
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
ऐसा नहीं है, नसीरुद्दीन शाह के पहली बार बोल बिगड़े हैं। वैसे बॉलीवुड में पता नहीं कितने नसीरुद्दीन छुपे बैठे है। जिस दिन सरकार बॉलीवुड में छुपे बैठे इन बहरूपियों को उजागर करना शुरू करेगी, आधे से ज्यादा बॉलीवुड खाली हो जाएगा।
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मेरी पुस्तक का पृष्ठ 142 |

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने नसीरुद्दीन शाह को जम कर लताड़ लगाई है। कौशल ने नसीरुद्दीन शाह को सलाह दी कि जिस देश ने उन्हें इतना कुछ दिया है, उस देश के प्रति वो कृतघ्नता न दिखाएँ, कृतज्ञ बनें। स्वराज कौशल ने नसीरुद्दीन शाह द्वारा अनुपम खेर को ‘जोकर’ और ‘मनोरोगी’ कहने पर भी आपत्ति जताई। अनुपम खेर के बारे में चर्चा करते हुए स्वराज कौशल ने कहा कि वो वरिष्ठ अभिनेता से पिछले 47 वर्षों से परिचित हैं। ये बात तब की है, जब वो क़ानून की पढ़ाई कर रहे थे और उस वक़्त अनुपम व किरण दिग्गज थिएटर निर्देशक बलवंत गार्गी के संरक्षण में अभिनय का प्रशिक्षण ले रहे थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में पढ़ाने वाले बलवंत गार्गी ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘इंडियन थिएटर डिपार्टमेंट’ की स्थापना की थी। उनके अन्य छात्रों में पूनम ढिल्लों और सतीश कौशिक शामिल हैं। स्वराज कौशल ने कहा कि वो अनुपम व किरण को तभी से जानते हैं, जब वो बलवंत के छात्र थे। उन्होंने बताया कि अनुपम खेर एक ईमानदार और सच्चे व्यक्ति हैं, जिन्होंने ख़ुद ही सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ी हैं। स्वराज कौशल ने किरण को पहली बार तब देखा था, जब वो 1971 में ‘Desire Under The Elms’ नामक नाटक का मंचन कर रही थीं।
स्वराज कौशल ने जानकारी दी कि किरण एक बहुत अच्छी बैडमिंटन की खिलाड़ी थीं। उन्होंने बताया कि अगर वो ग़लत नहीं हैं तो किरण बैडमिंटन के मामले में इंडिया चैंपियन थीं। किरण ने अंग्रेजी साहित्य में फर्स्ट डिवीजन से एमए का कोर्स पूरा किया। उनकी ही तरह उनकी बहन कँवल ठाकुर सिंह भी काफ़ी प्रतिभावान थीं। स्वराज कौशल ने बताया कि किरण के पिता सेना के सम्मानित अधिकारी थे। उनका परिवार शहर के सबसे लोकप्रिय व धनाढ्य परिवारों में से एक था। स्वराज ने बताया कि किरण को पूरा शहर जनता था और लोग उनकी ख़ूब तारीफ़ करते थे। अनुपम खेर के बारे में कौशल ने आगे बताया:
“अनुपम खेर थिएटर के एक पारंगत अभिनेता हुआ करते थे- कुशल और दक्ष। जब वो मंच संभालते तो दर्शक किसी दूसरी ही दुनिया में खो जाया करते थे। वो एक स्टार बन गए थे लेकिन उन्होंने अपनी जड़ों को कभी नहीं भुलाया। मैं उस वक़्त के कई सितारों को जानता हूँ। अनुपम खेर के सिर उनका स्टारडम कभी नहीं चढ़ा। वो डाउन टू अर्थ बने रहे। उन्होंने अपनों को कभी नहीं त्यागा। उनका श्रीनगर में भी एक घर है लेकिन कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के बाद वो वहाँ नहीं रह सकते हैं।”
of Kashmir. Is he not entitled to weep out his pain ? What is it that you have and Anupam Kher does not have ? You think you are a better actor than Anupam Kher ? You are sadly mistaken.— Governor Swaraj (@governorswaraj) January 22, 2020
Anupam is an honest, upright and a self made man. I saw Kirron on stage when she did "Desire under the Elms" in 1971. She was an ace Badminton player. I think she was India Champion. She is M.A (English literature) First Class First. So was her sister Kanwal Thakur Singh.— Governor Swaraj (@governorswaraj) January 22, 2020
स्वराज कौशल ने पूछा कि क्या एक कश्मीरी पंडित होने के नाते अनुपम खेर को अपनी व्यथा बताने और अपना दर्द बयान करने का अधिकार नहीं है? उन्होंने नसीरुद्दीन शाह से पूछा कि उनके पास ऐसा क्या है, जो अनुपम खेर ने नहीं प्राप्त किया हो? स्वराज कौशल ने कहा कि अगर नसीरुद्दीन शाह समझते हैं कि वो अनुपम खेर से बेहतर अभिनेता हैं तो वो ग़लतफ़हमी में जी रहे हैं। स्वराज कौशल ने नसीर को कृतघ्न बताते हुए कहा कि इस देश ने उन्हें नाम, पैसा और शोहरत सब कुछ दिया लेकिन वो जबरन हताशा में जी रहे हैं।
स्वराज कौशल ने याद दिलाया कि नसीरुद्दीन शाह ने अपनी क़ौम से बाहर जाकर शादी की लेकिन किसी ने उन्हें एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि नसीर के भाई सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रहे। उन्होंने पूछा कि इस देश से उन्हें और क्या चाहिए? उन्होंने आश्चर्य जताया कि यही नसीरुद्दीन आज भेदभाव और निष्ठुरता की बात करते हैं। स्वराज कौशल ने लताड़ लगाते हुए कहा कि जब नसीरुद्दीन प्रलाप करते हैं तो ये उनका विवेकपूर्ण विचार बन जाता है जबकि अनुपम खेर अपने ही देश में शरणार्थी बना दिए गए लेकिन जब वो कश्मीरी पंडितों की बात करते हैं तो उन्हें मानसिक रूप से विक्षिप्त कहा जाता है।
स्वराज कौशल ने नसीरुद्दीन शाह को लेकर कहा कि जिस देश ने उन्हें सब कुछ दिया, आज वो उसी देश के प्रति कृतघ्न बन रहे हैं। उन्होंने अनुपम खेर की सधी हुई प्रतिक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने काफ़ी सभ्य भाषा में जवाब दिया है। उन्होंने किरण खेर के चंडीगढ़ से लगातार 2 बार सांसद चुने जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नसीर एक तुच्छ और नीचतापूर्ण तरीके से प्रलाप कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नसीरुद्दीन शाह का गुस्सा उनकी कुंठा को दिखाता है।
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