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नताशा नरवाल और देवांगना कालिता |
ये गिरफ्तारी उन्हें रविवार (मई 24, 2020) को बेल मिलने के कुछ देर बाद दोबारा हुई। अब उन्हें 2 दिन की हिरासत में लिया गया है। इस संबंध में जफर अब्बास ने ट्वीट करके जानकारी दी है। रविवार को हुई दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी किसी हत्या से संबंधित है।
इससे पहले इनके ख़िलाफ़ पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 149, 353, 283, 323,332, 307, 302, 427, 120-b, 188 के तहत मामला दर्ज किया था।
क्राइम ब्रांच की स्पेशल इनवेंस्टिगेशन टीम ने दोनों महिलाओं को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगे और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था।
#BREAKING Minutes after @PinjraTod members Devangana Kalita and Natasha Narwal got bail they were rearrested by @DelhiPolice crime branch in North East Delhi riots case and taken into 2 days custody.— Zafar Abbas (@zafarabbaszaidi) May 24, 2020
पुलिस टीम ने इनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए कोर्ट से 14 दिनों की पुलिस हिरासत की माँग की थी। मगर, कोर्ट ने हर पक्ष की दलीलें सुनते हुए दोनों महिला सदस्यों को 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
इससे पहले पिंजरा तोड़ की दोनों महिला सदस्यों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप था कि इन्होंने 22 फरवरी की शाम को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए स्थानीय निवासियों को भड़काया और उन्हें जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर इकट्ठा होने के लिए कहा।
लेकिन, रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट अजीत नारायण ने यह कहते हुए उन्हें बेल दे दी कि केस फाइल और एफआईआर देखने के बाद यह लगता है कि धारा 353 मेंटेनेबल नहीं लगती है।
उन्होंने कहा कि केस के फैक्ट्स बताते हैं कि आरोपित केवल सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही थीं और वे किसी भी हिंसा में शामिल नहीं थीं। आरोपितों की समाज में अच्छी पकड़ है और वे काफी पढ़ी-लिखी भी हैं। वे पुलिस के साथ जाँच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
कुछ प्रबुद्ध सामाजिक वर्ग के लोगों और ‘पिंजरा तोड़’ जैसे कथित सामाजिक संगठनों के कारण दिल्ली यमुना के आसपास रहने वाले लोग ख़ासी परेशानी में थे। वहाँ के सभी स्थानीय लोग पीड़ित और दुःखी महसूस कर रहे थे। चारों तरफ़ भगदड़ का माहौल था। ये संगठन और कथित प्रबुद्ध जन प्रतिदिन हिंसा भड़काने के काम में लगे रहते थे और उन्होंने ही जाफराबाद मेन रोड को ही जाम करवा दिया था। जिससे राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
अवलोकन करें:-
दरियागंज दिल्ली गेट पर इसी ‘पिंजरा तोड़’ के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पुलिस के साथ झड़प की थी लेकिन इनमें से किसी एक को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया था। वो सभी हिंसक हरकतें कर के भाग खड़े हुए थे। फँस गए स्थानीय लोग। स्थानीय लोगों में से कई आज भी पुलिस केस और अदालती कार्रवाइयों का सामना कर रहे हैं।
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