आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक
नागरिकता संशोधक कानून का विरोध करने में अभिनेत्री स्वरा भास्कर जनता को भ्रमित करने के चक्कर में स्वयं इतनी भ्रमित हो गयी कि अपनी आयु भी भूल गयीं। ऐसा विरोध और भ्रमिक प्रचार भी किस काम का जब विरोधी अपनी व्यक्तिगत सुधबुध खो दे।
स्वरा की वास्तविक उम्र लगभग 32 वर्ष है क्योंकि उनका जन्म अप्रैल 9, 1988 को हुआ था। इस हिसाब से 2010 में उनकी उम्र कितनी होगी? स्पष्ट है, आज से 10 साल पहले वो 22 वर्ष की रही होंगी। लेकिन, ख़ुद स्वरा भास्कर ऐसा नहीं मानतीं। उनका कहना है कि वो 2010 में 15 साल की थी। यानी, पिछले 10 सालों में स्वरा की उम्र 17 वर्ष बढ़ गई है।
10 साल में 17 साल आगे बढ़ जाने का कारनामा स्वरा भस्कर जैसी वामपंथी अभिनेत्री ही कर सकती हैं, जिनका बॉलीवुड में भी फ़िलहाल बुरे दिन ही चल रहे हैं। जब से स्वरा ने CAA का विरोध करना शुरू हुआ है, इनके फ़िल्मी कैरियर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है और यदि यही हाल रहा, निश्चित ही फिल्म जगत में लुप्त हो जाएंगी। स्वरा कम से कम किसी एक ऐसे देश का नाम जनता को बताएं, जहाँ नागरिकता कानून नहीं है। भारत में काफी समय से इस कानून की मांग हो रही थी, लेकिन तुष्टिकरण के चलते कोई कानून बनाने का साहस नहीं कर पाया था।
स्वरा भास्कर से सवाल पूछा गया था कि जब 2010 में यूपीए के समय एनआरसी और एनपीआर को लेकर अहम फ़ैसले लिए गए थे, तब उन्हें दिक्कत क्यों नहीं हुई?
स्वरा भास्कर ने इसके बाद अपने गणितीय ज्ञान का परिचय दिया, जो सोशल मीडिया के लिए मजाक का विषय-वस्तु बना। ‘पोलिटिकल कीड़ा’ के इस वायरल वीडियो को आप भी देखिए:
फरवरी 22 को लखनऊ में आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ के पाँचवें संस्करण के दौरान बोलते हुए अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने मोदी सरकार पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वो सरकार पर भरोसा नहीं करती हैं। उन्होंने आगे कहा:
“मुझे सरकार के काम और हरकतों पर भरोसा नहीं है। बिना एनआरसी और एनपीआर के सीएए के कोई पंजे और नाखून नहीं है। क्या जरूरत पड़ी कि देश में एनआरसी और सीएए फिर से लागू हो? जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी है। राष्ट्रवादी होना कोई आरोप नहीं है। राष्ट्र के नाम पर हत्यारे को छोड़ देना आरोप है। सीएए को एनपीआर और एनआरसी से अलग करके नहीं देख सकते। बिल का विरोध अब इसलिए हो रहा क्योंकि गृह मंत्री ने बार-बार समुदाय विशेष को लाने की बात की।”
‘अनारकली ऑफ़ आरा’ जैसी फ्लॉप फ़िल्म में काम कर चुकीं अभिनेत्री भास्कर ने कहा कि सरकार को मालूम नहीं है कि उसे क्या करना है? उन्होंने कहा कि एनआरसी में कई डरावने प्रावधान हैं। जब उनसे पूछा गया कि एनआरसी के ड्राफ्ट कहाँ हैं तो स्वरा भास्कर ने कहा कि ये सब देखना मेरा काम नहीं है। मतलब बिना ड्राफ्ट आए ही स्वरा को पता चल गया कि एनआरसी में डरावने प्रावधान हैं।
उधर स्वरा भास्कर के साथी ज़ीशान अयूब भी आजकल पब्लिसिटी के लिए कुछ-कुछ बोलते रहते हैं। उन्होंने भी कहा कि सीएए दक्षिणपंथी विचारधारा से आया है। ज़ीशान ने कहा कि शरजील इमाम ने जो भी किया उसके लिए गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन देशद्रोह का केस उन्हें ‘ज्यादा’ लगता है।
नागरिकता संशोधक कानून का विरोध करने में अभिनेत्री स्वरा भास्कर जनता को भ्रमित करने के चक्कर में स्वयं इतनी भ्रमित हो गयी कि अपनी आयु भी भूल गयीं। ऐसा विरोध और भ्रमिक प्रचार भी किस काम का जब विरोधी अपनी व्यक्तिगत सुधबुध खो दे।
स्वरा की वास्तविक उम्र लगभग 32 वर्ष है क्योंकि उनका जन्म अप्रैल 9, 1988 को हुआ था। इस हिसाब से 2010 में उनकी उम्र कितनी होगी? स्पष्ट है, आज से 10 साल पहले वो 22 वर्ष की रही होंगी। लेकिन, ख़ुद स्वरा भास्कर ऐसा नहीं मानतीं। उनका कहना है कि वो 2010 में 15 साल की थी। यानी, पिछले 10 सालों में स्वरा की उम्र 17 वर्ष बढ़ गई है।
10 साल में 17 साल आगे बढ़ जाने का कारनामा स्वरा भस्कर जैसी वामपंथी अभिनेत्री ही कर सकती हैं, जिनका बॉलीवुड में भी फ़िलहाल बुरे दिन ही चल रहे हैं। जब से स्वरा ने CAA का विरोध करना शुरू हुआ है, इनके फ़िल्मी कैरियर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है और यदि यही हाल रहा, निश्चित ही फिल्म जगत में लुप्त हो जाएंगी। स्वरा कम से कम किसी एक ऐसे देश का नाम जनता को बताएं, जहाँ नागरिकता कानून नहीं है। भारत में काफी समय से इस कानून की मांग हो रही थी, लेकिन तुष्टिकरण के चलते कोई कानून बनाने का साहस नहीं कर पाया था।
स्वरा भास्कर से सवाल पूछा गया था कि जब 2010 में यूपीए के समय एनआरसी और एनपीआर को लेकर अहम फ़ैसले लिए गए थे, तब उन्हें दिक्कत क्यों नहीं हुई?
स्वरा भास्कर ने इसके बाद अपने गणितीय ज्ञान का परिचय दिया, जो सोशल मीडिया के लिए मजाक का विषय-वस्तु बना। ‘पोलिटिकल कीड़ा’ के इस वायरल वीडियो को आप भी देखिए:
Ram Ram ji 🙏 🤣 🤣 #swarabhaskar is good entertainment, better than Lot of Standup Comedians pic.twitter.com/veWZHhCdyY #PayalRohatgi— PAYAL ROHATGI & Team- Bhagwan Ram Bhakts (@Payal_Rohatgi) February 22, 2020
फरवरी 22 को लखनऊ में आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ के पाँचवें संस्करण के दौरान बोलते हुए अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने मोदी सरकार पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वो सरकार पर भरोसा नहीं करती हैं। उन्होंने आगे कहा:
“मुझे सरकार के काम और हरकतों पर भरोसा नहीं है। बिना एनआरसी और एनपीआर के सीएए के कोई पंजे और नाखून नहीं है। क्या जरूरत पड़ी कि देश में एनआरसी और सीएए फिर से लागू हो? जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी है। राष्ट्रवादी होना कोई आरोप नहीं है। राष्ट्र के नाम पर हत्यारे को छोड़ देना आरोप है। सीएए को एनपीआर और एनआरसी से अलग करके नहीं देख सकते। बिल का विरोध अब इसलिए हो रहा क्योंकि गृह मंत्री ने बार-बार समुदाय विशेष को लाने की बात की।”
‘अनारकली ऑफ़ आरा’ जैसी फ्लॉप फ़िल्म में काम कर चुकीं अभिनेत्री भास्कर ने कहा कि सरकार को मालूम नहीं है कि उसे क्या करना है? उन्होंने कहा कि एनआरसी में कई डरावने प्रावधान हैं। जब उनसे पूछा गया कि एनआरसी के ड्राफ्ट कहाँ हैं तो स्वरा भास्कर ने कहा कि ये सब देखना मेरा काम नहीं है। मतलब बिना ड्राफ्ट आए ही स्वरा को पता चल गया कि एनआरसी में डरावने प्रावधान हैं।
उधर स्वरा भास्कर के साथी ज़ीशान अयूब भी आजकल पब्लिसिटी के लिए कुछ-कुछ बोलते रहते हैं। उन्होंने भी कहा कि सीएए दक्षिणपंथी विचारधारा से आया है। ज़ीशान ने कहा कि शरजील इमाम ने जो भी किया उसके लिए गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन देशद्रोह का केस उन्हें ‘ज्यादा’ लगता है।
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