
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कहते हैं "फलदार वृक्ष हमेशा झुकता है", जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चरितार्थ कर रहे हैं। विदेशों से मिल रहे दान या खैरात से अपनी तिजोरी भरते भारत में पल रहे मोदी विरोधी चाहे जितना मोदी का विरोध कर लें, परन्तु सख्त फैसलों के लिए विश्व में चर्चित मोदी कोमलता में भी खूब चर्चित हैं।
कोरोना वायरस के प्रसार के साथ ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) की माँग दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। इसकी आपूर्ति के लिए दुनिया के अधिकतर देश भारत की तरफ देख रहे हैं। भारत भी अपनी जरूरतों को देखते हुए और इसे पूरा करने के बाद दुनिया के अधिकतर देशों की मदद कर रहा है। भारत ने 55 देशों में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने का फैसला किया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक फलक पर एक बार फिर मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने इस संकट की घड़ी में उन देशों की मदद की है जो आज तक हमें घाव देते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन देशों को भी मरहम लगाकर वैश्विक कूटनीतिक के लिए उच्चतम मापदंड स्थापित किया है। ब्राजिल और अमेरिका के बाद अब पाकिस्तान ने भी वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए भारत से मलेरिया की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई मांगी है। इतना ही नहीं इस दवाई के लिए मलेशिया और तुर्की ने भी भारत से संपर्क किया है। भारत इन देशों की मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार किया है।
जिन देशों ने घाव दिया उन्हें भी मरहम दे रहा भारत
जो देश बीते समय में भारत के विरोधी देश के रूप में सामने आए हैं आज वही अपनी जनता को कोरोना के कहर से बचाने के लिए भारत के सामने याचक की तरह खड़ा है। वह चाहे पाकिस्तान हो या फिर मलेशिया या फिर तुर्की सभी अपनी जनता को कोरोना से बचान के लिए भारत की मदद मांगने को मजबूर है। ऐसा भी नहीं है कि भारत ने उनकी मांगों को ठुकरा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवता की मिसाल कायम करते हुए उन देशों को मदद करने को तैयार है।
मलेशिया ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से किया इनकार
भारत के विरोधी देश के रूप में पाकिस्तान का नाम तो जगजाहिर है, लेकिन बीते कुछ दिनों में मलेशिया ने भी भारत का विरोध किया था। मलेशिया वही देश है जो आतंक को बढ़ा देने के आरोपी जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि पिछले चार सालों से जाकिर नाइक मलेशिया में ही रह रहा है। लेकिन भात के दबाव के बावजूद मलेशिया ने नाइक के प्रत्यर्ण को खारिज कर दिया था। आज वही मलेशिया अपनी पूरी जनता को कोरोना के कहर से बचाने के लिए भारत के आगे हाथ फैलाए हुए खड़ा है।
पाकिस्तान तो शुरू से रहा है विरोधी
पाकिस्तान तो भारत का शुरू से विरोधी रहा है। वह चाहे आतंकियों को प्रश्रय देना हो या सीजफायर का उल्लंघन करना हो, पाकिस्तान हर प्रकार से भारत का दुश्मन रहा है। हाल ही में देश सीएए कानून लागू करना हो या फिर जम्मू एवं कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करना हो, पाकिस्तान ने भारत के कदम का विरोध ही नहीं किया था बल्कि उसके खिलाफ जो बन सकता था वह सब किया भी था। आज वही पाकिस्तान भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा मांग रहा है। मालूम हो कि पाकिस्तान भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है।
भारत की ओर उम्मीदों से देख रही दुनिया
इससे पहले भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी लेकिन बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करने के बाद अमेरिका समेत दूसरे देशों को भी भारत ने मानवीय आधार पर HCQ की आपूर्ति शुरू की। अमेरिका को भारत 36,00000 टेबलेट भेज चुका है। इसी के साथ 15 से ज्यादा देशों को ये दवा अब तक भेजी जा चुकी है।
India is supplying Hydroxychloroquine (HCQ) to 55 countries including United States of America, United Kingdom, France, Russia, Afghanistan, Bhutan, Bangladesh, Nepal, Maldives, Sri Lanka, Myanmar, Seychelles, Oman, United Arab Emirates.... (1/2)— ANI (@ANI) April 16, 2020
इनमें अमेरिका और ब्रिटेन से लेकर रूस, दक्षिण अफ्रीका समेत यूरोप लैटिन अमेरिका, अरब और अफ्रीकी देश शामिल हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के अलावा आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसी बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होती है। हाल में अमेरिका, चीन व दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में इस दवा से ही कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज हुआ है। इसके बाद से ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की माँग विदेशों में बढ़ गई है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक
भारत दुनिया में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक है। यही वजह है कि अब विदेशों से ही इस दवा की अचानक माँग बढ़ गई है। हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी साफ कर चुके हैं कि भारत की जरूरत को देखते हुए ही अन्य देशों को इस दवा की सप्लाई की जाएगी।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को काफी उपयोगी माना जा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका व ब्राजील के राष्ट्रपति और इजराइल के पीएम ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मेादी की तुलना हनुमान भगवान से की, जिन्होंने कष्ट के समय लोगों को संजीवनी उपलब्ध कराई।
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