क्या NDTV पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा है?

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता था, लेकिन कुछ वर्षों से लोकतंत्र का यही चौथा स्तम्भ खंडित हो चूका है, जिसे प्रमाणित कर रहा है, NDTV जो भारत में कार्य करते भारत के दुश्मन पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहा है। NDTV क्या भूल गया कि किस तरह यही पाकिस्तान  आतंकवाद की आड़ में भारत की धरती को खून से लाल कर रहा था? क्या NDTV बेगुनाहों की जान जाने पर अपनी TRP बढ़ाकर तिजोरी भर रहा था। वरना क्या कारण है की NDTV के रिपोर्टर द्वारा पाकिस्तान को नागरिक संशोधन कानून पर हो रहे विरोध की फेक फ़ोटोज़ भेजे जा रहे हैं? भारत विरोध में पाकिस्तान की तो बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है, क्या NDTV के सम्पादकीय मंडल की भी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी है?  
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शुक्रवार (जनवरी 3, 2019) को एक वीडियो ट्वीट किया। उस वीडियो के बारे में उन्होंने बताया कि भारत में पुलिस द्वारा अल्पसंख्यकों पर जुर्म किया जा रहा है। 1 किलो टमाटर के एवज में पाक पीएमओ के एक अधिकारी ने बताया कि जब इमरान ख़ान ये ट्वीट कर रहे थे, तब उनकी टेबल पर यूएन की एक रिपोर्ट पड़ी हुई थी। उस रिपोर्ट में बताया गया था कि इमरान के कार्यकाल में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे मजहबी प्रताड़ना में वृद्धि हुई है इमरान ख़ान 47 पन्नों की उस रिपोर्ट को देखते ही आग बबूला हो गए और उन्होंने वीडियो ट्वीट कर दिया। 
वीडियो फेक निकला। वीडियो में जिन पुलिसवालों को भारत का बता कर दिखाया गया था, उनकी वर्दी पर साफ़-साफ़ RAB लिखा था। रैब, अर्थात रैपिड एक्शन बटालियन। ये बांग्लादेश का सुरक्षा बल है। वीडियो में बंगाली भाषा भी सुनी जा सकती है। लेकिन, इमरान ने इसे यूपी का बता कर ट्वीट कर दिया। दंगाइयों के एक-एक पत्थर के बदले उनकी संपत्ति बिकवाने वाली यूपी पुलिस भला इसे कैसे बर्दाश्त कर सकती थी? यूपी पुलिस ने फैक्ट्स के साथ इमरान को आइना दिखाया। फेक वीडियो शेयर करने वाले इमरान ने फजीहत होने के बाद अपना ट्वीट डिलीट कर लिया।

कुछ सूत्रों ने बताया है कि इमरान ख़ान को ये वीडियो किसी भारतीय पत्रकार ने भेजा था। सोशल मीडिया पर ये बात लीक हो गई। क्विंट, वायर और स्क्रॉल जैसे मीडिया घरानों में हड़कंप मचा कि उनके किसी बाँकुरे ने तो ऐसा नहीं किया। पाकिस्तान इससे पहले भी क्विंट की रिपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पेश कर के कुलभूषण जाधव की फाँसी की सज़ा को सही ठहरा चुका है। हालाँकि, इन तीनों ने पाया कि अभी वो इतने भी बड़े नहीं हुए हैं कि इमरान ख़ान उनका भेजा वीडियो शेयर करें।
Image result for ndtv & imran khanNDTV के पत्रकार ने इमरान खान को फेक वीडियो भेज कर कराई Pak की फजीहत 
अब पता चल रहा है कि एनडीटीवी के किसी पत्रकार ने इमरान ख़ान को ये वीडियो भेजी थी। रवीश कुमार लगातार पुलिस के कथित अत्याचार पर शो कर रहे हैं। एनडीटीवी भी दंगाइयों के घर-घर जाकर उनके माता-पिता का इंटरव्यू ले रहा है। ऐसे में एनडीटीवी के किसी पत्रकार ने ये फेक वीडियो इमरान को भेज दिया। दरअसल, ग़लती उस पत्रकार की भी नहीं है। उसे भी किसी ने ये वीडियो भेजा था और दावा किया था कि इसे व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी से पीएचडी डिग्रीधारी स्कॉलर ने सत्यापित किया है। फिर क्या था, उसने इसे इमरान को ख़ुश करने का मौक़ा समझ इसे गँवाना उचित नहीं समझा।
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सूत्र बताते हैं कि इमरान ख़ान ने ‘Indian Sickulars’ नाम से एक पूरा का पूरा व्हाट्सप्प ग्रुप ही बना रखा है, जिसमें राणा अयूब, सदानंद धुमे और बरखा दत्त सरीखे पत्रकार एडमिन के रूप में उपस्थित हैं। उसी ग्रुप में एनडीटीवी के किसी पत्रकार ने उक्त वीडियो भेजा, जिसे इमरान ने ट्वीट कर दिया। अब इमरान ख़ान ने उक्त पत्रकार को खरी-खोटी सुना कर उसे ग्रुप से लात मार कर निकाल बाहर किया है, क्योंकि उसने फेक वीडियो शेयर कर के पाकिस्तान की बेइज्जती कराई। ग्रुप के एडमिन्स ने भी माना है कि जब सवाल पाकिस्तान को ख़ुश करने का आए, तब उन्हें फेक न्यूज़ से बचना चाहिए।
फेक न्यूज़ पर उस ग्रुप में पूरा डिस्कशन हुआ। इसका निष्कर्ष ये निकला कि फेक न्यूज़ को भारतीय ट्विटर हैंडल्स से ही शेयर किया जाना चाहिए। इसमें पाकिस्तान या इमरान का नाम नहीं आना चाहिए। एनडीटीवी ने भी उक्त पत्रकार को निकाल बाहर करने का फ़ैसला किया है, क्योंकि वो पाकिस्तान से वफादारी के मामले में कोई रिस्क नहीं ले सकता। उसे डर है कि अगर बात जनरल बाजवा तक पहुँची तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसीलिए, एनडीटीवी ने उस पत्रकार को लताड़ कर बाहर कर दिया है। ऐसा भी पता चला है कि उस पत्रकार ने एनडीटीवी के एक बड़े नाम के कहने पर ये वीडियो इमरान को भेजा था।
ये पहली बार नहीं है, जब एनडीटीवी और पाकिस्तान गलबहियाँ डाले घुमते नज़र आ रहे हों। अर्नब गोस्वामी ने भी अपने शो में इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी एनडीटीवी की ख़बरों और राहुल गाँधी के बयानों से विशेष प्रेम करते हैं। एनडीटीवी ने विंग कमांडर अभिनन्दन वर्तमान को लेकर भी पाकिस्तान-परस्त रवैया अपनाया था। इमरान ख़ान की पार्टी इससे पहले भी एनडीटीवी का वीडियो शेयर कर चुकी है। रवीश कुमार ने तो खुलेआम मीडिया को सलाह दे डाली थी कि भारत-पाक विवाद को कवरेज न दें, क्योंकि इससे भाजपा को चुनावी फ़ायदा होता है। इसी तरह एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने ननकाना साहिब पर मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए हमले से ज्यादा इस बात से चिंतित हैं कि कहीं इससे सीएए समर्थकों को फ़ायदा न हो जाए।
एनडीटीवी और पाकिस्तान के एक-दूसरे के प्रति प्रेम को देखते हुए इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि उसके ही किसी पत्रकार ने इमरान ख़ान को ये वीडियो भेजा। एनडीटीवी ने अब अपने सभी पत्रकारों के लिए ‘पाकिस्तान गाइडलाइंस’ जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भविष्य में ऐसी गलतियों से कैसे बचना है। इस बारे में रवीश कुमार ने अपने चैनल के सभी पत्रकारों को ये सन्देश जारी किया है:
“हमारे पत्रकार ने तो इमरान ख़ान को सही वीडियो भेजा था। उसके फोन से इमरान के फोन तक पहुँचते ही वीडियो बदल गया। क्या आपको नहीं लगता कि ये भाजपा आईटी सेल की करतूत है। वो हमारे मोबाइलों में घुस चुके हैं। आप लोग टीवी मत देखिए, मोबाइल भी यूज नहीं कीजिए। भाजपा आईटी सेल वालों ने रास्ते में ही वीडियो मैसेज को पकड़ के उसे बदल दिया। क्या एक देश के प्रधानमंत्री की इस तरह बेइज्जती कराना सही है? क्या हमें हमारे प्यारे पड़ोसी से मिलजुल कर नहीं रहना चाहिए? आपलोग अपने-अपने मोबाइल फोन फोड़ डालिए क्योंकि उनमें आईटी सेल घुस चुका है। कभी-कभी तो मैं भी लिखना कुछ चाहता हूँ और लिख कुछ और देता हूँ। आईटी सेल वाले टाइपिंग के समय उँगलियों को इधर-उधर कर देते हैं। डर का माहौल है।”
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एनडीटीवी को इस बात का डर है कि कहीं उसके बचे-खुचे निवेशक भी नाराज़ न हो जाएँ। इसलिए, प्रणय रॉय ने कहा है कि जल्द से जल्द पाकिस्तान और इमरान ख़ान को ख़ुश करने के लिए कुछ किया जाए, नहीं तो वित्तीय संकट से जूझ रहे चैनल को बेचने की नौबत आ सकती है। वहीं क्विंट, वायर और स्क्रॉल काफ़ी ख़ुश हैं। इमरान भी अब एनडीटीवी से उब कर इन तीनों में से किसी को पूर्ण पाकिस्तानी छत्रछाया प्रदान कर सकते हैं। रेस में तो न्यूज़लॉन्ड्री भी है लेकिन उसे अभी ‘इंटर्न’ होने के कारण ये मौक़ा नहीं दिया जा सकता। ऑपइंडिया जल्द ही आपको इस बारे में सूचित करेगा।

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