आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
80 के दशक में 'गरीबी हटाओ' का नारा खूब बिका, इतना बिका की आज भी हर पार्टी 'गरीबी' के नाम को भुनाती नज़र आती है। फिर 2014 से भ्रष्टाचार खूब बिक रहा है। लेकिन प्रश्न यह होता है कि भ्रष्टाचार के आरोप में अब तक कितने नेताओं को जेल हुई? दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी तत्कालीन कांग्रेस मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरुद्ध 370 आरोप ऐसे लिए नाचते थे, मानो सत्ता आते ही शीला को जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता, परन्तु नतीजा वही ठाक के तीन पात। और अब तो शीला दीक्षित का स्वर्गवास ही हो गया। लेकिन उनके जीवनकाल में उन 370 आरोप की खिरोंच तक नहीं आयी।
यदि चुनावों में लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोप सही होते हैं, चुनाव परिणामों उपरांत क्यों ठंठे बस्ते में चले जाते हैं? उन घोटालों की जल्दी सुनवाई भी नहीं होती। अन्ना और बाबा रामदेव ने कांग्रेस द्वारा किए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जितना शोर मचाया अथवा मचवाया अधिकतर जमानत पर बाहर ऐश कर रहे हैं। यदि यही घोटाले किसी अफसर अथवा आम नागरिक ने किए होते, क्या वह इस तरह जमानत पर बाहर ऐश कर रहे होते?
फिर आम आदमी पार्टी पर लगभग हर चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगता रहा है, क्या चुनाव आयोग या सरकार ने मोटी रकम देकर टिकट खरीदने वाले से पूछा कि आखिर इतना धन कहाँ से आया? जब उम्मीदवार मोटी रकम देकर टिकट लेगा, उस पार्टी या उम्मीदवार से भ्रष्टाचार दूर होने की कल्पना भी नहीं करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के भूतपूर्व मंत्री के पास जब जनता किसी काम के जाती थी, उसका बड़ी बेबाकी से जवाब होता था, "नोट देकर टिकट लिया और नोट देकर मंत्री पद, पहले खर्च की रकम तो सूद समेत वसूल लूँ।" अब ऐसा राजनीतिक दलों द्वारा भ्रष्टाचार दूर करने की बात करना, जनता के साथ बेमानी है।
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल सरकार के पॉंच साल के कामकाज के आधार पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। लेकिन, उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर ऐसा लगता है कि पार्टी को अपने पुराने वफादारों पर भी भरोसा नहीं है। 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लेकर आप ने मंगलवार को उम्मीदवारों का ऐलान किया था। 15 विधायकों को बेटिकट कर पार्टी ने 5 ऐसे चेहरों पर दॉंव लगाया है जो उम्मीदवारों की सूची जारी होने से 24 घंटे पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। इनमें कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा भी हैं। उन्हें द्वारका से आप ने उम्मीदवार बनाया है। यहॉं से पिछला चुनाव आप के टिकट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री जीते थे।
विनय के अलावा राजकुमारी ढिल्लो, नवीन चौधरी (दीपू), जय भगवान और राम सिंह नेताजी भी अंतिम क्षणों में झाड़ू थाम आप का टिकट पाने में कामयाब रहे हैं। राम सिंह नेताजी को बदरपुर के विधायक एनडी शर्मा का टिकट काट कर आप ने मैदान में उतारा है। शर्मा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 21 करोड़ रुपए लेकर राम सिंह को टिकट दिया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए आप को देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी करार दिया है।
दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएँगे। आप ने 46 मौजूदा विधायकों पर दोबारा भरोसा जताया है। 24 सीटों पर नए चेहरे उतारे हैं। इनमें 15 सीट उन विधायकों की है, जिनके टिकट काटे गए। 5 वो सीटें हैं, जो विधायकोंं की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई और शेष 4 वो सीटें है, जिनपर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। आप ने इस बार 8 महिला और 7 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
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जनवरी 14 को जारी सूची के मुताबिक अरविंद केजरीवाल इस बार भी नई दिल्ली सीट से ही मैदान में उतरे हैं। 24 सीटों पर बाहरी चेहरों को मौका मिलने के बाद आप में बगावत भी तेज हो गई है। बदरपुर विधायक शर्मा के अलावा सीलमपुर के विधायक हाजी इशराक और दिल्ली कैंट के MLA कमांडो सुरेंद्र ने विरोध जताया है।
आम आदमी पार्टी की इस सूची में अब्दुल रहमान समेत कई विवादित चेहरों के नाम शामिल हैं। जो पार्टी से बाद में जुड़े और पार्टी में रहते हुए विवादों में घिरे रहे। लेकिन, बावजूद इसके कहा जा रहा था कि पार्टी ने हर टिकट का पैमाना जीतने वाला प्रत्याशी रखा है। खबरों के मुताबिक उन्होंने सर्वे में कमजोर सीटों पर विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इन सीटों पर दूसरे दलों के नेताओं को ही टिकट दिया है।
80 के दशक में 'गरीबी हटाओ' का नारा खूब बिका, इतना बिका की आज भी हर पार्टी 'गरीबी' के नाम को भुनाती नज़र आती है। फिर 2014 से भ्रष्टाचार खूब बिक रहा है। लेकिन प्रश्न यह होता है कि भ्रष्टाचार के आरोप में अब तक कितने नेताओं को जेल हुई? दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी तत्कालीन कांग्रेस मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरुद्ध 370 आरोप ऐसे लिए नाचते थे, मानो सत्ता आते ही शीला को जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता, परन्तु नतीजा वही ठाक के तीन पात। और अब तो शीला दीक्षित का स्वर्गवास ही हो गया। लेकिन उनके जीवनकाल में उन 370 आरोप की खिरोंच तक नहीं आयी।
यदि चुनावों में लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोप सही होते हैं, चुनाव परिणामों उपरांत क्यों ठंठे बस्ते में चले जाते हैं? उन घोटालों की जल्दी सुनवाई भी नहीं होती। अन्ना और बाबा रामदेव ने कांग्रेस द्वारा किए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जितना शोर मचाया अथवा मचवाया अधिकतर जमानत पर बाहर ऐश कर रहे हैं। यदि यही घोटाले किसी अफसर अथवा आम नागरिक ने किए होते, क्या वह इस तरह जमानत पर बाहर ऐश कर रहे होते?
फिर आम आदमी पार्टी पर लगभग हर चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगता रहा है, क्या चुनाव आयोग या सरकार ने मोटी रकम देकर टिकट खरीदने वाले से पूछा कि आखिर इतना धन कहाँ से आया? जब उम्मीदवार मोटी रकम देकर टिकट लेगा, उस पार्टी या उम्मीदवार से भ्रष्टाचार दूर होने की कल्पना भी नहीं करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के भूतपूर्व मंत्री के पास जब जनता किसी काम के जाती थी, उसका बड़ी बेबाकी से जवाब होता था, "नोट देकर टिकट लिया और नोट देकर मंत्री पद, पहले खर्च की रकम तो सूद समेत वसूल लूँ।" अब ऐसा राजनीतिक दलों द्वारा भ्रष्टाचार दूर करने की बात करना, जनता के साथ बेमानी है।
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल सरकार के पॉंच साल के कामकाज के आधार पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। लेकिन, उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर ऐसा लगता है कि पार्टी को अपने पुराने वफादारों पर भी भरोसा नहीं है। 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लेकर आप ने मंगलवार को उम्मीदवारों का ऐलान किया था। 15 विधायकों को बेटिकट कर पार्टी ने 5 ऐसे चेहरों पर दॉंव लगाया है जो उम्मीदवारों की सूची जारी होने से 24 घंटे पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। इनमें कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा भी हैं। उन्हें द्वारका से आप ने उम्मीदवार बनाया है। यहॉं से पिछला चुनाव आप के टिकट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री जीते थे।
कॉंग्रेस पार्टी से पालम विधानसभा से चुनाव लड़ चुके युवा नेता विनय कुमार मिश्र जी ने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर वो हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत है। pic.twitter.com/Xws6kU4fpE— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
विनय के अलावा राजकुमारी ढिल्लो, नवीन चौधरी (दीपू), जय भगवान और राम सिंह नेताजी भी अंतिम क्षणों में झाड़ू थाम आप का टिकट पाने में कामयाब रहे हैं। राम सिंह नेताजी को बदरपुर के विधायक एनडी शर्मा का टिकट काट कर आप ने मैदान में उतारा है। शर्मा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 21 करोड़ रुपए लेकर राम सिंह को टिकट दिया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए आप को देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी करार दिया है।
Important Announcement :— AAP (@AamAadmiParty) January 14, 2020
Aam Aadmi Party declares all 70 candidates for the upcoming Delhi election.
We congratulate all the candidates and wish them all the best to establish high levels of trust and integrity within their constituency.#AAPKeCandidates pic.twitter.com/mbby8Z2GCR
दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएँगे। आप ने 46 मौजूदा विधायकों पर दोबारा भरोसा जताया है। 24 सीटों पर नए चेहरे उतारे हैं। इनमें 15 सीट उन विधायकों की है, जिनके टिकट काटे गए। 5 वो सीटें हैं, जो विधायकोंं की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई और शेष 4 वो सीटें है, जिनपर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। आप ने इस बार 8 महिला और 7 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
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दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है। सभी 70 विधानसभा सीटों…
दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है। सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 8 फरवरी को वोटिंग होग...
आम आदमी पार्टी की इस सूची में अब्दुल रहमान समेत कई विवादित चेहरों के नाम शामिल हैं। जो पार्टी से बाद में जुड़े और पार्टी में रहते हुए विवादों में घिरे रहे। लेकिन, बावजूद इसके कहा जा रहा था कि पार्टी ने हर टिकट का पैमाना जीतने वाला प्रत्याशी रखा है। खबरों के मुताबिक उन्होंने सर्वे में कमजोर सीटों पर विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इन सीटों पर दूसरे दलों के नेताओं को ही टिकट दिया है।
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