ऐसे में यह भी प्रश्न होता है कि अगर चीन भरपाई नहीं करता है, और विश्व के अधिकांश देश चीन के उत्पादनों का बहिष्कार कर दे, चीन की कमर टूट जाएगी, फिर शायद भविष्य में विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर अपनी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की नहीं सोंच पाएगा।
जर्मनी के प्रतिष्ठित अखबार ‘बिल्ड’ ने कोरोना वायरस से देश को हुए नुकसान का पूरा बिल छाप दिया है और इस नुकसान का जिम्मेदार चीन को ठहराया है। जर्मनी के सबसे बड़े टैबलॉयड न्यूजपेपर बिल्ड में एक संपादकीय छपा, जिसमें 130 बिलियन पाउंड का अनुमानित नुकसान बताया गया है।
इस लिस्ट में 27 मिलियन यूरो का नुकसान पर्यटन को हुआ है, 7.2 मिलियन यूरो का नुकसान फिल्म इंडस्ट्री को हुआ, एक मिलियन यूरो का नुकसान जर्मन एयरलाइंस लुफ्त्साना, 50 बिलियन यूरो का नुकसान जर्मनी के छोटे उद्यमियों को हुआ। बिल्ड के अनुसार कुल 1784 यूरो का नुकसान प्रति व्यक्ति को हुआ है और देश की जीडीपी 4.2 फीसदी गिर गई, ऐसे में इन तमाम नुकसान के लिए चीन जिम्मेदार है।
बिल्ड के एडिटर-इन-चीफ जूलियन रीचेल्ट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने अपने अखबार बिल्ड में पूछा कि क्या चीन को भारी आर्थिक क्षति के लिए भुगतान करना चाहिए, जिससे दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रसार हो रहा है।”
इसके साथ ही उन्होंने चीन के राष्ट्रपति पर हमला करते हुए कहा, “शी जिनपिंग, आपकी सरकार और आपके वैज्ञानिकों को बहुत पहले पता था कि कोरोना वायरस अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन आपने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। आपने दुनिया को अंधेरे में रखा।”
आगे जूलियन रीचेल्ट ने कहा, “जब पश्चिमी रिसर्चर ने आपके टॉप विशेषज्ञों से पूछा कि वुहान में क्या चल रहा है तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। आपको सच बताने में बहुत गर्व होना चाहिए था, लेकिन आपको ये देश का अपमान लगा।”
इससे पहले फ्रांस, यूके और अमेरिका ने कोरोना वायरस का जिम्मेदार सीधे तौर पर चीन को बताया है। दरअसल, हाल में जिस तरह के खुलासे सामने आए हैं कि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण की भयावहता को छिपाने की कोशिश की और इसकी उत्पत्ति को लोगों के सामने नहीं आने दिया। इससे पहले शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन ने यह जानबूझकर किया है तो उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
अवलोकन करें:-
ट्रंप ने कहा कि इसे चीन में ही रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसकी वजह से पूरी दुनिया को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। अगर यह गलती थी, तो गलती होती है। लेकिन अगर इसे जानबूझकर किया गया है तो इसके परिणाम गंभीर होंगे। डोनाल्ड ट्रंप और उनके वरिष्ठ सहयोगी लगातार चीन पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने इस पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती।
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