
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
किसी समय में कहते थे, "राम नाम की लूट मची है, लूट सके तो लूट", लेकिन बदलते परिवेश में सरकार को जी भरके गालियां दो, घर में भरपूर राशन होते हुए, भूख से मरने का नाटक कर जरूरतमंद का हक़ छीन हराम का खाना। सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से ऐसे ही वीडियो चल रहे हैं। पुलिस द्वारा भूख से मरते परिवार के लिए जब राशन लेकर पहुँचने पर देखा घर में किसी भी खाद्य की कमी नहीं, सच्चाई सामने आते ही बेहोश होने का ड्रामा। सरकार को ऐसे ढोंगी भूख के मरने का नाटक करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की जरुरत है।
किचन में महीने भर का राशन, फ्रिज में चिकन। घर में मोटरसाइकल, गैस कनेक्शन, फ्रिज, कूलर सभी चीजें उपलब्ध, फिर भी भूख से मरने का नाटक कर सरकारी कर्मचारियों से खाना मँगवाया। ये मामला है राजस्थान के खानपुरा क्षेत्र का। यहाँ के चाँद मोहम्मद नाम के शख्स ने प्रशासन से फोन करके भूख से मरने की बात कही। फिर उसने दोबारा फोन करके कहा कि वो भूख से मर रहा है। प्रशासन खाना लेकर उसके मरने के बाद पहुँचेगी क्या?
पूरा देश इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रहा है। दिन प्रतिदिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन इसको लेकर काफी मुस्तैदी से काम कर रही है। पूरे देश में लॉकडाउन जारी है, मगर किसी को भी कोई परेशानी न हो, कोई भी भूख से न मरे इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पुलिस और सरकारी कर्मचारी इस बात को लेकर काफी सक्रिय हैं कि कोई भी शख्स खाने के लिए न तरसे। इसलिए इस तरह की किसी भी सूचना के मिलने पर वह तैयार खाना और राशन लेकर उनके पास दौड़कर पहुँचते हैं।
अवलोकन करें:-
मगर चाँद मोहम्मद जैसे कुछ लोग मौके की नजाकत को बिल्कुल ही नहीं समझते हैं और इसका गलत फायदा उठाते हैं। इनकी वजह से जरुरतमंद लोग खाने से महरुम रह जाते हैं और 24 घंटे काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी काफी परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं। इनके जैसे लोगों की वजह से उन जरुरतमंदों तक राहत सामग्री नहीं पहुँच पाती है, जिन्हें वाकई में इनकी जरुरत है। इन जैसे लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो गरीबों से मुँह से निवाला छीनने का काम करते हैं। ये समय एक-दूसरे की मदद करने का है, परेशान करने का या फिर किसी का हक छीनने का नहीं।
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