकिन 2014 से वह मेरा यौन शोषण कर रहा है और मेरी प्रतिष्ठा को ख़राब करने की धमकी देता है। वह मुझे बंदी बना लेता है और मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। वह मुझे सोशल मीडिया पर बदनाम करने की धमकी भी दे रहा है।”
ख़बर के अनुसार, 36 वर्षीय पीड़िता ने कहा,
“मैं अब गंभीर रूप से बीमार हूँ और उसके चंगुल से मुक्त होना चाहती हूँ। आफाक़ ख़ान अपने साथ बन्दूक रखता है और उसने मुझे किसी भी तरह का विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी है।”
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समाजवादी पार्टी के इस पदाधिकारी ने अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते अपने साथियों के साथ मिलकर दलित के मुँह में पेशाब कर पीने को विवश किया था। |
कन्नौज़ ज़िले के छिबरामऊ पुलिस स्टेशन में आफाक़ अहमद ख़ान के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा-342 (ग़लत तरीके से कारावास), 376 (बलात्कार), 500 (मानहानि की सज़ा) और 508 (जो किसी व्यक्ति को ऐसा कार्य करने के लिए कहता है जिसके लिए वो व्यक्ति क़ानूनी रूप से बाध्य नहीं है) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़िता के अनुसार, वह समाजवादी युवजन सभा के नेता आफाक़ ख़ान के सम्पर्क में तब आई थी जब उनके पति की मृत्यु हो गई थी और उन्हें नौकरी की तलाश थी। महिला के साथ परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं था।
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