
आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक तरफ कांग्रेस और इसकी समर्थक समस्त मोदी विरोधी पार्टियां CAA पर मुस्लिम समाज को भ्रमित कर देश का माहौल ख़राब करने में व्यस्त है, तो दूसरी तरफ गोवा में कांग्रेस में इसी मुद्दे पर बगावत हो गयी है। संभव है, यह बगावत गोवा से बाहर आने पर भारत की राजनीति में एक नया आयाम आने पर कांग्रेस और इसके समर्थक दल कहीं मुँह छिपाने लायक नहीं रहेंगे।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर कांग्रेस के भीतर का मतभेद भी सामने आने लगा है। पार्टी स्टैंड के विरोध में गोवा के चार नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने पार्टी पर अल्पसंख्यकों खासकर, मुसलमानों को बरगलाने का आरोप लगाया है।
इस्तीफा देने वाले नेताओं में पणजी कांग्रेस ब्लॉक समिति के अध्यक्ष प्रसाद अमोनकर, उत्तर गोवा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रमुख जावेद शेख, ब्लॉक समिति सचिव दिनेश कुबल और नेता शिवराज तारकर शामिल हैं। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद इन्होंने कहा कि वे सीएए का समर्थन करते हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए अमोनकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी नागरिकता कानून पर जनता को, खासकर मुसलमानों को बरगलाने का काम कर रही हैं। वे सीएए और एनआरसी पर पार्टी के गलत रुख का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में होने का मतलब यह नहीं होता कि सरकार के हर काम का विरोध किया जाना चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून का स्वागत किया जाना चाहिए।
अमोनकर के अनुसार कांग्रेस को लोगों को बरगलाना और राजनैतिक फायदा पाने के लिए अल्पसंख्यकों के मन में डर भरने का काम बंद कर देना चाहिए।
Revolt in Goa Cong over party’s anti-CAA stand, 4 leaders quit— Lilly लिल्ली ಲಿಲ್ಲಿ 🇮🇳 (@LillyMaryPinto) January 2, 2020
Panaji Cong block committee president Prasad Amonkar
North Goa minority cell chief Javed Sheikh
Block committee secretary Dinesh Kubal &
Former youth leader Shivraj Tarkar
are in favour of #CitizenshipAmendmentAct
Talking to reporters, Amonkar accused the #Congress of trying to "mislead the public, especially minorities," on the new #CitizenshipAmmendmentAct lawhttps://t.co/HphoG7m1hi— Firstpost (@firstpost) January 2, 2020
कांग्रेस नेता ने बताया कि पिछले हफ्ते नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ गोवा में आयोजित कार्यक्रम का वे सभी हिस्सा थे। लेकिन, वहाँ उन्होंने नेताओं के भाषण सुनकर महसूस किया कि वे अल्पसंख्यकों के दिमाग में डर भरना चाहते हैं। यह सरासर गलत है।
उनके अनुसार, गोवा एक शांतिपूर्ण राज्य है और कांग्रेस यहाँ अल्पसंख्यकों को भड़काने का प्रयास कर रही है। सरकार ने नागरिकता कानून को संवैधानिक प्रक्रिया के बाद पास किया है और वे केवल उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रयास कर रही है, जिनका सदियों से भारतीय संस्कृति से संबंध रहा है।
अमोनकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात है। बावजूद इसके, इन देशों के बहुसंख्यक आबादी भी भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकती है। इसके लिए काफी लंबे समय से प्रावधान है।
कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में अपनी राजनीति साधने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए नए कानून को असंवैधानिक करार दे रही हैं। साथ ही विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होकर इसके प्रति जनता तो भड़काने का काम कर रही है। दिल्ली सहित कई जगहों पर हिंसा में उसके नेता नामजद भी हुए हैं।
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