त्यागपत्र : जाकिर नाइक को शरण और भारत के खिलाफ जहर उगलना मलेशियाई PM को पड़ा महंगा

मलेशिया, महातिर मोहम्मदमलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने आज अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 94 वर्षीय महातिर ने सोमवार(फरवरी 24, 2020) को अपना त्यागपत्र देश के राजा को सौंप दिया। देश के प्रधानमंत्री कार्यालय ने खुद इसकी सूचना दी। मलेशिया के पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से सरकार गिराने की कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री ने अपना इस्तीफा किंग को सौंप दिया है।
विश्व के सबसे उम्रदराज नेता 94 वर्ष के महातिर ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों के बाद यह फैसला लिया है। इस चौंकाने वाली खबर आने से 24 घंटे पहले तक मलेशिया की राजनीति में काफी नाटक देखने को मिला था, जिसमें ‘पैक्ट ऑफ होप’ गठबंधन के प्रतिद्वंद्वी और विपक्षी नेता नई सरकार बनाने का प्रयास करते नजर आए थे। इसके अलावा ये भी खबर थी कि गठबंधन महातिर के संभावित उत्तराधिकारी अनवर को बाहर करने की योजना बना रहा था और उनकी पार्टी के ज्यादातर सांसद किसी भी वक्त उनके प्रधानमंत्री बनने की राह में परेशानी खड़ी करने की फिराक में थे।
कुछ समय पहले तक अनवर और महातिर के बीच संबंध अच्छे नहीं थे, लेकिन 2018 के चुनावों से पहले उनमें मित्रता हो गई थी। महातिर ने उनके पूर्व दुश्मन को सत्ता सौंपने की बात कई बार दोहराई थी। मगर, सोमवार(फरवरी 24) की सुबह कोशिशें बेकार होती दिखीं जब उनके कार्यालय ने घोषणा की कि महातिर ने मलेशिया के प्रधानमंत्री के तौर पर दोपहर एक बजे राजा को अपना इस्तीफा भेज दिया है। अब आगे क्या होगा इस बारे में फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है।

हिन्दुओं के ख़िलाफ़ जहर उगलने वाले भगोड़े जाकिर नाइक को शरण देने वाले मलेशिया के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए महातिर पिछले कुछ समय से भारत के खिलाफ जमकर जहर उगल रहे थे। मुसलमानों का नया मसीहा बनने की कोशिश में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर पर गलतबयानी करते हुए भारत पर कई आरोप मढ़े थे। रोहिंग्या मुसलमानों पर कथित अत्याचार का रोना रोया था। लेकिन, चीनी बर्बरता झेलने को मजबूर उइगर मुसलमानों को उनके ही हाल पर छोड़ दिया था।
महातिर ने अपने भाषण में कहा था कि जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर क़ब्ज़ा किया गया। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कानूनों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए। इतना ही नहीं, मलेशिया ने पिछले दिनों ही पाकिस्तान और तुर्की के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक इस्लामी टीवी चैनल शुरू करने का भी फैसला किया था।

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