आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मीडिया का काम होता है सरकार और जनता को जागरूक करना, सचेत करना, न कि भ्रमित कर अपना प्रोपेगंडा चलाना। लेकिन NDTV है कि आतंकवाद से लेकर कोरोना तक अपने प्रोपेगंडा से जनता को भ्रमित करने से बाज़ नहीं आ रहा।
शनिवार(मार्च 14) को रामदेव बाबा ने कोरोना वायरस पर बातचीत करते हुए कहा था कि कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं, बाबा रामदेव ने कुछ लोगो द्वारा गो-मूत्र के प्रयोग किये जाने को भी गलत बताया। केवल सख्ती से सावधानियाँ बरतें। लेकिन एनडीटीवी ने इसे लेकर ऐसी हेडलाइन बनाई कि जो भी उसे पढ़े, वो बाबा रामदेव का उपहास ही उड़ाए।
दरअसल, शनिवार(मार्च 14) को बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस का भय लोगों के भीतर से कम करने के लिए इस पर अपनी बात रखी थी। साथ ही इससे बचे रहने के लिए तरीके बताए थे। उन्होंने कहा था ,“कोरोना वायरस से डरने की ज़रूरत नहीं है लेकिन इसके प्रसार और संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से सावधानी बरतें। जब आप सार्वजनिक स्थानों पर हों या बस, ट्रेन और फ्लाइट से यात्रा कर रहे हों तो आप अपने हाथों के लिए सेनिटाइज़र का उपयोग करें।”
हालाँकि, बाबा रामदेव ने यहाँ वही राय दी थी जो शायद कोई भी जानकार इंसान अपने फॉलोवर्स को दे। लेकिन एनडीटीवी ने इस पर रिपोर्ट करते हुए इसकी हेडलाइन इस प्रकार दी जैसे बाबा रामदेव ने कहा है कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, सिर्फ़ योगा का अभ्यास करें।
आखिर, ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना वायरस के कहर से डरा हुआ है, हर देश की सरकार हर स्तर पर किसी न किसी प्रकार से इससे लड़ने की कोशिश कर रही है। उस समय जाहिर है कोई भी आम व्यक्ति अगर बाबा रामदेव का ये सुझाव पढ़ेगा, तो उसे उनकी बात पर गुस्सा ही आएगा कि आखिर ऐसे समय में भी वो केवल अपना प्रचार (योग) कैसे कर सकते हैं।
लेकिन, वास्तविकता देखी जाए तो पता चलेगा कि बाबा रामदेव ने केवल कोरोना वायरस से बचने के लिए योग करने की सलाह नहीं दी। बल्कि उन्होंने तो लोगों से अपील करते हुए कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से 4 से 5 फीट की दूरी बनाएँ रखें। चेहरे को मास्क से ढकें। इसके अलावा योगा की भी प्रैक्टिस करें और नैचुरल लाइफस्टाइल फॉलो करें। ताकि इम्यून सिस्टम अच्छा हो और शरीर को किसी भी प्रकार के संक्रमण आदि से बचाया जा सके।
ट्विटर पर यदि देखें, तो काफी हद तक एनडीटीवी अपनी इस हेडलाइन के साथ अपने दर्शकों को अपने पक्ष में भी करता दिखा। भ्रामक हेडलाइन देखकर, लोग बाबा रामदेव को लेकर अनाप-शनाप बोलने लगे। किसी ने उन्हें कनियाँ कहकर उनकी आँखों का मजाक उड़ाया, तो कोई उन्हें ये हेडलाइन देखकर फ्रॉड कहने लगा। एक यूजर ने तो ये तक लिखा कि जहाँ कोरोना पीड़ित हैं, वहाँ पर बाबा को योगा के लिए भेजना चाहिए। अब आखिर एनडीटीवी को यही सब तो चाहिए था! हेडलाइन के साथ खेल कर उसने प्रोपेगेंडा के अपने स्तर को बनाए रखा।
मगर, ईटी नॉउ की पत्रकार चंद्र आर श्रीकांत ने इस हेडलाइन की ओर सबका ध्यान आकर्षित करवाया और बाबा रामदेव के वास्तविक बयान को ट्विटर पर शेयर किया। जिसके बाद लोगों ने एनडीटीवी की हेडलाइन पर ध्यान देना शुरू किया और कहा कि ऐसी भ्रामक हेडलाइनों से बचने का केवल एक उपाय है कि हेडलाइन से अपनी समझ न बनाई जाए, बल्कि न्यूज कंटेंट से सारी बात समझने का प्रयास किया जाए।
मीडिया का काम होता है सरकार और जनता को जागरूक करना, सचेत करना, न कि भ्रमित कर अपना प्रोपेगंडा चलाना। लेकिन NDTV है कि आतंकवाद से लेकर कोरोना तक अपने प्रोपेगंडा से जनता को भ्रमित करने से बाज़ नहीं आ रहा।
शनिवार(मार्च 14) को रामदेव बाबा ने कोरोना वायरस पर बातचीत करते हुए कहा था कि कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं, बाबा रामदेव ने कुछ लोगो द्वारा गो-मूत्र के प्रयोग किये जाने को भी गलत बताया। केवल सख्ती से सावधानियाँ बरतें। लेकिन एनडीटीवी ने इसे लेकर ऐसी हेडलाइन बनाई कि जो भी उसे पढ़े, वो बाबा रामदेव का उपहास ही उड़ाए।
दरअसल, शनिवार(मार्च 14) को बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस का भय लोगों के भीतर से कम करने के लिए इस पर अपनी बात रखी थी। साथ ही इससे बचे रहने के लिए तरीके बताए थे। उन्होंने कहा था ,“कोरोना वायरस से डरने की ज़रूरत नहीं है लेकिन इसके प्रसार और संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से सावधानी बरतें। जब आप सार्वजनिक स्थानों पर हों या बस, ट्रेन और फ्लाइट से यात्रा कर रहे हों तो आप अपने हाथों के लिए सेनिटाइज़र का उपयोग करें।”
हालाँकि, बाबा रामदेव ने यहाँ वही राय दी थी जो शायद कोई भी जानकार इंसान अपने फॉलोवर्स को दे। लेकिन एनडीटीवी ने इस पर रिपोर्ट करते हुए इसकी हेडलाइन इस प्रकार दी जैसे बाबा रामदेव ने कहा है कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, सिर्फ़ योगा का अभ्यास करें।
What a misleading headline!— Chandra R. Srikanth (@chandrarsrikant) March 14, 2020
Ramdev said, "There is no need to fear from coronavirus but strictly take precautions to prevent its spread and infection.When you are at public places or are travelling by bus, train and flight then you must use sanitizer for your hands." https://t.co/h9LkX8FuZY
What a misleading headline!— Chandra R. Srikanth (@chandrarsrikant) March 14, 2020
Ramdev said, "There is no need to fear from coronavirus but strictly take precautions to prevent its spread and infection.When you are at public places or are travelling by bus, train and flight then you must use sanitizer for your hands." https://t.co/h9LkX8FuZY
"You have to keep a distance of 4 to 5 feet from other persons in public places. You must also wear mask," he said. Practice yoga and follow a natural lifestyle", Ramdev adds.— Chandra R. Srikanth (@chandrarsrikant) March 14, 2020
No need to fear #coronavirus, practice yoga: Baba Ramdev https://t.co/i8A5y7cY4L pic.twitter.com/bRXwVrFEAE— NDTV (@ndtv) March 14, 2020
आखिर, ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना वायरस के कहर से डरा हुआ है, हर देश की सरकार हर स्तर पर किसी न किसी प्रकार से इससे लड़ने की कोशिश कर रही है। उस समय जाहिर है कोई भी आम व्यक्ति अगर बाबा रामदेव का ये सुझाव पढ़ेगा, तो उसे उनकी बात पर गुस्सा ही आएगा कि आखिर ऐसे समय में भी वो केवल अपना प्रचार (योग) कैसे कर सकते हैं।
लेकिन, वास्तविकता देखी जाए तो पता चलेगा कि बाबा रामदेव ने केवल कोरोना वायरस से बचने के लिए योग करने की सलाह नहीं दी। बल्कि उन्होंने तो लोगों से अपील करते हुए कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से 4 से 5 फीट की दूरी बनाएँ रखें। चेहरे को मास्क से ढकें। इसके अलावा योगा की भी प्रैक्टिस करें और नैचुरल लाइफस्टाइल फॉलो करें। ताकि इम्यून सिस्टम अच्छा हो और शरीर को किसी भी प्रकार के संक्रमण आदि से बचाया जा सके।
ट्विटर पर यदि देखें, तो काफी हद तक एनडीटीवी अपनी इस हेडलाइन के साथ अपने दर्शकों को अपने पक्ष में भी करता दिखा। भ्रामक हेडलाइन देखकर, लोग बाबा रामदेव को लेकर अनाप-शनाप बोलने लगे। किसी ने उन्हें कनियाँ कहकर उनकी आँखों का मजाक उड़ाया, तो कोई उन्हें ये हेडलाइन देखकर फ्रॉड कहने लगा। एक यूजर ने तो ये तक लिखा कि जहाँ कोरोना पीड़ित हैं, वहाँ पर बाबा को योगा के लिए भेजना चाहिए। अब आखिर एनडीटीवी को यही सब तो चाहिए था! हेडलाइन के साथ खेल कर उसने प्रोपेगेंडा के अपने स्तर को बनाए रखा।
मगर, ईटी नॉउ की पत्रकार चंद्र आर श्रीकांत ने इस हेडलाइन की ओर सबका ध्यान आकर्षित करवाया और बाबा रामदेव के वास्तविक बयान को ट्विटर पर शेयर किया। जिसके बाद लोगों ने एनडीटीवी की हेडलाइन पर ध्यान देना शुरू किया और कहा कि ऐसी भ्रामक हेडलाइनों से बचने का केवल एक उपाय है कि हेडलाइन से अपनी समझ न बनाई जाए, बल्कि न्यूज कंटेंट से सारी बात समझने का प्रयास किया जाए।
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