9 मिनट नमाज और कुरान पढ़ते, अल्लाह से दुआ माँगते… कोरोना तभी हारेगा: मोमबत्ती जलाने पर मो. कैफ को पड़ी गाली

कैफ, इस्लाम कीट्टरपंथीकोरोना के अंधकार को मिटाकर एक नई सुबह की आस में कल (अप्रैल 5, 2020) पूरे देश ने ‘9 बजे 9 मिनट’ की तर्ज पर भारत को रौशन किया। कई नामी कलाकारों, राजनेताओं, ख़िलाड़ियों, उद्योगपतियों ने आम जनता की तरह प्रधानमंत्री की अपील का अनुसरण किया। भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ भी इस सूची में शामिल रहे। अब हालाँकि, कैफ ने अपनी पत्नी के साथ 9 मिनट के लिए मोमबत्ती जलाते हुए साफ किया कि वे ये सब उन योद्धाओं के लिए कर रहे हैं, जो हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डाले हुए हैं। यानी स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मी आदि। मगर, इस्लामिक कट्टरपंथियों को इससे क्या? वे तो यहाँ भी हमेशा की तरह कैफ को मजहब का पाठ पढ़ाने लगे और ऐसा करने के लिए उन्हें दुत्कारने लगे। उनके लिए अपशब्द बोलने लगे।
मोहम्मद कैफ ने अपने ट्विटर पर रात की विडियो को शेयर किया। उन्होंने इस विडियो के साथ ट्वीट पर लिखा, “ये, हर डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, सरकारी कर्मचारी, पुलिस, सेनाबल, मीडियाकर्मी, बैंकर्स, दुकानदार एवं हर योद्धा के लिए है, जो इस समय लड़ रहे हैं। हम आपके कर्जदार हैं और हमेशा आभारी भी रहेंगे। जय हिंद।”
इस ट्वीट को देखने के बाद देश की अधिकांश जनता उन्हें सराहती नजर आई। उनकी तारीफ करती नजर आई। उन्हें मिसाल बताती नजर आई। मगर, प्रधानमंत्री की बात को मानता देख मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग बिदक गिए। जैसे मोहम्मद फासिउद्दीन की टिप्पणी देखिए। वे कैफ के ट्वीट पर लिखते हैं, “मियाँ नमाज पढ़कर अल्लाह से दुआ करो, कोरोना तभी हारेगा… ये क्या छिछोरपना कर रहे हो।”

इसके बाद हबीबी फरीद भी मोहम्मद कैफ के पोस्ट पर ज्ञान देते दिखे और लिखते हैं, “उनके पास मास्क, पीपीपई किट्स और हॉस्पिटल में वेंटिलेशन सिस्टम नहीं है और आपको लगता है कि ये सब करके उनका हौसला बढ़ेगा।”


एसके मोजफ्फर नाम का यूजर तो ऐसा करने पर मोहम्मद कैफ को बेवकूफ घोषित कर देता है। वो लिखता है, “6 अप्रैल 1980 बीजेपी पार्टी की शुरुआत 40 वर्ष पूर्व हुई, मोहम्मद कैफ भाई इस खुशी में अप्रैल फूल बना दिया। कुछ तो शर्म करो। भाई, भाभी और आप दोनों 9 मिनट नमाज और कुरान पढ़ते, अल्लाह से दुआ माँगते, वो सुन लेते। छी छी छी आप लोगों की वजह से हम सब मुसलमानों को बदनाम होना पड़ रहा है।”

वहीं हमजा मिर्जा नाम की यूजर कैफ से पूछती है कि आखिर वो साबित क्या करना चाहते हैं। और मोहम्मद आलम उनके लिए लिखते है, “तू भी चू…”
कट्टरपंथियों द्वारा कैफ और उनकी पत्नी के लिए ऐसे अपशब्द और सलाहों का भंडार पहली बार उनके ट्वीट पर नहीं लगा है। इससे पहले भी कई बार मजहब के ठेकेदार उन्हें अपना निशाना बना चुके हैं। पिछले दिनों की बात करें तो कट्टरपंथियों ने उन्हें जनता कर्फ्यू पर नरेंद्र मोदी के आदेश का पालन करता देख उलटा-सीधा बोला था। किसी ने उन्हें ताली-थाली बजाने पर कोसा था। तो किसी ने उन्हें अल्लाह से दुआ करने की सलाह दी थी। एक ने तो उन्हें यहाँ तक कहा था, “कैफ भाई, भाभी और आप थाली और बर्तन लेकर रेलवे पर जाओ और नौकरी करो। हिजड़ा की तरह पैसा मिलेंगे बहुत आपको। थाली और ताली बजाते रहो।”

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