आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगे की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गुंडे नेता लपेटे में आ रहे हैं। आज दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पूछती है, क्या अपनी पार्टी से गुंडों को पार्टी से बाहर करेंगे?
दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों में 42 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 250 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं। इन मुस्लिम दंगाइयों की भयावहता और पूर्व नियोजित साजिश की पोल एक-एक कर खुलती जा रही है। इन्होंने हिन्दुओं को निशाना बनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी और इसी के तहत इस खूनी दंगे को अंजाम दिया गया। विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हिन्दुओं के घरों को जलाया गया, उनकी दुकानों में तोड़-फोड़ की गई, तो कहीं ‘अल्लाहु अकबर’ और ‘नारा-ए-तकबीर’ के साथ मुस्लिम भीड़ ने विनोद नाम के हिन्दू शख्स की जान ले ली। इसी तरह शिव विहार की छतों पर पत्थर और बम दूर तक फेंकने के लिए गुलेल का इस्तेमाल किया गया।
शिव विहार के स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस हिंसक दंगे को अंजाम देने से एक घंटा पहले यहाँ के वर्तमान AAP विधायक हाजी युनूस ने हिन्दू बहुल इलाके में शांति मार्च निकाला था। हिन्दू बहुल इलाके में इस शांति मार्च के जरिए ये कहा गया कि शांति बनाए रखें। लेकिन इसके बाद क्या हुआ और क्या किया गया, असल खबर वही है। हिन्दुओं के इलाकों से शांति मार्च निकालने के बाद विधायक हाजी युनूस बगल की एक मस्जिद में जाते हैं, वहाँ मीटिंग करते हैं… और फिर हिंदुओं के ऊपर 400 लीटर पेट्रोल के साथ हमला किया जाता है।
इसके बाद पूर्व विधायक भीष्म शर्मा के स्कूल को तहस-नहस कर दिया जाता है। स्कूल के 30 साल का रिकॉर्ड सब राख हो चुका है। इसी तरह शिव विहार तिराहे के पास के डीआरपी स्कूल को जला दिया गया, जो एक हिन्दू का था। उसके बगल में एक मुस्लिम का स्कूल था, उसको कुछ भी नुकसान नहीं हुआ है, जबकि हिन्दू के स्कूल को पूरी तरह से जलाकर खाक कर दिया गया।
स्मरण आता है, पिछली विधान सभा में चाँदनी चौक की तत्कालीन विधायिका अल्का लम्बा ने भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा की जमुना बाजार में हनुमान मन्दिर पर शिव मिष्ठान भंडार पर जाकर स्मैक के नाम पर तोडा-फोड़ी की थी। यानि आप में दहशर्तगर्तों की कोई कमी नहीं।
इन खूनी दंगों से यहाँ के हिन्दू इतने ज्यादा दहशत में हैं कि उनका कहना है कि ऐसे माहौल में वो यहाँ नहीं रह सकते हैं। पीड़ितों में से एक ने कहा, “अगर यही माहौल रहा तो हम यहाँ नहीं रहेंगे, गाँव से जमीन बेचकर यहाँ आए थे, अब यहाँ से बेचकर कहीं और चले जाएँगे। मेरी बेटी गार्गी कॉलेज में पढ़ती है। वह 5 दिन से घर लौटकर नहीं आई है। वो अपनी सहेली के साथ पीजी में रूकी हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “यहाँ बीच में एक गंदा नाला है। यहाँ पर एक पुलिया बनाया गया है, जहाँ से वो लोग इधर आए। हमारे हिन्दू बेल्ट के एक भी भाई उस तरफ नहीं गए। वो हमारी कॉलोनी में आकर घुसे हैं। हिन्दू उधर नहीं गए। उन्होंने हम पर हमला किया है। हमने नहीं किया है।
अवलोकन करें:-
पिछले 5 साल यहाँ पर बीजेपी का विधायक रहा, एक पत्ता तक नहीं हिला। चुनाव तक माहौल बिल्कुल ठीक था। मगर इसके बाद जैसे ही मुस्लिम विधायक जीतकर आया है, परिस्थितियाँ अचानक से बदल गईं। मुस्लिम विधायक ने हमारे ऊपर अत्याचार करने शुरू कर दिए।”
दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगे की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गुंडे नेता लपेटे में आ रहे हैं। आज दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पूछती है, क्या अपनी पार्टी से गुंडों को पार्टी से बाहर करेंगे?
दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों में 42 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 250 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं। इन मुस्लिम दंगाइयों की भयावहता और पूर्व नियोजित साजिश की पोल एक-एक कर खुलती जा रही है। इन्होंने हिन्दुओं को निशाना बनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी और इसी के तहत इस खूनी दंगे को अंजाम दिया गया। विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हिन्दुओं के घरों को जलाया गया, उनकी दुकानों में तोड़-फोड़ की गई, तो कहीं ‘अल्लाहु अकबर’ और ‘नारा-ए-तकबीर’ के साथ मुस्लिम भीड़ ने विनोद नाम के हिन्दू शख्स की जान ले ली। इसी तरह शिव विहार की छतों पर पत्थर और बम दूर तक फेंकने के लिए गुलेल का इस्तेमाल किया गया।
शिव विहार के स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस हिंसक दंगे को अंजाम देने से एक घंटा पहले यहाँ के वर्तमान AAP विधायक हाजी युनूस ने हिन्दू बहुल इलाके में शांति मार्च निकाला था। हिन्दू बहुल इलाके में इस शांति मार्च के जरिए ये कहा गया कि शांति बनाए रखें। लेकिन इसके बाद क्या हुआ और क्या किया गया, असल खबर वही है। हिन्दुओं के इलाकों से शांति मार्च निकालने के बाद विधायक हाजी युनूस बगल की एक मस्जिद में जाते हैं, वहाँ मीटिंग करते हैं… और फिर हिंदुओं के ऊपर 400 लीटर पेट्रोल के साथ हमला किया जाता है।
"Haji Yunus took out a 'peace' march in the Hindu belt of Brijpuri & then went for a meeting in the nearby mosque. After that the riots started. The Muslims in neighborhood started attacking us. We Hindus do not feel safe here!"#DelhiRiot2020 #DelhiAgainstJehadiViolence pic.twitter.com/3mJwlKKhM9— Know The Nation (@knowthenation) February 29, 2020
इसके बाद पूर्व विधायक भीष्म शर्मा के स्कूल को तहस-नहस कर दिया जाता है। स्कूल के 30 साल का रिकॉर्ड सब राख हो चुका है। इसी तरह शिव विहार तिराहे के पास के डीआरपी स्कूल को जला दिया गया, जो एक हिन्दू का था। उसके बगल में एक मुस्लिम का स्कूल था, उसको कुछ भी नुकसान नहीं हुआ है, जबकि हिन्दू के स्कूल को पूरी तरह से जलाकर खाक कर दिया गया।
स्मरण आता है, पिछली विधान सभा में चाँदनी चौक की तत्कालीन विधायिका अल्का लम्बा ने भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा की जमुना बाजार में हनुमान मन्दिर पर शिव मिष्ठान भंडार पर जाकर स्मैक के नाम पर तोडा-फोड़ी की थी। यानि आप में दहशर्तगर्तों की कोई कमी नहीं।
इन खूनी दंगों से यहाँ के हिन्दू इतने ज्यादा दहशत में हैं कि उनका कहना है कि ऐसे माहौल में वो यहाँ नहीं रह सकते हैं। पीड़ितों में से एक ने कहा, “अगर यही माहौल रहा तो हम यहाँ नहीं रहेंगे, गाँव से जमीन बेचकर यहाँ आए थे, अब यहाँ से बेचकर कहीं और चले जाएँगे। मेरी बेटी गार्गी कॉलेज में पढ़ती है। वह 5 दिन से घर लौटकर नहीं आई है। वो अपनी सहेली के साथ पीजी में रूकी हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “यहाँ बीच में एक गंदा नाला है। यहाँ पर एक पुलिया बनाया गया है, जहाँ से वो लोग इधर आए। हमारे हिन्दू बेल्ट के एक भी भाई उस तरफ नहीं गए। वो हमारी कॉलोनी में आकर घुसे हैं। हिन्दू उधर नहीं गए। उन्होंने हम पर हमला किया है। हमने नहीं किया है।
अवलोकन करें:-
No comments:
Post a Comment