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फोटो साभार: इंडिया टुडे |
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने जब से नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) को लेकर लोगों का भ्रम दूर करने की कोशिश की है तब से पूरा वामपंथी इकोसिस्टम उनके पीछे पड़ा हुआ है। जग्गी वासुदेव ने जितने सरल तरीके से लोगों को सीएए के बारे में बताया, उनका वीडियो सोशल मीडिया पर चहुँओर वायरल हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी यह वीडियो शेयर किया। इसके बाद से ही वामपंथी सद्गुरु से नाराज़ हैं। वामपंथियों ने ‘अब एक साधु बताएगा कि सीएए क्या है’ जैसी बातें कर उनके योगदान को नीचा दिखाना चाहा। उन पर लगातार हमले किए गए।
अब सद्गुरु ने टीवी कैमरा के सामने आकर पत्रकारों को लताड़ लगाई है। राहुल कँवल को दिए गए इंटरव्यू में सद्गुरु ने पूरे प्रोपेगंडा को ध्वस्त करते हुए मीडिया को भी सबक सिखाया। सद्गुरु ने सीएए के बारे में समझाते हुए कहा कि ये क़ानून उनके लिए है जो दिसंबर 2014 तक प्रताड़ना से तंग आकर भारत आ गए है, इसमें नए लोगों को नहीं बुलाया जा रहा है। सद्गुरु ने समझाया कि इससे जनसंख्या पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि जो दिसंबर 2014 के बाद आए या फिर आगे आएँगे, उन्हें तो सीएए के तहत नागरिकता नहीं मिल रही है।
सद्गुरु ने राहुल कँवल से पूछा कि क्या आपने सीएए पढ़ा है? कँवल ने हाँ में जवाब दिया तो सद्गुरु ने सवाल दागा कि क्या ये किसी एक भी भारतीय नागरिक के ख़िलाफ़ है? सद्गुरु का सवाल सुनते ही कँवल बगले झाँकने लगे और उन्होंने कुछ-कुछ बोलना शुरू कर दिया लेकिन जवाब नहीं दिया। सद्गुरु ने कहा कि कँवल सीएए को ग़लत तरीके से देख रहे हैं। सद्गुरु ने ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राहुल कँवल से कहा:
“मुझे एक ही बात पता चल रही है और वो ये कि तुम अभी सिर्फ़ अपने कैमरे के सामने कंट्रोवर्सी चाहते हो। ऐसा मत करो। ये हमारे देश का सवाल है। ये सिर्फ़ ‘माइनॉरिटी प्रॉसिक्यूशन’ नहीं बल्कि ‘रिलीजियस माइनॉरिटी प्रॉसिक्यूशन’ के लिए है। ये समझने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान इस्लामिक मुल्क़ हैं, वो आधिकारिक रूप से सेक्युलर देश नहीं हैं।”
Watch how sadhguru slapped Rahul kanwal pic.twitter.com/IvythC13AK— #SupportCAA (@ExSecular) January 23, 2020
सद्गुरु ने समझाया कि उन सभी लोगों को, जिन्हें धर्म का आधार पर प्रताड़ित किया है और जो भारत में शरण लेकर रह रहे हैं, उन्हें नागरिकता मिल रही है। कँवल बार-बार सवाल पूछते रहे कि भारत सभी को क्यों नहीं बुला रहा, मुस्लिमों को क्यों नहीं बुला रहा? अंत में सद्गुरु ने सवाल किया कि क्या हमारे देश में लोगों की कमी है या जनसंख्या कम है? उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी बाहरी व्यक्ति की ज़रूरत नहीं है, चाहे वो कसी भी धर्म का हो। ऐसा इसीलिए, क्योंकि हमारी जनसंख्या पहले से ही काफ़ी ज़्यादा है।
सद्गुरु ने राहुल कँवल से स्पष्ट कहा कि वे कंट्रोवर्सी चाहते हैं और कंट्रोवर्सी पैदा भी करते हैं। सद्गुरु ने कहा कि इसके उलट वे ईमानदारी से अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि सीएए से किसी भी भारतीय नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सद्गुरु ने एक उदाहरण दिया। मीडिया न्यूज़ एंकर सीएए के विरोध में बच्चों के साथ प्रदर्शन कर रही महिलाओं से पूछते हैं कि वो क्यों धरने पर बैठी हुई हैं तो महिलाएँ कहती हैं कि भारत सरकार उनकी नागरिकता ले रही है, इसलिए।
सद्गुरु की नाराज़गी इस बात से थी कि मीडिया वाले उन प्रदर्शनकारियों को समझा क्यों नहीं रहे कि उनकी नागरिकता कोई नहीं ले रहा और ये सब झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने राहुल कँवल से पूछा कि तुम मीडिया वाले ऐसा क्यों कर रहे हो?


जबकि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन में हो रहे हिन्दू धर्म पर प्रहार और अलगाववादी नारों की नजाकत को कांग्रेस में कुछ वरिष्ठ नेताओं ने गंभीरता से संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। इस बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि राज्यों का सीएए के खिलाफ लाए जा रहे प्रस्ताव का मकसद राजनीति करना है। पीटीआई को दिए इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि कोई भी राज्य इसे लागू करने से इनकार नहीं सकते हैं। क्योंकि नागरिकता देने में राज्यों की कोई भूमिका नहीं होती है। इसलिए कानून के खिलाफ लाए जा रहे प्रस्ताव राजनीति के अलावा कुछ नहीं हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता और मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि राज्य सरकार CAA को लागू करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। अभी हाल ही में पंजाब सरकार ने इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। जबकि केरल विधानसभा भी इसे पास कर चुकी है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 'सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना एक 'राजनीतिक कदम' है क्योंकि नागरिकता देने में राज्यों की बमुश्किल कोई भूमिका है।' आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) भी सीएए को लेकर ऐसा ही बयान दिया था। कपिल सिब्बव ने कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और ऐसा करना असंवैधानिक होगा। सिब्बल ने ट्वीट कर कहा था, "मेरा मानना है कि सीएए असंवैधानिक है। प्रत्येक राज्य विधानसभा के पास इस कानून को वापस लेने की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित करने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन अगर कभी उच्चतम न्यायालय ने इसे संवैधानिक करार दिया तो इसका विरोध करने वाले राज्यों के लिये यह परेशानी का सबब बनेगा।" उन्होंने सीएए के खिलाफ जंग जारी रहने की भी जरूरत पर बल देते हुए कहा कि यह लड़ाई हर हाल में जारी रहनी चाहिए।
अभिषेक सिंघवी ने प्रदर्शनों में अलगाववादी नारों पर कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा था कि CAA के विरोध में अलगाववादी नारे लगाना देशहित में नहीं।
अवलोकन करें:-
सिब्बल के दिए गए बयान से गैरभाजपा शासित राज्यों केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दी थी। ये राज्य सीएए और एनआरसी पर केन्द्र सरकार के रुख से असहमति जताते हुए इसे लागू करने का विरोध कर रहे है।
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