'शाहीन बाग प्रोटेस्‍ट प्रायोजित है... सारा कांग्रेस का खेल है' : अमित मालवीय, भाजपा नेता

'शाहीन बाग प्रोटेस्‍ट प्रायोजित है... सारा कांग्रेस का खेल है'- BJP नेता ने VIDEO ट्वीट कर लिखा
क्या यह जमावड़ा  शिफ्ट आधार पर दैनिक भत्ते पर हो रहा है?
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली शाहीन बाग़ में जमा बिकाऊ भीड़ से यदि यह पूछा जाए "क्या इस कानून को पढ़ा है?" अधिकतर का जवाब नहीं में मिलने के साथ यह बात उजागर होगी, जो अपना नाम भी ठीक से लिख पाएंगे/पाएंगी। प्राप्त समाचारों के अनुसार, शाहीन बाग़ पर विरोध करने असली आयोजक मुद्दे का राजनीतिकरण होते देख, अलग हो चुके हैं। समाचार चैनलों पर होनी वाली परिचर्चाओं में अप्रत्यक्ष रूप से इस समाचार की पुष्टि हो रही है। अपनी खोई जमीन को हासिल करने वामपंथी और कांग्रेस इसे 6 फरवरी(दिल्ली में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन) तक जीवित रखने रूपए देकर हंगामा भड़पा रही है। 
काफी दिनों से सोशल मीडिया पर इस सम्बंधित वीडिओ खूब चर्चा में हैं, जिसमे विरोध बनाम घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। लेकिन पुष्टि न होने के कारण लिखने का साहस नहीं हुआ, लेकिन जब वही वीडियो भाजपा नेताओं द्वारा ट्वीट करने उपरान्त ही साहस कर पाया। 
इतना ही नहीं, CAA के विरोध में अपनी कविता से सुर्खियां बटोरने वाले वरुण ग्रोवर अमेरिका जाने के लिए कागज तो क्या सबकुछ खोलकर दिखाने जा रहे हैं, लेकिन भारत में कुछ नहीं दिखाएंगे। अब जनता को भी ऐसे षडयंत्रकारियों से सावधान होकर, देश में अराजकता फ़ैलाने के लिए ठोकर मार भगा देना चाहिए। मुसलमानों के सबसे दुश्मन कोई नहीं, ये ही लोग हैं, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जनता को बलि का बकरा बनाने से नहीं चूकते। विश्व में भारत में रहने वाला शांतिप्रिय मुसलमान को भी एक आतंकवादी की लाइन में खड़े करने वाले भी यही लोग है। देश में हिन्दू-मुसलमान कर दंगे करवाने वाले भी ये ही लोग हैं। बस इस कटु सच्चाई को समझने की जरुरत है। वरना विरोध में भाग लेने वाले और विरोध का आयोजन करने वाले किसी भी नेता से पूछा जाए कि "किसी एक ऐसे देश का नाम बताएं, जहाँ यह कानून नहीं है।" फिर इस बिल को बनाने वाले कौन थे? कपिल सिबल ने बिल बनने पर यहाँ तक कहा था कि "मुसलमानों को नागरिकता नहीं दो।"    
नागरिकता कानून (Citizenship Amended Act) एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ दिल्‍ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में करीब महीने भर से धरने पर बैठी महिलाओं को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय (Amit Malaviya) ने ट्वीट किया है, जिसमें एक युवक यह बता रहा है कि इस धरने में बैठने के लिए महिलाओं की शिफ्ट लगी है और इसके लिए उन्‍हें 500 से लेकर 700 रुपए भी मिल रहे हैं। बीजेपी नेता ने इस ट्वीट में लिखा, शाहीन बाग विरोध का पर्दाफाश... इसके आगे उन्‍होंने लिखा, सब पैसे के लिए है

बीजेपी नेता मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'शाहीन बाग प्रोटेस्‍ट प्रायोजित है... सारा कांग्रेस का खेल है'

दरअसल, CAA और NRC के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए हालिया फैसले संविधान के खिलाफ हैं। और इसकी कारण वे नागरिकता संबंधी प्रमाण नहीं दिखाएंगी
अगर इस वीडियो की बात करें तो इसमें दो लोग आपस में बात करते दिख रहे हैं, जिसमें एक युवक बता रहा है कि इस धरने में औरतों को शामिल होने के लिए 500-700 रुपये दिए जा रहे हैं और ये शिफ्ट में धरने पर बैठती हैं। वह कह रहा है कि जैसे 100 महिलाएं धरने पर बैठी हैं तो उनके जाने पर 100 ही महिलाएं तुरंत धरने में शामिल हो जाती हैं, यानि उनकी संख्‍या कम नहीं होनी चाहिए। 
साथ ही वीडियो में यह युवक आगे कह रहा है कि इस धरने में बैठी महिलाओं के लिए चार-बिरयानी सभी चीजों का इंतजाम किया गया है। वह युवक आगे कह रहा है कि ये लोग बस पैसा कमा रहे हैं, ये विरोध वगैरह कुछ नहीं हो रहा
वहीं, बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने भी यह ट्वीट करते हुए लिखा, कश्मीर में 500 रुपये में पत्थरबाज़ी कराते थे, शाहीन बाग में 500 रुपये में बग़ावत कराते हैं। ये कौन हैं, जो चंद रुपयों के लिए बेबस हिन्दुओं, सिखों, जैनियों, बौध और ईसाइयों की पीड़ा को नज़रअंदाज कर केवल अपनी जेबों की चिंता करते है?
सोशल मीडिया पर चल रही इन वीडियोज को देख यही आंकलन निकलता है, कि शाहीन बाग़ विरोध केंद्र कम रोजगार केंद्र बन गया है, वरना छोटे बच्चे जिन्हे नाक पोंछने की तमीज तक नहीं, विरोध में शामिल हो रहे हैं, वो भी इतनी ठंठ में, दाल में कुछ काला नहीं, सारी की सारी काली कर रहे हैं।  
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वरुण ग्रोवर
काग़ज़ नहीं दिखाने वाले वरूण चले अमरीका, सब कुछ ‘खोलकर’ दिखाएंगे
हाल ही में ‘कागज़ नहीं दिखाएँगे’ नामक कथित कविता से चर्चा में आने वाले वरुण ग्रोवर अब अमेरिका में एक शो करने जा रहे हैं। कथित कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) का विरोध करने के लिए एनआरसी (NRC) का मुद्दा उठाया और वाह-वाही लूटने का प्रयास किया था।
CAA के विरोध के लिए वरुण ग्रोवर ने ‘कागज़ नहीं दिखाएँगे’ नामक एक कथित कविता भी लिखी, जिसे सोशल मीडिया पर वामपंथियों के गिरोह का खुला समर्थन भी मिला। मोदी विरोधी गैंग ने इस कविता को सोशल मीडिया में वायरल करने में जान लगा दी।
आज ट्विटर पर वरुण ग्रोवर ने एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि वो मई-जून 2020 में स्टैंडअप कॉमेडी के लिए मशहूर ‘ऐसी-तैसी डेमोक्रेसी’ के साथ मिलकर अमेरिका में एक टूर करने जा रहे हैं। वरुण ने ट्वीट में लिखा है कि टिकट बुकिंग की जानकारी वो बाद में देंगे लेकिन अभी यह पोस्टर शेयर किया जाना ज्यादा जरुरी था।
वरुण ग्रोवर के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनसे सवाल किया है कि क्या वो अमेरिका में कागज दिखाएँगे या नहीं? ज्ञात हो कि अक्सर बॉलीवुड एक्टर और एक्ट्रेस विदेशों में एयरपोर्ट पर होने वाली चेकिंग का रोना रोते हैं और यह दलीलें भी देते नजर आते हैं कि उनसे उनके ‘कागज़’ माँगे गए।
वरुण ग्रोवर के सोशल मीडिया पर निशाने पर आने की यह एक बड़ी वजह मानी जा सकती है क्योंकि अपने देश में सरकार, कानून एवं कानून निर्माताओं का खुला विरोध करने वाले वरुण ग्रोवर अब अमेरिका में चुपचाप बुत की तरह खड़े होकर अपने कागज़ दिखाने जा रहे हैं।


CAA और NRC के विरोध में ‘कागज़ नहीं दिखाएँगे’ नामक कथित कविता के बाद ही वरुण ग्रोवर ने अपने एक शो की जानकारी ट्वीट करते हुए टिकट और पहचान के साथ ही शो में आने की भी फ़रियाद की थी। इसके लिए भी सोशल मीडिया पर वरुण ग्रोवर की खूब खिंचाई की गई थी।
वरुण ग्रोवर की इस अमेरिका ट्रिप पर एक सज्जन की कविता ट्विटर पर पढ़ने को मिल रही है-
“अमेरिका अब हम जाएँगे
पैसे बहुत कमाएँगे
कौंसुलेट में लाइन लगाएँगे
पर कागज़ नहीं दिखाएँगे
मोदी तुझे कागज नहीं दिखाएँगे

वीएफएस में फोटो खिंचवाएँगे
डीएस 160 भी भर जाएँगे
पर कागज़ नहीं दिखाएँगे
मोदी तुझे कागज नहीं दिखाएँगे

सोशल मीडिया हैंडल भी बताएँगे
अमेरिका से कुछ न छिपाएँगे
फ़ोन ईमेल पता दे जाएँगे
पर कागज़ नहीं दिखाएँगे
मोदी तुझे कागज नहीं दिखाएँगे”

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