
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दू आज मात्र डेढ़-दो प्रतिशत ही बचा है. तो भी, कोरोना जैसी महामारी के समय में भी उसे प्राथमिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। एक ओर भारत के प्रधानमंत्री सम्पूर्ण विश्व की चिंता कर रहे हैं तो वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री वहां के अपने अल्पसंख्यकों को भोजन एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को भी सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं। यहाँ तक ज्ञात हुआ है कि भीषण परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठाकर भोजन के बदले में हिन्दुओं पर धर्मांतरण के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है. यह उनके मानवाधिकारों का गम्भीर उल्लंघन नहीं तो और क्या है?
उन्होंने विश्व मानवाधिकार आयोग से मांग की है कि वह पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर हो रहे धार्मिक भेदभाव तथा उत्पीड़न का संज्ञान ले तथा इसमें हस्तक्षेप कर उन्हें तुरंत भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित कराए। साथ ही उन्होंने भारत के विदेश मंत्रालय से भी निवेदन किया है कि वह भी इस सम्बन्ध में पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बना इस्लामिक जिहादियों के अत्याचारों से किसी तरह बचे-खुचे हिन्दुओं की प्राण रक्षा करे।
जारीकर्ता
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद
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