दिल्ली चुनाव : केजरीवाल सरकार ने कांग्रेस घोटालों का पर्दाफाश क्यों नहीं किया?

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली विधानसभा का ऐलान होने के साथ आज(जनवरी 21) को नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान है। इधर, आम आदमी पार्टी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में उनकी सरकार दोबारा बनने जा रही है लेकिन हकीकत यह है कि अरविंद केजरीवाल ने 2015 में 70 वायदे किए थे लेकिन ज्यादातर वादों को उन्होंने पूरा नहीं किया।
कांग्रेस घोटालों को नज़रअंदाज़ किया 
2015 तक कांग्रेस के घोटालों का ढोल पीटा, तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जेल भेजने के सब्जबाग दिखा कर खूब जनता को भ्रमित कर, सत्ता तो प्राप्त कर ली, लेकिन पिछली सरकार के दौरान हुए किसी भी घोटाले को छुआ तक नहीं। जिससे जनता को यह प्रमाणित कर दिया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सिक्के के एक ही पहलू हैं, अंदरखाने दोनों एक ही है, ये तो केवल जनता को पागल बनाने के लिए, चुनावी सभाओं में कांग्रेस पर प्रहार होते रहे और वही इस चुनाव में भी। जनता कहीं पिछले घोटालों पर कोई कार्यवाही न करने के बारे में पूछ ले, चलो जनता को मुफ्त की बिजली(वह भी केवल मार्च तक), महिलाओं को फ्री बस यात्रा के लॉलीपॉप देकर फिर से वोट बटोर लो। 
पिछली सरकार के घोटालों पर चर्चा तक इसलिए नहीं हुई, क्योकि ये खुद घोटालों में लिप्त होने शुरू हो गए, जो सत्ता परिवर्तन पर ही उजागर होंगे, वह भी तब जब भाजपा आती है, कांग्रेस नहीं। कांग्रेस से आशा इसलिए नहीं कि जिस तरह केजरीवाल ने कांग्रेस के घोटालों पर पर्दा डाला, कांग्रेस भी केजरीवाल के घोटालों पर पर्दा डालेगी, जो स्वाभाविक भी है। 
बिजली के तेज भागते मीटर पर कोई कार्यवाही नहीं
जनता को आश्वासन दिया गया था कि सत्ता में आने पर बिजली के तेज भागते मीटर लगवाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, सत्ता सँभालते ही चुप्पी साध ली, क्यों?
जन लोकपाल बिल लागू नहीं
2015 में आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा मुद्दा जनलोकपाल बिल था, लेकिन 5 साल बाद भी इस कानून को दिल्ली में लागू नहीं किया गया। जनलोकपाल बिल के नाम पर सत्ता में आने वाले पार्टी अब इस मुद्दे को भूल गई। सिर्फ और सिर्फ दिखावे के लिए दिल्ली विधानसभा से इस बिल को पास करा दिया है लेकिन लागू कभी नहीं किया है। सवाल ये है कि हर बात पर धरना-प्रदर्शन करने वाले केजरीवाल ने जनलोकपाल को दिल्ली में लागू क्यों नहीं किया। 
झूठा निकला वाई-फाई का वादा
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि 2015 में सरकार बनने के एक साल बाद ही पूरी दिल्ली में वाई-फाई लागू कर दिया जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि पांच साल बीच जाने के बाद भी इस दिशा में कुछ नहीं किया गया है। चुनाव से पहले दिसम्बर 2019 में सिर्फ और सिर्फ उद्घाटन किया गया लेकिन इसका लाभ दिल्लीवासी को नहीं मिल पा रहा है। हकीकत यह है कि वाई-फाई को लेकर केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से धोखा किया है। 
500 नये स्कूल और 20 कॉलेज 
2015 में अरविंद केजरीवाल ने 500 नये सरकारी स्कूल और 20 कॉलेज खोलने का वादा किया था लेकिन हकीकत यह है कि पिछले पांच सालों के दौरान उन्होंने एक भी नया स्कूल और कॉलेज नहीं खोला। हालंकि दिल्ली सरकार दावा है कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आया है। केजरीवाल सरकार के दावों के इतर दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्टूडेंट्रस के रजिस्ट्रेशन में भी भारी कमी आई है। 
15 लाख CCTV लगाने का किया झूठा वायदा
अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में 10 से 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाने का वादा किया था। सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी वक्त अगस्त 2019 में कुछ हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाने के आदेश दिए। लेकिन हकीकत यह है कि पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के वायदे पर दिल्ली सरकार फेल साबित हुई। सिर्फ दिखावे के लिए कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। दिल्लीवासी पूछ रहे हैं कि आखिर 15 लाख सीसीटीवी कैमरे कब लगेंगे। 
प्रदूषण कम करने के लिए कुछ नहीं किया 
अरविंद केजरीवाल ने घोषणापत्र में वादा किया था कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करेंगे लेकिन प्रदूषण के स्तर को कम करने में सरकार नाकाम रही। दिल्ली में कुछ दिनों तक एक्यूआई लेवल ठीक रहने पर सरकार ने अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन देकर वाहवाही लूटने की कोशिश जरूर की लेकिन हकीकत में दिल्ली का प्रदूषण स्तर कम करने में सरकार कुछ नहीं कर पाई। हर साल अक्टूबर नवंबर के महीने में दिल्ली में इमरजेंसी जैसी स्थिति बन जाती है। यहां तक की दिल्ली सरकार की ऑड ईवन फॉर्मूले को लेकर भी आलोचना ही हुई। 
पांच साल में नहीं साफ हुई यमुना 
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि उनकी सरकार यमुना को साफ कर देगी और लोग यमुना के तट पर भ्रमण कर सकेंगे। यमुना के तट पर महाआरती के कार्यक्रम की शुरुआत जरूर की गई लेकिन यह सिर्फ और सिर्फ दिखावा भर ही रहा। यमुना को साफ करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यमुना को साफ करने का हर प्लेटफॉर्म से वादा करते रहे लेकिन अब चुनाव नजदीक आने पर ये कर रहे हैं कि आने वाले पांच सालों में वे यमुना को साफ कर देंगे।
1000 मोहल्ला क्लीनिक का झूठा वादा 
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि उनकी सरकार पूरी दिल्ली में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलेगी लेकिन अभी तक सिर्फ करीब 400 ही खोले गए है। इससे भी बड़ी बात है कि इन मोहल्ला क्लीनिक की हालत खराब है। मोहल्ला क्लीनिकों में अवारा जानवर घूमते दिख रहे हैं।  केजरीवाल ने वादा किया था कि इन मोहल्ला क्लीनिकों में कई प्रकार के टेस्ट होते हैं लेकिन यह झूठ साबित हुआ।
ठेके के सभी पद नियमित नहीं किए 
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि ठेके के सभी पद नियमित किए जाएंगे लेकिन इस दिशा में भी कोई नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यकरत अतिथि शिक्षकों को अभी तक रेगुलराइज नहीं किया गया था जबकि उन्होंने वायदा किया था इन शिक्षकों को पक्की नौकरी दी जाएगी। इसके खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर विफल 
2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि वे दिल्ली के बाहरी इलाको में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को सुधारेंगे लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। पांच साल बाद भी केजरीवाल इस सवाल पर कहते हैं कि इस दिशा में अगले पांच सालों में काम किया जाएगा। 
8 लाख रोजगार के वादा रहा अधूरा 
अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद 8 लाख रोजगार पैदा करेगी लेकिन इस दिशा में भी दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। 
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