आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक शेर है,
पहने थे हार, गला अपना सजाने को,
वही बन गए हैं, नाग इन्हें डस जाने को।
जो समस्त मुस्लिम समाज और इनके उन मुस्लिम नेताओं पर शत-प्रतिशत चरितार्थ होती है, जिन्हे मुस्लिम अपना हितैषी मानते है। फिर जब कोई कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा इस भड़काऊ बयान का जवाब देंगे, तब कोई मुसलमान यह नहीं कहेगा कि "यह क्रिया की प्रक्रिया है।" और सारा दोष इन पर थोप देंगे।
इन अक्ल से पैदल नेताओं को शायद नहीं मालूम कि ये अपने मुसलमानों के शुभचिंतक नहीं बल्कि सबसे बड़े दुश्मन हैं। ये अक्ल से पैदल नेता मुसलमानों को भड़का कर मुसलमानों का नहीं बल्कि अपना ही भला कर तिजोरियां भरने में प्रयत्नशील हैं। इन्हे किसी मुसलमान की चिंता नहीं, इन्हे चिंता है बस अपनी तिजोरी की। कोरोना पर ऐसे भड़का रहे हैं, जैसे यह सिर्फ भारत में ही है। इससे बड़ा इनके पैदल दिमाग का प्रमाण नहीं मिल सकता। कार्यवाही कोरोना पीड़ित मस्जिदों में छुपे जमातियों पर हो रही है, नाकि इस्लाम के विरुद्ध। विश्व मोदी के प्रयासों को सराह रहा है, परन्तु तिजोरी भरने के मकसद से सियासत में आए इसे इस्लामॉफ़ोबिआ बनाकर अपनी ही कौम को मौत के मुंह में धकेलने पर आमादा है। हिन्दू मुसलमान कर रहे हैं, पता नहीं किस कालकोठरी से तालीम लेकर नेता बने फिर रहे हैं। ऐसे लोग नेता तो क्या किसी दुकान अथवा ऑफिस में चपरासी के भी लायक नहीं।
कोरोना महामारी के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता अबु फैजल का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में पार्टी नेता संक्रमण के बारे में बात करते हुए समुदाय विशेष अर्थात मुस्लिमों को इसका इलाज कराने से मना कर रहे हैं। वीडियो में फैजल दावा कर रहे हैं कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना का तो केवल बहाना है। वास्तविकता में सरकार और डॉक्टर मिलकर मुस्लिम महिलाओं को ऐसा इंजेक्शन दे रहे हैं, जिनसे उनके बच्चे न हों और मुस्लिम आबादी न बढ़े। अपनी वीडियो में फैजल अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मुस्लिम लोगों को सख्त तौर पर हिदायत दे रहे हैं कि वे किसी तरह का इंजेक्शन न लें और अगर कोई बार-बार बोले तो उसका हाथ तोड़ दें या फिर वो इंजेक्शन पहले उसके लगा दें।
अपनी वीडियो में फैजल मुस्लिम महिलाओं को बोलते हैं कि अगर नर्स इंजेक्शन लगाने पास आए तो उसका नाम पूछो अगर वे मुसलमान नहीं है, और कोई ‘लिंडी’ यानी हिंदू है, तो आधा इंजेक्शन उसे दे दो।
अपनी बात को साबित करने के लिए अबु इस दौरान एक ऑडियो भी चलाते हैं। हालाँकि, ये ऑडियो किसकी होती है, इसपर वह कुछ नहीं कहते, लेकिन इस ऑडियो में एक व्यक्ति ये कहता सुनाई पड़ता है कि पहले मुसलमानों को पकड़ा जाता है, फिर मारा जाता है और बाद में बच्चों-बुजुर्गों को छोड़ दिया जाता है। इसके बाद जवानों को अपने साथ ले जाकर ऐसी दवा देते हैं, जिससे मुसलमान या तो नपुंसक हो जाता है या फिर धीरे-धीरे बीमार होकर मर जाता है।
अबु फैजल की वीडियो इतने के बाद भी नहीं खत्म होती। आगे की वीडियो में फैजल विश्व भर में हाहाकार मचा रही बीमारी को ही खारिज कर देता है। फैजल कहते हैं कि कोरोना-शोरोना कुछ नहीं है। ये आरएसएस वायरस चल रहा है। सारी मीडिया को एक काम पर लगा दिया गया है कि मुस्लिम और इस्लाम को टारगेट करते रहो, ताकि देश का माहौल खराब हो सके और जो लोग गौ मूत्र पर अमल करते हैं, उनके जेहन में गौ-मूत्र चलता रहे।
उनका कहना है कि इन्हीं सबके कारण मुसलमानों को कारोबार करने नहीं दिया जा रहा है। मुस्लिमों को कुछ बेचने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें कहीं आने-जाने पर भी रोक है। वे इन हालातों को सरकार की साजिश बताते हैं।
अपनी वीडियो में वे सभी मुस्लिमों से एकत्रित होने की बात करते हैं और गौ मूत्र पीने वालों को सबक सिखाने की बात करते हैं। वे कहते हैं, “सभी कलमा पढ़ने वाले एक हो जाओ, ये वक्त बहुत खतरनाक है। रही बात उनकी जो तलवार दिखा रहे हैं, तो बता दें इससे हमारी औरतें सब्जी काटती हैं। जब वक्त आएगा तो इनके ***में घुसा देगें।” आगे फैजल धमकी देते हैं कि रमजान हैं इसलिए वे शांत हैं और तमीज से बात कर रहे हैं। वरना पूरे भगवा को फाड़कर रख दें।
इसके बाद आरएसएएस का नाम लेते हुए उनके समर्थकों गाली देते हैं। वे कहते हैं, “पापियों, दरिंदो, आरएसएस के चट्टुओं, चोरों, फ्रॉडियों, मूत्र पीने वालों तुम्हारे शरीर में अगर खून होता, तो तुम इंसानियत की सोचते, इंसानों की सोचते। लेकिन तुम तो सुअर की औलाद हो, तुम्हारे अंदर मूत्र दौड़ता है। तुम तो टट्टी खाते हो, टट्टी से नहाते हो.. तो इंसानियत कहाँ से होगी तुम्हारे पास?”
वो कहते हैं कि तुम्हें पहले मुसलमानों से इज्जत मिलती थी। लेकिन अब नहीं मिलेगी। तुम जानवर की औलाद हो। तुम्हारी असलियत दुनिया जान चुकी है। तुम आतंकी हो। याद रखो जब हम मारना शुरू करेंगे तो कहीं जगह नहीं मिलेगी और न कोई भगवा में छिप सकोगे।
अवलोकन करें:-
पिछले काफी समय से हम लोग इस बात को लेकर आश्चर्य जताते रहे है कि कि राजस्थान से लेकर कर्नाटक तक आखिर किस मानसिकता के लोग हैं, जो कोरोना योद्धाओं का सहयोग करने की बजाय उनपर हमला कर रहे हैं। तो शायद अब ये ऑडियो सुनकर और इसमें कही बातों के मुख्य बिंदु पढ़कर हमें समझ आए कि आखिर किस तरह की अफवाहें और नेतृत्व के कारण पूरे देश में स्वास्थकर्मियों पर हमला हुआ और अधिकतर आरोपित समुदाय विशेष के लोग रहे। जो समय-समय पर नर्सो, आशाकर्मियों और डॉक्टरों को देखकर इल्जाम लगाते रहे कि वे उनकी जानकारी एनआरसी आदि के लिए इकट्ठा कर रहे हैं।
एक शेर है,
पहने थे हार, गला अपना सजाने को,
वही बन गए हैं, नाग इन्हें डस जाने को।
जो समस्त मुस्लिम समाज और इनके उन मुस्लिम नेताओं पर शत-प्रतिशत चरितार्थ होती है, जिन्हे मुस्लिम अपना हितैषी मानते है। फिर जब कोई कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा इस भड़काऊ बयान का जवाब देंगे, तब कोई मुसलमान यह नहीं कहेगा कि "यह क्रिया की प्रक्रिया है।" और सारा दोष इन पर थोप देंगे।
इन अक्ल से पैदल नेताओं को शायद नहीं मालूम कि ये अपने मुसलमानों के शुभचिंतक नहीं बल्कि सबसे बड़े दुश्मन हैं। ये अक्ल से पैदल नेता मुसलमानों को भड़का कर मुसलमानों का नहीं बल्कि अपना ही भला कर तिजोरियां भरने में प्रयत्नशील हैं। इन्हे किसी मुसलमान की चिंता नहीं, इन्हे चिंता है बस अपनी तिजोरी की। कोरोना पर ऐसे भड़का रहे हैं, जैसे यह सिर्फ भारत में ही है। इससे बड़ा इनके पैदल दिमाग का प्रमाण नहीं मिल सकता। कार्यवाही कोरोना पीड़ित मस्जिदों में छुपे जमातियों पर हो रही है, नाकि इस्लाम के विरुद्ध। विश्व मोदी के प्रयासों को सराह रहा है, परन्तु तिजोरी भरने के मकसद से सियासत में आए इसे इस्लामॉफ़ोबिआ बनाकर अपनी ही कौम को मौत के मुंह में धकेलने पर आमादा है। हिन्दू मुसलमान कर रहे हैं, पता नहीं किस कालकोठरी से तालीम लेकर नेता बने फिर रहे हैं। ऐसे लोग नेता तो क्या किसी दुकान अथवा ऑफिस में चपरासी के भी लायक नहीं।
कोरोना महामारी के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता अबु फैजल का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में पार्टी नेता संक्रमण के बारे में बात करते हुए समुदाय विशेष अर्थात मुस्लिमों को इसका इलाज कराने से मना कर रहे हैं। वीडियो में फैजल दावा कर रहे हैं कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना का तो केवल बहाना है। वास्तविकता में सरकार और डॉक्टर मिलकर मुस्लिम महिलाओं को ऐसा इंजेक्शन दे रहे हैं, जिनसे उनके बच्चे न हों और मुस्लिम आबादी न बढ़े। अपनी वीडियो में फैजल अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मुस्लिम लोगों को सख्त तौर पर हिदायत दे रहे हैं कि वे किसी तरह का इंजेक्शन न लें और अगर कोई बार-बार बोले तो उसका हाथ तोड़ दें या फिर वो इंजेक्शन पहले उसके लगा दें।
अपनी वीडियो में फैजल मुस्लिम महिलाओं को बोलते हैं कि अगर नर्स इंजेक्शन लगाने पास आए तो उसका नाम पूछो अगर वे मुसलमान नहीं है, और कोई ‘लिंडी’ यानी हिंदू है, तो आधा इंजेक्शन उसे दे दो।
अपनी बात को साबित करने के लिए अबु इस दौरान एक ऑडियो भी चलाते हैं। हालाँकि, ये ऑडियो किसकी होती है, इसपर वह कुछ नहीं कहते, लेकिन इस ऑडियो में एक व्यक्ति ये कहता सुनाई पड़ता है कि पहले मुसलमानों को पकड़ा जाता है, फिर मारा जाता है और बाद में बच्चों-बुजुर्गों को छोड़ दिया जाता है। इसके बाद जवानों को अपने साथ ले जाकर ऐसी दवा देते हैं, जिससे मुसलमान या तो नपुंसक हो जाता है या फिर धीरे-धीरे बीमार होकर मर जाता है।
अबु फैजल की वीडियो इतने के बाद भी नहीं खत्म होती। आगे की वीडियो में फैजल विश्व भर में हाहाकार मचा रही बीमारी को ही खारिज कर देता है। फैजल कहते हैं कि कोरोना-शोरोना कुछ नहीं है। ये आरएसएस वायरस चल रहा है। सारी मीडिया को एक काम पर लगा दिया गया है कि मुस्लिम और इस्लाम को टारगेट करते रहो, ताकि देश का माहौल खराब हो सके और जो लोग गौ मूत्र पर अमल करते हैं, उनके जेहन में गौ-मूत्र चलता रहे।
उनका कहना है कि इन्हीं सबके कारण मुसलमानों को कारोबार करने नहीं दिया जा रहा है। मुस्लिमों को कुछ बेचने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें कहीं आने-जाने पर भी रोक है। वे इन हालातों को सरकार की साजिश बताते हैं।
अपनी वीडियो में वे सभी मुस्लिमों से एकत्रित होने की बात करते हैं और गौ मूत्र पीने वालों को सबक सिखाने की बात करते हैं। वे कहते हैं, “सभी कलमा पढ़ने वाले एक हो जाओ, ये वक्त बहुत खतरनाक है। रही बात उनकी जो तलवार दिखा रहे हैं, तो बता दें इससे हमारी औरतें सब्जी काटती हैं। जब वक्त आएगा तो इनके ***में घुसा देगें।” आगे फैजल धमकी देते हैं कि रमजान हैं इसलिए वे शांत हैं और तमीज से बात कर रहे हैं। वरना पूरे भगवा को फाड़कर रख दें।
AIMIM Abu Faisal openly spreading hate and misinformation about doctors and Corona— Intrepid Saffron (@IntrepidSaffron) May 5, 2020
He urged Muslims to assault nurses if she is "Hindu" also he called "Corona" conspiracy of BJP-RSS against Muslim pic.twitter.com/b5A252ymke
इसके बाद आरएसएएस का नाम लेते हुए उनके समर्थकों गाली देते हैं। वे कहते हैं, “पापियों, दरिंदो, आरएसएस के चट्टुओं, चोरों, फ्रॉडियों, मूत्र पीने वालों तुम्हारे शरीर में अगर खून होता, तो तुम इंसानियत की सोचते, इंसानों की सोचते। लेकिन तुम तो सुअर की औलाद हो, तुम्हारे अंदर मूत्र दौड़ता है। तुम तो टट्टी खाते हो, टट्टी से नहाते हो.. तो इंसानियत कहाँ से होगी तुम्हारे पास?”
वो कहते हैं कि तुम्हें पहले मुसलमानों से इज्जत मिलती थी। लेकिन अब नहीं मिलेगी। तुम जानवर की औलाद हो। तुम्हारी असलियत दुनिया जान चुकी है। तुम आतंकी हो। याद रखो जब हम मारना शुरू करेंगे तो कहीं जगह नहीं मिलेगी और न कोई भगवा में छिप सकोगे।
अवलोकन करें:-
पिछले काफी समय से हम लोग इस बात को लेकर आश्चर्य जताते रहे है कि कि राजस्थान से लेकर कर्नाटक तक आखिर किस मानसिकता के लोग हैं, जो कोरोना योद्धाओं का सहयोग करने की बजाय उनपर हमला कर रहे हैं। तो शायद अब ये ऑडियो सुनकर और इसमें कही बातों के मुख्य बिंदु पढ़कर हमें समझ आए कि आखिर किस तरह की अफवाहें और नेतृत्व के कारण पूरे देश में स्वास्थकर्मियों पर हमला हुआ और अधिकतर आरोपित समुदाय विशेष के लोग रहे। जो समय-समय पर नर्सो, आशाकर्मियों और डॉक्टरों को देखकर इल्जाम लगाते रहे कि वे उनकी जानकारी एनआरसी आदि के लिए इकट्ठा कर रहे हैं।
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