कुछ दिन पहले खबर आई थी कि चीन ने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग को जीत लिया है और अब वहाँ कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं है। इसलिए पूरे विश्व को उससे सीखने की जरूरत है। मगर, यदि वर्तमान की बात करें तो कोरोना ने अपना शिकंजा दोबारा से चीन में कसना शुरू कर दिया है। जी हाँ, बुधवार को खबर आई है कि वहाँ से कोरोना के करीब 63 नए मामले सामने आए। जबकि 2 की मौत हो गई है। इसके साथ यहाँ कोरोना के दूसरे फेज में अब तक संक्रमितों की संख्या 1000 के पार चली गई है।
चीनी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बुधवार(अप्रैल 8) को जो 63 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं उनमें से 61 बाहर से आए हुए हैं। ऐसे में खतरा है कि कोरोना वायरस की लहर दोबारा चल सकती है। ये केस उस दिन सामने आए हैं, जब वुहान से काफी वक्त के बाद कर्फ्यू हटाया गया और हजारों की संख्या में लोग अचानक बाहर निकले।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार(अप्रैल 8) को सामने आए नए 63 केस के अलावा चीन में दो मौत भी हुई हैं, जिसके साथ ही कोरोना वायरस से मरने वालों का आँकड़ा 3335 हो गया है। जबकि कुल केस की संख्या 81 हजार के पार चली गई है। दूसरे फेज़ में चीन में कोरोना वायरस के केस की संख्या 1104 हो गई है।
तीन महीने की मशक्कत के बाद चीन कोरोना वायरस को हराने में कामयाब हुआ था, वुहान से भी करीब 73 दिनों का लॉकडाउन हटाया गया था। लेकिन फिर अचानक पिछले एक हफ्ते में दोबारा कुछ नए मामले सामने आने लगे। चीनी स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि लॉकडाउन हटने के बाद लोग बड़ी संख्या में इधर-उधर आ जा रहे हैं।
इससे पहले, चीन में कोरोना लौटने की खबर आई थी। बताया गया था कि कोरोना को लाने वाला एक 16 वर्षीय छात्र है। जिसका नाम झोहू है। दरअसल, झोहू ने वुहान से बीजिंग और दुबई होते हुए यूके के न्यूकैसल तक सफर किया था। वुहान हेल्थ कमीशन के अनुसार, झोहू यूके में रहकर पढ़ता था। उसने न्यूकैसल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 21 मार्च को दुबई होते हुए बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। इसके बाद शुरुआत में एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हुई। उसे मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया। फिर उसे हाई स्पीड ट्रेन से उसके घर वुहान भिजवा दिया गया। साथ ही क्वारंटाइन होने के आदेश दिए थे।
अवलोकन करें:-
वहीं, हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ता गैब्रिएल का मानना था कि चीन में अभी भी तमाम लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इन लोगों में बाद में कोरोना का संक्रमण प्रभावी रूप से सामने आ सकता है। सरकार के मुताबिक कोरोना के कहर के दौरान चीन में करीब 81,589 लोग इससे संक्रमित हुए और 3,318 लोग मारे गए। स्थानीय लोगों ने इस डाटा को खारिज करते हुए कहा है करीब 42 हजार लोग मारे गए हैं।
चीनी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बुधवार(अप्रैल 8) को जो 63 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं उनमें से 61 बाहर से आए हुए हैं। ऐसे में खतरा है कि कोरोना वायरस की लहर दोबारा चल सकती है। ये केस उस दिन सामने आए हैं, जब वुहान से काफी वक्त के बाद कर्फ्यू हटाया गया और हजारों की संख्या में लोग अचानक बाहर निकले।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार(अप्रैल 8) को सामने आए नए 63 केस के अलावा चीन में दो मौत भी हुई हैं, जिसके साथ ही कोरोना वायरस से मरने वालों का आँकड़ा 3335 हो गया है। जबकि कुल केस की संख्या 81 हजार के पार चली गई है। दूसरे फेज़ में चीन में कोरोना वायरस के केस की संख्या 1104 हो गई है।
तीन महीने की मशक्कत के बाद चीन कोरोना वायरस को हराने में कामयाब हुआ था, वुहान से भी करीब 73 दिनों का लॉकडाउन हटाया गया था। लेकिन फिर अचानक पिछले एक हफ्ते में दोबारा कुछ नए मामले सामने आने लगे। चीनी स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि लॉकडाउन हटने के बाद लोग बड़ी संख्या में इधर-उधर आ जा रहे हैं।
Mainland China reports 63 new coronavirus cases, two more deaths https://t.co/KvXGVHOzun— Reuters China (@ReutersChina) April 9, 2020
इससे पहले, चीन में कोरोना लौटने की खबर आई थी। बताया गया था कि कोरोना को लाने वाला एक 16 वर्षीय छात्र है। जिसका नाम झोहू है। दरअसल, झोहू ने वुहान से बीजिंग और दुबई होते हुए यूके के न्यूकैसल तक सफर किया था। वुहान हेल्थ कमीशन के अनुसार, झोहू यूके में रहकर पढ़ता था। उसने न्यूकैसल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 21 मार्च को दुबई होते हुए बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। इसके बाद शुरुआत में एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हुई। उसे मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया। फिर उसे हाई स्पीड ट्रेन से उसके घर वुहान भिजवा दिया गया। साथ ही क्वारंटाइन होने के आदेश दिए थे।
अवलोकन करें:-
वहीं, हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ता गैब्रिएल का मानना था कि चीन में अभी भी तमाम लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इन लोगों में बाद में कोरोना का संक्रमण प्रभावी रूप से सामने आ सकता है। सरकार के मुताबिक कोरोना के कहर के दौरान चीन में करीब 81,589 लोग इससे संक्रमित हुए और 3,318 लोग मारे गए। स्थानीय लोगों ने इस डाटा को खारिज करते हुए कहा है करीब 42 हजार लोग मारे गए हैं।
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