
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की। न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने प्रशांत भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से कहा, “कोई भी व्यक्ति टीवी पर कुछ भी देख सकता है। आप कैसे कह सकते हैं कि लोग इसे और उसे नहीं देख सकते हैं?” जवाब में दवे ने कहा कि हम टीवी पर कुछ देखने वाले लोगों पर नहीं हैं, बल्कि हम एफआईआर पर हैं।
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद गुजरात पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने भूषण के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई और गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है।
इस मामले पर ट्वीट करते हुए पत्रकार दीपक चौरसिया ने लिखा, “प्रशांत भूषण जी, आपको देश से जुड़ी विरासत और संस्कृति से इतनी दिक़्क़त क्यों होती है। आज फिर कोर्ट ने आपकी बचकानी हरकतों के चलते फटकार लगाई है। रामायण और महाभारत हमारी संस्कृति का आधार है।”
As crores starve & walk hundreds of miles home due to forced lockdown, our heartless ministers celebrate consuming & feeding the opium of Ramayana & Mahabharata to the people! https://t.co/eJqFkBmZu5— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 28, 2020
#Breaking | Ramayana row: SC slams petitioner Prashant Bhushan.— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2020
'Anybody can watch anything on TV', says SC. pic.twitter.com/FWCRuiWWYT
प्रशांत भूषण जी, आपको देश से जुड़ी विरासत और संस्कृति से इतनी दिक़्क़त क्यों होती है। आज फिर कोर्ट ने आपकी बचकानी हरकतों के चलते फटकार लगाई है। रामायण और महाभारत हमारी संस्कृति का आधार है। #Ramayan— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) May 1, 2020
पिछले महीने गुजरात की राजकोट पुलिस ने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण द्वारा रामायण-महाभारत को लेकर किए गए विवादास्पद ट्वीट मामले में मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही प्रशांत भूषण के ट्वीट का समर्थन करने और लोगों को भड़काने के आरोप में पुलिस ने एश्लीन मैथ्यू और कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।
भारतीय सेना में पूर्व सेनाधिकारी कैप्टन जयदेव जोशी की ओर से की गई शिकायत में कहा गया था कि अदालतों में गवाही से पहले धार्मिक ग्रन्थों की शपथ दिलाई जाती है। अगर इन ग्रन्थों को अफीम का नशा माना जाएगा तो इस गवाही का अर्थ ही खत्म हो जाएगा। शिकायत के आधार पर 13 अप्रैल को राजकोट शहर के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। एफआईआर के बाद प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
प्रशांत भूषण ने 28 मार्च को ट्वीट करते हुए लिखा था, “लॉकडाउन के कारण करोड़ों भूखे और सैकड़ों घर जाने के लिए मीलों चल रहे हैं, हमारे हृदयहीन मंत्री लोगों को रामायण और महाभारत की अफीम का सेवन करने और खिलाने के लिए मना रहे हैं!”
अवलोकन करें:-
देश में जारी लॉकडाउन के बीच केन्द्र सरकार द्वारा दूरदर्शन पर प्रसारित किए गए रामायण और महाभारत ने टीआरपी में टीवी के इतिहास में पिछले पाँच साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले दिनों प्रसार भारती के CEO ने लिखा था, “मुझे यह बताते हुए काफी ख़ुशी हो रही है कि दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहा शो ‘रामायण’ 2015 से अब तक का सबसे अधिक टीआरपी जनरेट करने वाला हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट शो बन गया है।”
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