
तमाम विपक्षी नेता और मीडिया का एक बड़ा वर्ग मजदूरों के पलायन को लेकर मोदी सरकार पर लॉकडाउन के लिए आधी-अधूरी तैयारी होने और योगी सरकार पर उन्हें पिटवाने का आरोप लगा रहे थे। लगातार आ रही ऐसी ख़बरों के बीच योगी सरकार ने उन मजदूरों के लिए सैनिटाइजस बसों का इंतजाम किया। मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया। यानी, बसों का इंतजाम भीड़ जुटने और मीडिया द्वारा हाइप बनाने के बाद हुआ, न कि पहले। इस हिसाब से ‘द क्विंट’ ने केजरीवाल को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ पर हिटजॉब किया है।
अभी रात को भी दिल्ली में जगह जगह से आनंद विहार के लिए डीटीसी की बसें चलाई जा रही हैं— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 28, 2020
इन्हीं बसों से लाखो की भीड़ आनंद विहार में इकठ्ठा हो रही हैं
साफ है ये तमाशा जानबूझकर किया जा रहा हैं
चाहते क्या हो केजरीवाल जी? #KejriwalFailedDelhi pic.twitter.com/fVXCnLbrbA
दिल्ली में इस तरह बस्तियों में रात को माइक से अनाउंसमेंट किये गए थे— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 29, 2020
आनंद विहार के लिए बस जा रही हैं, वहां से आगे यूपी बिहार के लिए बस मिलेगी
सोते हुए लोगों को उठा उठाकर बसों से बॉर्डर पर भेजा गया
ये बहुत सोची समझी साजिश की गई हैं pic.twitter.com/bSOSSy9ILZ
उधर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी कई विडियो जारी कर केजरीवाल सरकार की पोल खोली है। एक विडियो में दिख रहा है कि दिल्ली की गलियों में माइक से अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं। इस अनाउंसमेंट में कहा जा रहा है कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी। सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से उप्र बॉर्डर पर भेजा गया। कपिल मिश्रा ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। शनिवार (मार्च 28, 2020) की रात को भी जगह-जगह से आनंद विहार के लिए बसें चलाई गईं। इन्हीं बसों से वहाँ हज़ारों की भीड़ जुटी। कपिल मिश्रा ने पूछा कि आखिर केजरीवाल चाहते क्या हैं?
सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश फूटा, जहाँ उन्होंने केजरीवल को गिरफ़्तार करने की माँग की। लोगों ने कहा कि उनकी इस हरकत को देखते हुए उनके लिए कोई संसदीय शब्द का इस्तेमाल किया ही नहीं जा सकता। कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली में तो राजस्थान और हरियाणा के भी लोग रहते हैं, उन्हें अपने घरों में क्यों नहीं भेजा गया? कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली से सिर्फ बिहारी और यूपी के मजदूर ही क्यों पलायन कर रहे हैं, जबकि रोहिंग्या और अन्य घुसपैठिए सुरक्षित हैं? कुछ लोगों के सवाल थे कि जब केजरीवाल ने बसें उपलब्ध कराई ही थी तो गंतव्य तक क्यों नहीं छोड़ा? बॉर्डर पर ही क्यों छोड़ दिया?
अवलोकन करें:-
उधर, उत्तर प्रदेश में मजदूरों के लौटने से संकट पैदा हो गया है। आशंका है कि इनमें से कई कैरियर हो सकते हैं, जिसके कारण महामारी फ़ैल सकती है। ‘नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल’ ने इसके लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सरकार को पता है कि ग्रामीण इलाक़ों में कोविड-19 से लड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और अगर वहाँ स्थिति बिगड़ती है तो भारत में माहौल ख़राब हो जाएगा। ऐसे में सरकार इन राज्यों में अब ‘रैपिड रिस्पांस टीम’ के जरिए निगरानी में जुटी है।
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