दिल्ली में बन सकती है बीजेपी की सरकार

आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा शुरू से आम आदमी पार्टी (आप) को कड़ी टक्कर देती दिख रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों के बाद पलड़ा भाजपा के पक्ष में भारी हो गया है। मतदाताओं का माहौल बीजेपी के पक्ष में बनता दिखने लगा है। 
चुनाव घोषित होने पर दिल्ली की जनता केजरीवाल द्वारा बांटी मुफ्त की रेवड़ियों में मग्न दिख रही थी। परन्तु मोदी और योगी द्वारा शाहीन बाग़ में हो रहे उन्माद की वास्तविकता को उजागर करने ने चुनावी समीकरण ही बदल दिए। दूसरे, जनहित का ढोल पीटने वाले केजरीवाल ने आज तक जेएनयू में देश-विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी। जो सिद्ध करता है कि केजरीवाल और इनकी पार्टी को देश से ज्यादा पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रेमियों की अधिक चिंता है। जिसका प्रमाण लोकसभा चुनाव रैलियों में भी देखने को मिला। जब वह एक चुनावी सभा में कहते हैं कि मोदी और अमित को दुबारा संसद में मत जाने दो, वरना पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा। देखिए वीडियो :

जिन नेताओं को अपने देश से अधिक अपने दुश्मन देश यानि पाकिस्तान की चिंता हो, उनसे देशहित की कामना करना ही व्यर्थ है। चाहे वह आम आदमी पार्टी, कांग्रेस हो या कोई और, यानि जो पार्टी देशहित की बजाए अपने दुश्मन देश के हित को प्राथमिकता दे, उनके हाथ देश सुरक्षित कैसे रह सकता है? आखिर किस दबाव में केजरीवाल ने जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत क्यों नहीं दी? जो एक कानूनी प्रक्रिया है। 
नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार बीजेपी के इंटरनल सर्वे में पार्टी को 27 और आप को 26 सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 8 से 9 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। बाकी की सीटों पर बीजेपी और आप के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की स्थिति और सुधरने की उम्मीद है। इस इंटरनल सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने मतदाताओं के सामने शाहीन बाग, सर्जिकल स्ट्राइक, बाटला हाउस जैसे मुद्दों पर जिस तरह खुलकर अपनी बात सामने रखी है, उसका लोगों पर काफी असर पड़ता दिख रहा है।
Image may contain: one or more peopleआइए जानते हैं कि आखिर दिल्ली के मतदाताओं का केजरीवाल से मोहभंग क्यों हुआ है-
दिल्ली के मतदाता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठे वादे और तुष्टिकरण की नीति से तंग आ चुके हैं। केजरीवाल राजनीति के कीचड़ को साफ करने के लिए सियासी मैदान में उतरे थे, लेकिन खुद दलदल में फंसते गए। उन्होंने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी किसी दागी को उम्मीदवार नहीं बनाएगी, लेकिन सत्ता में आते ही उसे भुला बैठे। एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आधे से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आम आदमी पार्टी के 70 उम्मीदवारों में से 36 पर आपराधिक मामले दर्ज है।
दागी विधायकों की संख्या बढ़ी
केजरीवाल की सरकार सिर्फ अराजकता से ही नहीं, बल्कि आपराधियों से भी भरी हुई है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सरकार में केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराधों के तहत केस दर्ज हैं और ये जेल भी जा चुके हैं। पार्टी के कई विधायकों पर संगीन आरोप लग चुके हैं और कई तो जेल की हवा भी खा चुके हैं। समय के साथ केजरीवाल के साथी असीम अहमद, राखी बिड़लान, अमानतुल्ला, दिनेश मोहनिया, अखिलेश त्रिपाठी, संजीव झा, शरद चौहान, नरेश यादव, करतार सिंह तंवर, महेन्द्र यादव, सुरिंदर सिंह, जगदीप सिंह, नरेश बल्यान, प्रकाश जरावल, सहीराम पहलवान, फतेह सिंह, ऋतुराज गोविंद, जरनैल सिंह, दुर्गेश पाठक, धर्मेन्द्र कोली और रमन स्वामी जैसे आप विधायक और नेताओं पर आरोपों की लिस्ट लंबी होती गई है। जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति ने दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी। उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ अपराधियों की पार्टी बनकर रह गई है।

छेड़खानी में फंसे कई आप विधायक
दिल्ली के मुख्यमंत्री महिलाओं के मुद्दे पर कितने संवेदनशील है इसका अंदाजा इससे लगता है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न के एक मामले में पीड़िता को समझौता करने के लिए कहा था। नरेला से आप कार्यकर्ता सोनी ने मौत से पहले पार्टी के ही एक कार्यकर्ता रमेश भारद्वाज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि रमेश भारद्वाज की शिकायत लेकर वह मुख्यमंत्री से भी मिली थी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारद्वाज से समझौता करने को कहा। अरविन्द ने कहा था कि बैठकर बात कर लो, रमेश माफी मांग लेगा। महिला ने आरोप लगाया कि रमेश शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। वह कहता था कि राजनीति में ऊपर जाने के लिए समझौता करना पड़ता है। सोनी मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को जेल भी जाना पड़ा क्योंकि सोनी ने उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।

इसके साथ ही प्रकाश जारवाल पर एक महिला ने छेड़खानी और धमकी देने का आरोप लगाया। आप नेता रमन स्वामी पर संगीन इल्जाम लगा कि उन्होंने शादीशुदा महिला के साथ बलात्कार किया। महिला ने नेताजी पर दोस्ती के बाद नौकरी दिलाने का झांसा देने और बलात्कार करने का आरोप लगाया जो मेडिकल परीक्षण में साबित भी हुआ। दिनेश मोहनियां पर न सिर्फ एक महिला ने बदसलूकी का आरोप लगाया था, बल्कि एक बुजुर्ग ने भी उनके खिलाफ थप्पड़ जड़ने का आरोप लगाया था। विधायक अमानुल्लाह खान पर उनके ही इलाके में रहने वाली एक महिला ने बलात्कार और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया। महिला कल्याण मंत्री संदीप कुमार ने तो ऐसा कारनामा कर डाला कि केजरीवाल सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं रह गयी। एक ऐसी सीडी सामने आयी जिसमें संदीप कुमार महिलाओं के साथ अंतरंग अवस्था में थे।
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