आँध्र प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर मिशनरीज की हकीकत का खुलासा करने वाले YSRCP नेता रघु रामकृष्णा राजू ने कल(मई 26) दोबारा एक नया खुलासा किया। उन्होंने प्रदेश की सच्चाई बताते हुए खुलेआम कहा कि सरकारी रिकॉर्ड में भले ही ईसाइयों की संख्या 2.5% है मगर, हकीकत में ये आँकड़ा 25% से कम नहीं है।
देखा जाए तो राजू ने कोई नयी बात नहीं की है, बल्कि वर्षों से चल रहे ईसाई मिशनरी द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण की चादर को सिर्फ छुआ है, चादर नहीं हटाई है। अभी इसके ऊपर से चादर हटनी बाकी है।
टाइम्स नाउ की डिबेट से शुरू हुए धर्मांतरण के मुद्दे पर एंकर पद्मजा जोशी ने कल फिर जगन मोहन रेड्डी की सरकार में मंत्री राजू से इस मुद्दे पर आगे की जानकारी माँगी। हालाँकि पहले तो वह अपने पुराने ढर्रे का राग लापते दिखे कि कन्वर्जन सिर्फ़ आँध्र प्रदेश में नहीं पूरे देश में हो रहा है।
किंतु, जैसे ही पद्मजा जोशी ने कहा कि क्या वो पूरे देश की उन जगहों के बारे में मुख्यत: बता सकते हैं, जहाँ-जहाँ ये प्रक्रिया चालू है। तो, रघु रामकृष्णा राजू ने एक नया चौंकाने वाला आँकड़ा पेश कर दिया।
उन्होंने कहा, “रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।”
उन्होंने आगे इस बात को भी स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं मालूम कि ये सब बाते अच्छी हैं या बुरी, लेकिन वो जो ये बातें कह रहें है, वो सिर्फ़ आँकड़े बयान करती है।
इस खुलासे को सुनकर पद्मजा ने उन्हें उनकी ईमानदारी के सराहा और आगे उनसे सवाल पूछा कि आखिर ये सब मुमकिन कैसे हुआ?
इस पर, YSRCP नेता ने बताया कि कुछ लोग ऐसे वर्ग से आते हैं, जिन्हें पहले से ही फायदा मिल रहा होता है। ऐसे में यदि वो ईसाई धर्म अपना लेते हैं, तो उन्हें वो फायदा मिलना बंद हो जाता है। यही कारण है कि लोग धर्मांतरण करते हैं, मगर उसका पंजीकरण नहीं करवाते।
आगे इस पूरी धर्मांतरण की प्रक्रिया को ऱघु रामकृष्णा मानव मनोविज्ञान का नतीजा बताते हैं और इस प्रक्रिया को न्यायोचित ठहराने के लिए वो आर्टिकल 25 (1) का भी हवाला देते हैं। साथ ही इस बात का स्पष्टीकरण भी देते हैं कि वो ईसाई धर्म के ख़िलाफ़ नहीं हैं। वो हर धर्म की इज्जत करते हैं।
जब उनसे पूछा जाता है कि वो अपने राज्य में होते धर्मांतरण करवाने वालों को रोकते क्यों नहीं है? उनकी सरकार इन सबके लिए कुछ करती क्यों नहीं हैं, तो वो इस मुद्दे को डायवर्ट करके दूसरे राज्यों की बातों को शुरू कर देते हैं।
ये पूरा विवाद 25 मई को टाइम्स नाऊ की एक डिबेट से शुरू हुआ था। उस डिबेट में YSRCP के सांसद रघु कृष्णा राजू ने इस बात को ऑन एयर शो में माना था कि आँध्र प्रदेश में धर्मांतरण की प्रक्रिया बहुत तेजी से चालू है। उन्होंने इस डिबेट में यह भी बताया था कि ये सब मिशनरी के जरिए होता है, जो मनी पावर का इस्तेमाल करके इन कामों को अंजाम देते हैं।
अवलोकन करें:-
जब उनसे पूछा गया कि सब जानते-समझते हुए उनकी सरकार क्या कर रही है? तो वो इस बात को कहते नजर आए कि इसमें वो क्या कर सकते हैं? ये सब तो पूरे देश में हो रहा है।
देखा जाए तो राजू ने कोई नयी बात नहीं की है, बल्कि वर्षों से चल रहे ईसाई मिशनरी द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण की चादर को सिर्फ छुआ है, चादर नहीं हटाई है। अभी इसके ऊपर से चादर हटनी बाकी है।
टाइम्स नाउ की डिबेट से शुरू हुए धर्मांतरण के मुद्दे पर एंकर पद्मजा जोशी ने कल फिर जगन मोहन रेड्डी की सरकार में मंत्री राजू से इस मुद्दे पर आगे की जानकारी माँगी। हालाँकि पहले तो वह अपने पुराने ढर्रे का राग लापते दिखे कि कन्वर्जन सिर्फ़ आँध्र प्रदेश में नहीं पूरे देश में हो रहा है।
किंतु, जैसे ही पद्मजा जोशी ने कहा कि क्या वो पूरे देश की उन जगहों के बारे में मुख्यत: बता सकते हैं, जहाँ-जहाँ ये प्रक्रिया चालू है। तो, रघु रामकृष्णा राजू ने एक नया चौंकाने वाला आँकड़ा पेश कर दिया।
उन्होंने कहा, “रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।”
उन्होंने आगे इस बात को भी स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं मालूम कि ये सब बाते अच्छी हैं या बुरी, लेकिन वो जो ये बातें कह रहें है, वो सिर्फ़ आँकड़े बयान करती है।
#Breaking | 'Conversion truth unravels further.— TIMES NOW (@TimesNow) May 26, 2020
People convert but don't register to avail the benefits: Raghu Ramakrishna Raju, MP, YSRCP tells Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #ConversionConfession pic.twitter.com/AdNBkV8Ips
We are not at all encouraging these forced conversions: Raghu Ramakrishna Raju, MP, YSRCP tells Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #ConversionConfession pic.twitter.com/8aXmSvRBln— TIMES NOW (@TimesNow) May 26, 2020
इस खुलासे को सुनकर पद्मजा ने उन्हें उनकी ईमानदारी के सराहा और आगे उनसे सवाल पूछा कि आखिर ये सब मुमकिन कैसे हुआ?
इस पर, YSRCP नेता ने बताया कि कुछ लोग ऐसे वर्ग से आते हैं, जिन्हें पहले से ही फायदा मिल रहा होता है। ऐसे में यदि वो ईसाई धर्म अपना लेते हैं, तो उन्हें वो फायदा मिलना बंद हो जाता है। यही कारण है कि लोग धर्मांतरण करते हैं, मगर उसका पंजीकरण नहीं करवाते।
आगे इस पूरी धर्मांतरण की प्रक्रिया को ऱघु रामकृष्णा मानव मनोविज्ञान का नतीजा बताते हैं और इस प्रक्रिया को न्यायोचित ठहराने के लिए वो आर्टिकल 25 (1) का भी हवाला देते हैं। साथ ही इस बात का स्पष्टीकरण भी देते हैं कि वो ईसाई धर्म के ख़िलाफ़ नहीं हैं। वो हर धर्म की इज्जत करते हैं।
जब उनसे पूछा जाता है कि वो अपने राज्य में होते धर्मांतरण करवाने वालों को रोकते क्यों नहीं है? उनकी सरकार इन सबके लिए कुछ करती क्यों नहीं हैं, तो वो इस मुद्दे को डायवर्ट करके दूसरे राज्यों की बातों को शुरू कर देते हैं।
ये पूरा विवाद 25 मई को टाइम्स नाऊ की एक डिबेट से शुरू हुआ था। उस डिबेट में YSRCP के सांसद रघु कृष्णा राजू ने इस बात को ऑन एयर शो में माना था कि आँध्र प्रदेश में धर्मांतरण की प्रक्रिया बहुत तेजी से चालू है। उन्होंने इस डिबेट में यह भी बताया था कि ये सब मिशनरी के जरिए होता है, जो मनी पावर का इस्तेमाल करके इन कामों को अंजाम देते हैं।
अवलोकन करें:-
जब उनसे पूछा गया कि सब जानते-समझते हुए उनकी सरकार क्या कर रही है? तो वो इस बात को कहते नजर आए कि इसमें वो क्या कर सकते हैं? ये सब तो पूरे देश में हो रहा है।
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