
- कोरोना वायरस चीन से निकलकर दुनिया भर में तबाही मचा रहा है। इसको लेकर चीन पर अमेरिका का उंगली उठाना कांग्रेस को रास नहीं आ रहा, क्योंकि चीन और कांग्रेस अपने-अपने रुख से समय-समय पर एक-दूसरे का स्वार्थ साधते रहे हैं।
- अमेरिका को भारत से मिलने वाली मदद में बाधा डालकर कांग्रेस चीन को खुश करना चाहती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनावों में लगातार पिटते रहने के बाद कांग्रेस को अब भारतीय जनता से अधिक चीन की ताकत पर भरोसा है।
- जो नेहरू-इंदिरा और मनमोहन के रहते नहीं हुआ उसे भारत ने पीएम मोदी के रहते संभव कर दिया। देश ने देखा कि कैसे कांग्रेस डोकलाम मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारियों में लगी हुई थी कि इसी बीच चीन को पीछे हटना पड़ा।
- सबको पता है कि डोकलाम मुद्दे पर तनातनी के बीच सरकार को विश्वास में लिए बिना कैसे राहुल गांधी ने भारत में चीनी राजदूत से गुपचुप तरीके से मुलाकात की थी। इसे चीन और कांग्रेस के बीच एक पुरानी ‘मौन संधि’ से जोड़कर देखा गया, जो परस्पर हित से जुड़ी बताई जाती है।
- 1962 के युद्ध के बाद चीन ने एक बड़े भारतीय भूभाग पर कब्जा जमा लिया। अरुणाचल प्रदेश पर चीन जब ना तब अपना अधिकार बताता रहा, लेकिन कांग्रेस के शासन में इन सबका वैसा विरोध कभी नहीं देखा गया, जैसा मोदी राज में हुआ है।
कांग्रेस ने हमें क्या क्या दिया?— Nihu BhagwaDhari (@namsnammy) April 12, 2020
कांग्रेस ने :खुले आम सिखो को मरवाया
कांग्रेस ने :चीन को तिब्बत दिया
कांग्रेस ने :लाखों कश्मीरी हिंदुओं की हत्या
कांग्रेस ने :पाकिस्तान को POK दिया
कांग्रेस ने:Saffron Terror दिया
कांग्रेस ने:आपतकाल दिया
और ये बात करते हैं कि हम देशभक्त है 😡😡 pic.twitter.com/ExH7gR3lpRThe one-size-fit-all lockdown has brought untold misery & suffering to millions of farmers, migrant labourers, daily wagers & business owners.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 13, 2020
It needs a “smart” upgrade, using mass testing to isolate virus hotspots & allowing businesses in other areas to gradually reopen.
कांग्रेस और राहुल गांधी जैसे उसके नेता चीन के लिए हमेशा बीन बजाने को इतना आतुर क्यों रहते हैं। कोरोना संकट के समय में भी दिख रहे कांग्रेस के इस राजनीतिक रंग से देशवासियों का गुस्सा भड़का है।
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