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साभार |
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल जिस रफ्तार से दावे कर रहे हैं, दिल्ली में कोरोना उसी रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। दूसरे चरण का लॉकडाउन पूरा होने के पहले ही दिल्ली में हॉटस्पॉट की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। सड़क पर डेरा डाल कर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कुख्यात रहे शाहीनबाग को भी कोरोना का हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना हॉटस्पॉट की संख्या सौ हो गई है।
जब कोरोना के दुष्प्रमाणों से शाहीन बाग़ को खाली करवाए जाने की चहुँ ओर से चेतावनी दी जा रही थी, केजरीवाल चुपचाप अपने वोटबैंक को नाराज़ नहीं करने के लिए मुंह में दही जमाए बैठे रहे। जबकि उस समय चर्चा भी थी कि कोरोना ने शाहीन बाग़ में कदम रख दिया है, लेकिन पिकनिक मनाने फ्री का खाना और नाश्ता करने वाले बोलते रहे "पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ते हैं, वजु करते हैं, हमें कोरोना नहीं हो सकता", जैसी भ्रामक चालों से जनता को मूर्ख बनाया जाता रहा।
दिल्ली की मस्जिदों में छिपे जमातियों को बाहर निकालने में पूर्णरूप से असमर्थ रहे। यदि केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप न किया होता, दिल्ली की महाराष्ट्र से भी अधिक भयात्मक स्थिति होती। फिर भी केंद्र सरकार को उतना सहयोग नहीं किया जितना करना चाहिए था। विपरीत इसके अपने वोटबैंक के नाराज न करने के कारण जमातियों को कोप भवनों से बाहर आने के लिए अपील तक नहीं की। यदि दिल्ली पुलिस ने ड्रोन की सहायता से मस्जिदों में छिपे जमातियों को पकड़ा होता, दिल्ली को महाराष्ट्र से अधिक भयात्मक होने से कोई बचाने वाला नहीं था। जबकि दूसरे राज्य निरंतर जमातियों के बाहर आने पर सख्त कानूनी कार्यवाही करने की अपील कर रहे थे, लेकिन केजरीवाल ने बहुत देर से होश लिया। उत्तर प्रदेश दिल्ली के मुकाबले कहीं अधिक जनसँख्या वाला प्रदेश होने के बावजूद बहुत सुरक्षित होने का कारण है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जमातियों पर प्रहार। दिल्ली की भांति महाराष्ट्र और गुजरात भी जमातियों पर सख्त होने में नाकाम होने के कारण Red Zone बने हुए हैं।
लेकिन केजरीवाल सरकार जमात पर सख्त कार्यवाही करने की बजाए इसे मुस्लिम विरोधी बता इस्लामोफ़ोबिआ बनाने में रही, जिसका प्रमाण है दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम का आया शर्मनाक बयान। यह बयान सिद्ध कर रहा है कि केजरीवाल को कोरोना से अधिक अपने वोटबैंक की चिंता है। उत्तर प्रदेश में Corona Warriors पर जमातियों पर हमला होते ही, मुख्यमंत्री योगी अपनी पुलिस को उनसे सख्ती से पेश आने का आदेश देते हैं, जबकि लोक नायक जयप्रकाश हॉस्पिटल और द्वारका आदि अन्य स्थानों में जमातियों द्वारा उपद्रव पर केजरीवाल की चुप्पी दूसरा प्रमाण है। केजरीवाल ने एक बार भी नहीं कहा कि कोरोना की लड़ाई इस्लाम विरोधी नहीं। इसी कारण उत्तर प्रदेश के मुकाबले शिशु दिल्ली Red Zone बन गयी है।
दिल्ली में हालात चिंताजनक
संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3314 हुई
देश के कुल मरीजों में 12.6 फीसदी दिल्ली से
अब तक 54 लोगों की हुई मृत्यु
चिकित्साकर्मियों के संक्रमित होने की दर सबसे ज्यादा
4.11 फीसदी है स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने की दर
26 मार्च को बना था पहला कंटेनमेंट जोन
14 अप्रैल को हॉटस्पॉट की संख्या 52 थी
28 अप्रैल को हॉटस्पॉट ने लगाया शतक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जताई चिंता
‘पूरी राजधानी रेड जोन में तब्दील’
शाहीनबाग में डी ब्लॉक के जिस क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, उसके पास जाकिर नगर, अबु फजल एनक्लेव के कुछ ब्लॉक पहले से हॉटस्पॉट घोषित हैं। जाहिर है, केजरीवाल भले ही रोज मीडिया में आकर बड़े-बड़े दावे करते हों, लेकिन दिल्ली में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
शाहीन बाग़ में CAA विरोध की आड़ में हिन्दुत्व, मोदी और योगी की कब्र खोदने की नारेबाजी होती रही, क्योकि यह नारे केजरीवाल का वोटबैंक लगा रहा था। हिन्दू-मुसलमान तो उस समय अपने चरम पर था। जिसका प्रमाण है पूर्वी-उत्तर दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगे में आम आदमी पार्टी के पार्षद(अब निलम्बित) का लिप्त होना।
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