आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली में मरकज़ का भंडाफोड़ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमितों की तादाद अचानक बढ़ी है। अब इसी कड़ी में हर दिन आँकड़ों में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों की यदि बात करें तो दिल्ली में 356 नए मामले आए हैं। इन नए मामलों में 325 लोगों का संबंध निजामुद्दीन स्थिति मरकज़ से है। इन नए मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1510 तक पहुँच गई है। जिनमें से 1071 मामले तबलीगी जमात से संबंध रखते हैं।
इन आंकड़ों से एक बात तो स्पष्ट है कि अगर तब्लीग को निकाल दें, तो दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में थी, स्थिति को भयानक बनाने में तब्लीग़ियों का बहुत बड़ा योगदान है। और इस योगदान में समर्थन उन लोगों का है, जो इनको मस्जिदों आदि में छिपा रहे हैं। और उस पर मीडिया पर मामले को साम्प्रदायिक बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। यानि सच्चाई से जनता को गुमराह किया जा रहा है। पर्यटक के वीजा पर मरकज में शामिल होने वाले विदेशियों को कोरोना संक्रमण से ठीक होते ही उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार ने भी इन विदेशियों को जेल भेज रहे हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, कई निजी अस्पतालों के अलावा, 8451 सरकारी अस्पतालों में 1,451 कोविड-19 रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से 49 रोगियों की गहन देखभाल की जा रही है, जबकि 5 वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अस्पतालों की निगरानी की कुल क्षमता 2,406 है।
हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में 4 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसके साथ ही अबतक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। वहीं 30 लोग कोविड-19 से ठीक भी हुए हैं। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 1510 में से 377 मामलों की या तो ट्रेवल हिस्ट्री रही है या वे किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। वहीं 62 लोग इस बीमारी की चपेट में कैसे आए हैं, इसकी अभी जाँच चल रही है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, राजधानी में अभी तक 15032 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई है। इसमें से 1510 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि 12283 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव रही है। फिलहाल 1008 सैंपल के रिजल्ट आने बाकी हैं। इसके अलावा सरकार ने 2,456 लोगों को दिल्ली के 16 सेंटर्स में क्वारंटाइन किया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार प्रति 10 लाख व्यक्ति 744 लोगों की कोरोना टेस्ट कर रही है।
अवलोकन करें:-
दिल्ली के 11 जिलों में से 9 जिले कोरोना वायरस के संक्रमण के नजरिए से बेहद संवेदनशील हैं। जिसके कारण इनके 47 इलाकों को कंटेनमेंट घोषित करने के साथ सील कर दिया गया है। बीते 24 घंटे में कंटेनमेंट की संख्या चार बढ़ी है। इनमें से तीन पश्चिमी जिले में और एक मध्य जिले में आता है।
पटना: मस्जिद से पकड़े गए 17 विदेशी तबलीगी जमाती क्वारंटाइन खत्म होने के बाद भेजे गए जेल, वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप
बिहार में विदेश से आए जमातियों के खिलाफ पहली बार बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। राजधानी पटना में मजहबी प्रचार करने आए 17 जमातियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। ये सभी जमाती किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और मलेशिया से ये टूरिस्ट वीजा पर पटना पहुँचे थे। मंगलवार को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में इन्हें जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के अनुसार जेल भेजे गए जमातियों का वीजा जून तक वैध था, लेकिन सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे ऐसे में वह मजहबी प्रचार नहीं कर सकते थे। ये सरासर कानून का उल्लंघन है। इन सब के खिलाफ इसी मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें 10 जमातियों के खिलाफ वीजा उल्लंघन के मामले में दीघा थाने तथा 7 के खिलाफ फुलवारीशरीफ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पकड़े गए सभी जमातियों को पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था। सभी का तीन बार कराए गए कोरोना जाँच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखा गया था। लेकिन अब क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद इन्हें बेउर जेल भेज दिया गया है। इनमें किर्गिस्तान के नौ, मलेशिया के सात और एक कजाकिस्तान का निवासी हैं और ये सभी तबलीगी मरकज से जुड़े हुए हैं।
सभी 17 जमातियों ने पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। 17 जमातियों को दीघा और फुलवारीशरीफ की मस्जिद से पकड़ा गया था। पुलिस के अनुसार टूरिस्ट वीजा पर भारत आए इन विदेशियों ने ना तो पुलिस प्रशासन को अपने आने की सूचना दी और ना ही नियमों के अनुसार फार्म-सी भरा था। जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि बेउर जेल भेजे गए सभी जमातियों को स्क्रीनिंग के बाद जेल के अंदर दाखिल कराया गया है और सभी को अन्य कैदियों से अलग वार्ड में रखा जाएगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जब देश में कोरोना से बचने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू घोषित किया गया था। तब पटना के दीघा थानाक्षेत्र स्थित कुर्जी इलाके के एक मस्जिद में जमात के 10 लोग छिपे बैठे थे। ये सभी जमाती किर्गिस्तान से टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। जनता कर्फ्यू की घोषणा के बाद जब गली के अंदर बने मस्जिद में इनके छिपे होने की सूचना मिली तो स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू किया और पुलिस को इसकी सूचना दी। उसके ठीक अगले दिन यानी 23 मार्च को पटना के ही फुलवारी इलाके मे छिपे 7 विदेशियों को मस्जिद से पकड़ा गया।
गृह मंत्रालय ने पहले ही दिल्ली में निजामुद्दीन तबलीगी जमात के मरकज में शामिल 960 विदेशियों के वीजा ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही इन सबका पर्यटक वीजा भी रद्द कर दिया है जिससे कि ये अब कभी भी भारत नहीं आ सकेंगे। इन्हें वीजा सूची के नियमों के उल्लंघन का दोषी माना गया, क्योंकि ये सभी लोग पर्यटक वीजा पर भारत आए थे, लेकिन निजामुद्दीन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि पर्यटक वीजा धारक धार्मिक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं।
अब प्रश्न यह होता है कि क्या दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी उत्तर प्रदेश और बिहार मुख्यमंत्रियों की तरह विदेशी जमातियों को जेल भेजेंगे ?
दिल्ली में मरकज़ का भंडाफोड़ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमितों की तादाद अचानक बढ़ी है। अब इसी कड़ी में हर दिन आँकड़ों में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों की यदि बात करें तो दिल्ली में 356 नए मामले आए हैं। इन नए मामलों में 325 लोगों का संबंध निजामुद्दीन स्थिति मरकज़ से है। इन नए मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1510 तक पहुँच गई है। जिनमें से 1071 मामले तबलीगी जमात से संबंध रखते हैं।
इन आंकड़ों से एक बात तो स्पष्ट है कि अगर तब्लीग को निकाल दें, तो दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में थी, स्थिति को भयानक बनाने में तब्लीग़ियों का बहुत बड़ा योगदान है। और इस योगदान में समर्थन उन लोगों का है, जो इनको मस्जिदों आदि में छिपा रहे हैं। और उस पर मीडिया पर मामले को साम्प्रदायिक बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। यानि सच्चाई से जनता को गुमराह किया जा रहा है। पर्यटक के वीजा पर मरकज में शामिल होने वाले विदेशियों को कोरोना संक्रमण से ठीक होते ही उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार ने भी इन विदेशियों को जेल भेज रहे हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, कई निजी अस्पतालों के अलावा, 8451 सरकारी अस्पतालों में 1,451 कोविड-19 रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से 49 रोगियों की गहन देखभाल की जा रही है, जबकि 5 वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अस्पतालों की निगरानी की कुल क्षमता 2,406 है।
356 new #Coronavirus positive cases reported in Delhi today, including 325 positive cases-Under Special Operations),4 deaths today. Total no.of positive cases in national capital rises to 1510(including 1071 positive cases-Under Special Operations), total death toll 28:Delhi govt pic.twitter.com/IKtUUTSxwY— ANI (@ANI) April 13, 2020
हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में 4 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसके साथ ही अबतक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। वहीं 30 लोग कोविड-19 से ठीक भी हुए हैं। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 1510 में से 377 मामलों की या तो ट्रेवल हिस्ट्री रही है या वे किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। वहीं 62 लोग इस बीमारी की चपेट में कैसे आए हैं, इसकी अभी जाँच चल रही है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, राजधानी में अभी तक 15032 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई है। इसमें से 1510 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि 12283 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव रही है। फिलहाल 1008 सैंपल के रिजल्ट आने बाकी हैं। इसके अलावा सरकार ने 2,456 लोगों को दिल्ली के 16 सेंटर्स में क्वारंटाइन किया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार प्रति 10 लाख व्यक्ति 744 लोगों की कोरोना टेस्ट कर रही है।
अवलोकन करें:-
दिल्ली के 11 जिलों में से 9 जिले कोरोना वायरस के संक्रमण के नजरिए से बेहद संवेदनशील हैं। जिसके कारण इनके 47 इलाकों को कंटेनमेंट घोषित करने के साथ सील कर दिया गया है। बीते 24 घंटे में कंटेनमेंट की संख्या चार बढ़ी है। इनमें से तीन पश्चिमी जिले में और एक मध्य जिले में आता है।
पटना: मस्जिद से पकड़े गए 17 विदेशी तबलीगी जमाती क्वारंटाइन खत्म होने के बाद भेजे गए जेल, वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप
बिहार में विदेश से आए जमातियों के खिलाफ पहली बार बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। राजधानी पटना में मजहबी प्रचार करने आए 17 जमातियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। ये सभी जमाती किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और मलेशिया से ये टूरिस्ट वीजा पर पटना पहुँचे थे। मंगलवार को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में इन्हें जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के अनुसार जेल भेजे गए जमातियों का वीजा जून तक वैध था, लेकिन सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे ऐसे में वह मजहबी प्रचार नहीं कर सकते थे। ये सरासर कानून का उल्लंघन है। इन सब के खिलाफ इसी मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें 10 जमातियों के खिलाफ वीजा उल्लंघन के मामले में दीघा थाने तथा 7 के खिलाफ फुलवारीशरीफ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पकड़े गए सभी जमातियों को पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था। सभी का तीन बार कराए गए कोरोना जाँच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखा गया था। लेकिन अब क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद इन्हें बेउर जेल भेज दिया गया है। इनमें किर्गिस्तान के नौ, मलेशिया के सात और एक कजाकिस्तान का निवासी हैं और ये सभी तबलीगी मरकज से जुड़े हुए हैं।
सभी 17 जमातियों ने पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। 17 जमातियों को दीघा और फुलवारीशरीफ की मस्जिद से पकड़ा गया था। पुलिस के अनुसार टूरिस्ट वीजा पर भारत आए इन विदेशियों ने ना तो पुलिस प्रशासन को अपने आने की सूचना दी और ना ही नियमों के अनुसार फार्म-सी भरा था। जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि बेउर जेल भेजे गए सभी जमातियों को स्क्रीनिंग के बाद जेल के अंदर दाखिल कराया गया है और सभी को अन्य कैदियों से अलग वार्ड में रखा जाएगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जब देश में कोरोना से बचने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू घोषित किया गया था। तब पटना के दीघा थानाक्षेत्र स्थित कुर्जी इलाके के एक मस्जिद में जमात के 10 लोग छिपे बैठे थे। ये सभी जमाती किर्गिस्तान से टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। जनता कर्फ्यू की घोषणा के बाद जब गली के अंदर बने मस्जिद में इनके छिपे होने की सूचना मिली तो स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू किया और पुलिस को इसकी सूचना दी। उसके ठीक अगले दिन यानी 23 मार्च को पटना के ही फुलवारी इलाके मे छिपे 7 विदेशियों को मस्जिद से पकड़ा गया।
गृह मंत्रालय ने पहले ही दिल्ली में निजामुद्दीन तबलीगी जमात के मरकज में शामिल 960 विदेशियों के वीजा ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही इन सबका पर्यटक वीजा भी रद्द कर दिया है जिससे कि ये अब कभी भी भारत नहीं आ सकेंगे। इन्हें वीजा सूची के नियमों के उल्लंघन का दोषी माना गया, क्योंकि ये सभी लोग पर्यटक वीजा पर भारत आए थे, लेकिन निजामुद्दीन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि पर्यटक वीजा धारक धार्मिक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं।
अब प्रश्न यह होता है कि क्या दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी उत्तर प्रदेश और बिहार मुख्यमंत्रियों की तरह विदेशी जमातियों को जेल भेजेंगे ?
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