‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादों का बहिष्कार करने की ट्विटर पर उठी मांग, ट्रेंड हुआ #BoycottHalalProducts

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जबसे नागरिकता संशोधक कानून बना है देश में जितने भी छद्दम देशप्रेमी गैंग और उपद्रवियों की रोटी और नींद हराम हो चुकी है। मोदी विरोध के चक्कर में किसी न किसी बहाने देश में अराजकता फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं। 
पहले नागरिकता कानून पर कितना उपद्रव किया, फिर कोरोना पर जमात को लेकर, और अब जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शन के विज्ञापन को फोटोशॉप कर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने का प्रयास। 
बीते दिनों जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के एक विज्ञापन के कारण सोशल मीडिया पर बहुत बवाल मचा। स्थिति ऐसी बन गई कि चेन्नई के टी नगर में बेकरी के मालिक प्रशांत को ‘धार्मिक भेदभाव’ करने के मामले में गिरफ्तार करना पड़ा, पर अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है।
जैन बेकरी मुस्लिम स्टाफ ‘जैन बेकरी में कोई मुस्लिम स्टाफ नहीं’ – रिजवान पर FIR, फोटोशॉप की गई तस्वीर किया था शेयर
ताजा जानकारी के अनुसार मालूम चला है कि जिस तस्वीर पर विवाद बढ़ा, वो तस्वीर फोटोशॉप की गई थी। जिसे रिजवान निजामी, बेकरी की छवि बिगाड़ने के लिहाज से सर्कुलेट कर रहे थे। मगर, अब सच्चाई का खुलासा होते ही रिजवान के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
ट्विटर पर एडवोकेट चांदनी शाह ने इसकी जानकारी दी है। चांदनी ने इन तस्वीरों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वास्तविकता में बेकरी के असल विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं है। जैसा कि फैलाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने रिजवान पर एफआईआर कर दी है। यह FIR स्वीकार भी कर ली गई है।
चांदनी अपने ट्वीट में लिखती हैं, “बेकरी के कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि ये तस्वीर व्हॉट्सअप पर इसलिए भेजी गई थी क्योंकि कुछ लोग लगातार उनसे पूछ रहे थे कि उनकी बेकरी में खाना कहीं स्पेशल कम्यूनिटी वाले तो नहीं बनाते? मगर रिजवान निजामी ने फोटोशॉप तस्वीर को फैलाया ताकि बेकरी को बदनाम कर सके। मैंने इस उद्दंडता पर एफआईआर दर्ज कर दी है।”

कोरोना वायरस महामारी के समय में सोशल मीडिया पर ऐसी बहुत सी वीडियो वायरल हुई, जिनमें विशेष समुदाय के लोग खाने-पीने वाली चीजों पर थूकते या उन्हें चाटते नजर आए। जिसके कारण समाज के अन्य लोग सुरक्षा लिहाज से सतर्क हो गए और ऐसे सवाल जगह-जगह से उठने लगे।
मगर, बावजूद इस सच्चाई के, बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जब ग्राहक को अपनी ओर से स्पष्टीकरण देने पर पुलिस ने कई दुकानदारों ख़़िलाफ़ मामला दर्ज किया।
पहला उदाहरण तो जैन बेकरी के प्रशांत का ही है। जिनके ख़िलाफ़ धार्मिक भेदभाव’ वाले विज्ञापन छपवाने को लेकर आईपीसी की धाराओं 153, 153A, 505 और 295A के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसके अलावा एक मामला झारखंड के जमशेदपुर से सामने आया था। वहाँ पुलिस ने कुछ ऐसे फल दुकानदारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्होंने ‘विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित फल दुकान’ के बैनर लगाए थे।
जमशेदपुर पुलिस का कहना था कि दुकानदारों पर ‘हिंदू’ शब्द लिखने के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, क्योंकि यह सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की एक कोशिश है। इसी तरह बिहार के नालंदा में भी सब्जियों की दुकान पर भगवा झंडा लगाने को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इन मामलों में सबसे हैरानी की बात ये थी कि अभी तक हम अपने आस पास खुलेआम मुस्लिम होटल और हलाल मीट शॉप लिखा देखते थे। मगर, जैसे ही फल वालों ने अपनी दुकान पर ‘विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित फल दुकान’ के बैनर लगाए, वैसे ही सभी धार्मिक भावनाएँ आहत हो गई और फल बेचने वालों पर मामला दर्ज हो गया।
राष्ट्रीय ट्रेंड में द्वितीय स्थान पर 
मुसलमानों द्वारा प्रत्‍येक पदार्थ अथवा वस्‍तु इस्‍लाम के अनुसार वैध अर्थात ‘हलाल’ होने की मांग की जा रही है । उसके लिए ‘हलाल सर्टिफिकेट’ लेना अनिवार्य किया गया । अब तो यह हलाल प्रमाणपत्र केवल मांसाहारतक सीमित न रहकर खाद्यपदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधियां, चिकित्‍सालय, गृहसंस्‍थी से संबंधित आस्‍थापन और मॉल के लिए भी आरंभ हो गया है । साथ ही हलाल सर्टिफिकेट देनेवाली जमियत-उलेमा-ए-इस्लाम संगठन आतंकी आक्रमणों की घटनाओं के आरोपियों को सहायता उपलब्ध कर लगभग ७०० आरोपियों के पक्ष में अभियोग लड रही है। इससे हलाल प्रमाणित उत्पादों से मिलनेवाले पैसों का उपयोग आतंकी कृत्यों के लिए हो रहा है, यह भी सामने आया है ।
यह षड्यंत्र अब धीरे-धीरे धर्मप्रेमी समाज के ध्यान में आने लगा है । इसका परिणाम आज ट्विटर पर दिखाई दिया । सवेरे से धर्मप्रेमियों ने #BoycottHalalProducts इस हॅशटॅग से ट्विट्स करना आरंभ किया । जिसके कुछ ही देर बात यह ट्रेंड चौथे, तिसरे तथा अंत में दुसरे स्थान पर आया । समाचार लिखने तक यह ट्रेंड अब भी दुसरे स्थान पर है और इस ट्रेंड में अभी तक 1 लाख से अधिक ट्विट्स लोगों ने किए है ।
ट्विट्स में धर्मप्रेमियों ने कहा, हमें हलाल उत्पाद बेचकर जबरदस्ती शरिया के अनुसार पालन करने को कहा जा रहा है । कुछ ने कहा कि, हलाल अर्थव्यवस्था यह भारतीय अर्थव्यवस्था को समांतर बनाने का षड्यंत्र है । धर्मप्रेमियों ने प्रतिज्ञा भी की है कि, अब से हम कोई भी उत्पाद लेते समय क्या वह हलाल मार्क तो नहीं है ? इसकी जांच कर ही लेंगे ।
कुछ ट्वीट्स :-

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