वारिस पठान का सिर कलम करो, 11 लाख रुपए का ईनाम पाओ: मुस्लिम संगठन हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चाकी घोषणा

वारिस पठान
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान द्वारा पिछले दिनों दिए गए एक विवादित बयान का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पठान के बयान का लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं। हिंदू संगठनो के साथ-साथ अब मुस्लिमों संगठनों ने भी पठान के बयान का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, बिहार के एक मुस्लिम संगठन ने वारिस पठान का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया है।
बीते दिन शुक्रवार(फरवरी 21) को बिहार के मुजफ्फरपुर में कंपनी बाग रोड स्थित कुछ हिन्दू और मुस्लिम संगठनों ने एक साथ रोड पर आकर वारिस पठान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हाथों में बैनर लेकर निकले लोग पठान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। बैनर लिए चल रहे लोगों ने पठान के फोटो को जूतों से पीटना शुरू कर दिया और देखते ही देखते लोगों ने बैनर को आग के हवाले कर दिया। मुजफ्फरपुर के एक अल्पसंख्यक सामाजिक संगठन हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा ने वारिस पठान का सिर कलम करने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर दी
इससे पहले गुरुवार(फरवरी 20) को अपने बयान पर सफाई देते हुए वारिस पठान ने कहा था, “मैंने देश और किसी धर्म के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा है। सीएए के खिलाफ हर धर्म के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता तो गोली तक मारने की बात कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी देश के लोगों को बाँटना चाहती है। मैं अपने बयान पर माफी नहीं माँगूँगा। वहीं इस बयान को लेकर पठान के खिलाफ पुणे में शिकायत दर्ज कराई गई है।
बीते दिनों सीएए के ख़िलाफ गुलबर्ग में रैली आयोजित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के पूर्व MLA वारिस पठान के भाषण का एक वीडियो सामना आया था। भाषण में वारिस पठान ने सीएए के ख़िलाफ़ बोलते हुए कहा था, “उनकी (मुसलमानों की) संख्या अभी 15 करोड़ है, लेकिन ये 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है। अगर ये 15 करोड़ साथ में आ गए, तो सोच लो उन 100 करोड़ हिंदुओं का क्या होगा?”


वारिस पठान ने 15 मिनट की अपनी बातचीत में ओवैसी को शेर बताते हुए सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को शेरनियाँ बताया था। उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि हिंदुओं को हिलाना है और मोदी-अमित शाह के तख्त को गिराना है, तो आवाज ऐसी बनानी है कि वो आवाज यहाँ से निकले और सीधे दिल्ली के अंदर जाकर गिरे।
अवलोकन करें:-
एक तरफ मुस्लिम हितों के लिए बनी पार्टियां सेकुलरिज्म की बात करती हैं, वहीं दूसरी तरफ, मुसलमानों से सेकुलरिज्म भूल जाने को कहते हैं। कुछ समय पूर्व लिखे शीर्षक "सेकुलरिज्म सिर्फ तब तक, जब तक भारत में इस्लाम की हकूमत नहीं ले आते : अरफ़ा खानुम", शत-प्रतिशत नागरिकता संशोधक कानून के विरोध की इनकी जहरीली मानसिकता सामने आ रही है।

वारिस पठान वही नेता हैं, जिनकी 2016 में महाराष्ट्र विधानसभा से सदस्यता इसलिए खत्म कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने सदन में भारत माता की जय बोलने से इनकार कर दिया था।

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