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तब्लीगी जमाती, विधायक संजय शर्मा (साभार नवभारत टाइम्स) |
जिला प्रशासन द्वारा यह निर्णय ध्यान रखते हुए लिया गया था कि ये सभी जमाती अलवर के नहीं हैं और लॉकडाउन की वजह से ये अपने-अपने घरों की यात्रा नहीं कर सकते थे।
भाजपा विधायक की मांग
मौके पर पहुँचे स्थानीय भाजपा विधायक ने जमातियों द्वारा मचाए गए हुड़दंग की खबर पुलिस में दे दी। रिपोर्टों के अनुसार, विधायक का कहना है कि जमाती शेल्टर होम में उत्पात कर रहे हैं, इससे आसपास के लोग परेशान और भयभीत हैं। उसके बाद भाजपा विधायक संजय शर्मा धरने पर बैठ गए और जमातियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन से सख्त कदम उठाने की माँग की।
बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह विरोध धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक इन तबलीगी जमातियों को यहाँ से हटाया नही जाता। उन्होंने देश में फैले वुहान कोरोना वायरस के लिए जमातियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस तरह अलवर शहर के अंदर कोरोना वायरस को फैलाने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
#Breaking | Tablighis create nuisance at a shelter home in Rajasthan's Alwar.— TIMES NOW (@TimesNow) May 4, 2020
TIMES NOW's Arvind with details. pic.twitter.com/ULmiYh7FTp
शर्मा के साथ शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष एवं अलवर जिला व्यापार महासंघ के अध्यक्ष राज कुमार गोयल, भाजपा नेता दिनेश गुप्ता एवं अशोक गुप्ता धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि शेल्टर होम में 40 लोगों के रहने की क्षमता नहीं है। विधायक संजय शर्मा का यह भी कहना है कि रेन बसेरे का प्रभारी भी इन जमातियों के कारण परेशान हो गया है।
अहमदाबाद में तब्लीग़ियों का हंगामा
इससे पहले, अहमदाबाद के सोला सिविल अस्पताल में तबलीगी जमात के लोगों ने हंगामा मचाया था। साथ ही दवा या इंजेक्शन लेने से भी इनकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सरकार उन्हें मारना चाहती है। दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, जमातियों ने आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध ला कर रखा गया था।
अवलोकन करें:-
तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वाले 26 लोगों को दरियापुर से सोला सिविल अस्पताल लाया गया और उन्हें एक आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। जब मेडिकल टीम ने उनका परीक्षण करने की कोशिश की, तो उन्होंने इनकार कर दिया और हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद, अस्पताल के अधीक्षक को एक मुस्लिम डॉक्टर को बुलाना पड़ा। पाँच घण्टों की कड़ी मशक्कत के बाद, मुस्लिम डॉक्टर द्वारा समझाने पर जमाती जाँच के लिए राजी हुए थे।
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