आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आखिर किस आधार पर अपने आपको धर्म-निरपेक्ष और संविधान के रक्षक कहने वाले छद्दम नेता पत्रकारों को धमका रहे हैं? क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी इन्हें और इनके चमचों को है? ये प्रपंची जनसेवा के नाम पर अपनी तिजोरियां भरने वाले कब संविधान का सम्मान करना सीखेंगे? कब तुष्टिकरण त्याग धर्म-निरपेक्षता सीखेंगे? कब तक अराजकता फ़ैलाने का नंगा नाच करते रहेंगे? देशहित में काम करें, अपनी कुर्सी और तिजोरी की खातिर बेगुनाह जनता --चाहे किसी भी धर्म एवं जाति से हो-- साम्प्रदायिकता की आग में मत झोंको। राजनीति को व्यापार मत बनाओ। कभी नागरिकता संशोधक कानून की आड़ में, और अब कोरोना बीमारी से बचाव में किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर क्यों जनता को भड़काया जा रहा है?
मुर्तजा को यह मालूम होना चाहिए कि हिन्दुओं का नव सम्वत चैत्र मास से प्रारम्भ होता है और मन्दिरों को सजाया जाता है, मन्दिरों में 24 घंटों भक्तों की भीड़ उमड़ी होती है। लेकिन कोरोना संक्रामक बीमारी के समस्त मन्दिर बंद होने के कारण, घर की चार दीवारी के अन्दर नवरात्र एवं पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मोत्सव यानि रामनवमी मनाया। दूसरे, हिन्दुओं को छोड़ो, तुम्हारा मक्का तक आज भी बंद है, फिर किस आधार पर मस्जिद को खुलवाने का ड्रामा कर, मासूम जनता को बीमारी का शिकार बनाने पर आमादा है। यह भी जानते हुए कि भारत में इस बीमारी को बढ़ाने में मरकज जिम्मेदार है। मस्जिदों में छिपाते शर्म नहीं आती। जमात को बचाने इस्लामॉफ़ोबिआ का नंगा नाच मत खेलो। सियासत खेलने के लिए बहुत समय है। लेकिन जब तुम जबरदस्ती इस संक्रामक बीमारी का शिकार बनाकर मारवा दोगे, किसके साथ सियासत कर अपनी तिजोरी भरोगे? ऐसी झिझोरी सियासत मत करो। क्योकि जो सियासत कर रहे हो, इसी को झिझोरी सियासत कहते हैं।
पत्रकार अमीश देवगन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के पार्षद मुर्तजा ने धमकी दी है। अमीश ने उनसे सवाल पूछे थे, इसीलिए गुस्से में AIMIM के नेता ने ‘न्यूज़ 18’ के पत्रकार अमीश देवगन को धमकाया। अमीश ने जब उनसे पूछा कि उन्होंने पुलिस के साथ बदसलूकी क्यों की और ऐसा क्यों कहा कि पहले मंदिर को बंद कराओ, मस्जिद को नहीं- तो पार्षद ने कहा कि आप गुंडागर्दी की बाद करेंगे तो मैं भी यही बात करूँगा।
मुर्तजा ने अमीश को ‘सोशल मीडिया का गुंडा’ बताते हुए सलाह दी कि वो एंकर बन कर बात करें। जब अमीश ने पूछा कि उन्होंने पुलिसकर्मी के गिरेबान और हाथ पकड़ने की कोशिश क्यों की तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में गुंडागर्दी वाला कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। जब अमीश ने अकबरुद्दीन ओवैसी के ’15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो’ वाले बयान की याद दिलाई तो उन्होंने कहा कि वो उनसे सिर्फ़ उनके बारे में सवाल करें।
बाद में वो कहने लगे कि पुलिसकर्मी ने नेमप्लेट छिपाया। मोहम्मद मुर्तजा अली कहने लगे कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तो लॉकडाउन के बाद पूजा की। मोहम्मद मुर्तजा ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो माफ़ी भी नहीं माँगेंगे क्योंकि पुलिस वाले ने ग़लती की है। अब इस सवाल पूछने के कारण अमीश को अलग-अलग नंबरों से कॉल आ रहे हैं। शो के दौरान ही मुर्तजा बार-देवगन का नाम पूछते रहे।
उन्होंने धमकाया कि आपको पता नहीं है क्या आप किससे बात कर रहे हैं, आप अपने जुबान को लगाम दीजिए। उन्होंने धमकाने के अंदाज में नाम पूछा और धमकी दी। अमीश को इसके बाद कई नंबरों से कॉल आए हैं और उन्हें धमकी दी जा रही है। हालाँकि, उन्होंने कहा है कि वो किसी ने नहीं डरेंगे और सच के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे। भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी अमीश को धमकी दिए जाने की निंदा की है।
अवलोकन करें:-
मुर्तजा अली का एक वायरल वीडियो में बृहस्पतिवार (अप्रैल 30, 2020) को हैदराबाद के चवन्नी नदी अली बेग में एक मस्जिद के पास अपनी ड्यूटी कर रहे दो कॉन्स्टेबल को धमकाने और ड्यूटी में बाधा डालते हुए देखा गया था। ओवैसी की ही पार्टी का वारिस पठान पहले से ही दिल्ली दंगों के मामले में कई भड़काऊ बयान देने के कारण आरोपित है।
आखिर किस आधार पर अपने आपको धर्म-निरपेक्ष और संविधान के रक्षक कहने वाले छद्दम नेता पत्रकारों को धमका रहे हैं? क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी इन्हें और इनके चमचों को है? ये प्रपंची जनसेवा के नाम पर अपनी तिजोरियां भरने वाले कब संविधान का सम्मान करना सीखेंगे? कब तुष्टिकरण त्याग धर्म-निरपेक्षता सीखेंगे? कब तक अराजकता फ़ैलाने का नंगा नाच करते रहेंगे? देशहित में काम करें, अपनी कुर्सी और तिजोरी की खातिर बेगुनाह जनता --चाहे किसी भी धर्म एवं जाति से हो-- साम्प्रदायिकता की आग में मत झोंको। राजनीति को व्यापार मत बनाओ। कभी नागरिकता संशोधक कानून की आड़ में, और अब कोरोना बीमारी से बचाव में किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर क्यों जनता को भड़काया जा रहा है?
मुर्तजा को यह मालूम होना चाहिए कि हिन्दुओं का नव सम्वत चैत्र मास से प्रारम्भ होता है और मन्दिरों को सजाया जाता है, मन्दिरों में 24 घंटों भक्तों की भीड़ उमड़ी होती है। लेकिन कोरोना संक्रामक बीमारी के समस्त मन्दिर बंद होने के कारण, घर की चार दीवारी के अन्दर नवरात्र एवं पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मोत्सव यानि रामनवमी मनाया। दूसरे, हिन्दुओं को छोड़ो, तुम्हारा मक्का तक आज भी बंद है, फिर किस आधार पर मस्जिद को खुलवाने का ड्रामा कर, मासूम जनता को बीमारी का शिकार बनाने पर आमादा है। यह भी जानते हुए कि भारत में इस बीमारी को बढ़ाने में मरकज जिम्मेदार है। मस्जिदों में छिपाते शर्म नहीं आती। जमात को बचाने इस्लामॉफ़ोबिआ का नंगा नाच मत खेलो। सियासत खेलने के लिए बहुत समय है। लेकिन जब तुम जबरदस्ती इस संक्रामक बीमारी का शिकार बनाकर मारवा दोगे, किसके साथ सियासत कर अपनी तिजोरी भरोगे? ऐसी झिझोरी सियासत मत करो। क्योकि जो सियासत कर रहे हो, इसी को झिझोरी सियासत कहते हैं।
पत्रकार अमीश देवगन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के पार्षद मुर्तजा ने धमकी दी है। अमीश ने उनसे सवाल पूछे थे, इसीलिए गुस्से में AIMIM के नेता ने ‘न्यूज़ 18’ के पत्रकार अमीश देवगन को धमकाया। अमीश ने जब उनसे पूछा कि उन्होंने पुलिस के साथ बदसलूकी क्यों की और ऐसा क्यों कहा कि पहले मंदिर को बंद कराओ, मस्जिद को नहीं- तो पार्षद ने कहा कि आप गुंडागर्दी की बाद करेंगे तो मैं भी यही बात करूँगा।
मुर्तजा ने अमीश को ‘सोशल मीडिया का गुंडा’ बताते हुए सलाह दी कि वो एंकर बन कर बात करें। जब अमीश ने पूछा कि उन्होंने पुलिसकर्मी के गिरेबान और हाथ पकड़ने की कोशिश क्यों की तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में गुंडागर्दी वाला कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। जब अमीश ने अकबरुद्दीन ओवैसी के ’15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो’ वाले बयान की याद दिलाई तो उन्होंने कहा कि वो उनसे सिर्फ़ उनके बारे में सवाल करें।
आज सुबह से मेरे पास कई अलग अलग फ़ोन नम्बर से फ़ोन आ रहें हैं ख़ास कर के मिडल ईस्ट से अपने अकाओं को कहदो न ड़रे हैं न डरेंगे । भारत के लिये आख़िरी दम तक बोलेंगे ।— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) May 2, 2020
जय हिन्द pic.twitter.com/EvmQSwuToG
Y'day, @amishdevgan, a popular, forthright anchor with News 18, committed to the idea of nation first, questioned an AIMIM corporator, who assaulted a cop, enforcing lockdown in Hyderabad. Since then he has been getting threat calls.— Amit Malviya (@amitmalviya) May 2, 2020
Amish should know that India stands with him!
बाद में वो कहने लगे कि पुलिसकर्मी ने नेमप्लेट छिपाया। मोहम्मद मुर्तजा अली कहने लगे कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तो लॉकडाउन के बाद पूजा की। मोहम्मद मुर्तजा ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो माफ़ी भी नहीं माँगेंगे क्योंकि पुलिस वाले ने ग़लती की है। अब इस सवाल पूछने के कारण अमीश को अलग-अलग नंबरों से कॉल आ रहे हैं। शो के दौरान ही मुर्तजा बार-देवगन का नाम पूछते रहे।
उन्होंने धमकाया कि आपको पता नहीं है क्या आप किससे बात कर रहे हैं, आप अपने जुबान को लगाम दीजिए। उन्होंने धमकाने के अंदाज में नाम पूछा और धमकी दी। अमीश को इसके बाद कई नंबरों से कॉल आए हैं और उन्हें धमकी दी जा रही है। हालाँकि, उन्होंने कहा है कि वो किसी ने नहीं डरेंगे और सच के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे। भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी अमीश को धमकी दिए जाने की निंदा की है।
अवलोकन करें:-
मुर्तजा अली का एक वायरल वीडियो में बृहस्पतिवार (अप्रैल 30, 2020) को हैदराबाद के चवन्नी नदी अली बेग में एक मस्जिद के पास अपनी ड्यूटी कर रहे दो कॉन्स्टेबल को धमकाने और ड्यूटी में बाधा डालते हुए देखा गया था। ओवैसी की ही पार्टी का वारिस पठान पहले से ही दिल्ली दंगों के मामले में कई भड़काऊ बयान देने के कारण आरोपित है।
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