देश में अब Unlock 1.0 को शुरू किया जा चुका है। इसका सीधा मतलब है कि देश में अब धीरे धीरे कर लॉकडाउन को खत्म किया जाएगा। इस बीच दिल्ली सरकार की तरफ से एक अहम फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार(जून 1, 2020) को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वो दिल्ली की सभी सीमाओं को 1 हफ्ते के लिए सील कर रहे हैं।
इसके पीछे उन्होंने बेहद ही बेतुका और असंवेदनशील कारण दिया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ये चिंता की बात तो है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। वो इसलिए क्योंकि AAP की सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं में खूब पैसा लगाया। काफी सारे नए हॉस्पिटस, आईसीयू, मोहल्ला क्लीनिक खोला। सारे इलाज मुफ्त कर दिए।
केजरीवाल आगे कहते हैं, “दिल्ली सरकार ने पिछले 5 सालों में स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व विकास किया और यही वजह है कि जब कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण देश और दुनिया के कई हिस्सों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ ध्वस्त हो गई हैं, आपका मुख्यमंत्री आपको विश्वास दिलाता है कि अगर आपके घर में किसी को कोरोना हो जाता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपके लिए अस्पताल में बेड खाली है।”
मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल बताते हैं,
“आज दिल्ली में 2300-2400 मरीज हैं, जबकि लगभग साढ़े नौ हजार बेड का इंतजाम है। लेकिन अगर हमने बॉर्डर खोल दिए तो पूरे देश भर से लोग दिल्ली इलाज कराने के लिए आते हैं। लोग दो कारण से दिल्ली आते हैं। पहला कारण ये कि यहाँ का इलाज देश के किसी भी राज्य या शहर से अच्छा है और दूसरा कारण यह है कि दिल्ली के अंदर सरकारी अस्पतालों में सब कुछ मुफ्त है। 10 लाख का ऑपरेशन भी मुफ्त में होता है। तो हम जैसे ही बॉर्डर खोलेंगे देश भर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आएँगे और जो साढ़े नौ हजार बेड हमने आपके लिए रखे हैं, वो दो दिन में भर जाएँगे।”
उन्होंने दिल्ली की जनता से इस मसले पर सुझाव माँगा है। इसे आप वीडियो में 6:36 से 7:48 के बीच सुन सकते हैं।
यह पहली बार नहीं है, जब केजरीवाल ने दूसरे राज्य के लोगों के लिए इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने बिहार के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था।
उन्होंने कहा था, “दिल्ली में जिस तरह की व्यवस्था है इस तरह की व्यवस्था किसी राज्य में नहीं है। ऐसा है कि बिहार से एक आदमी 500 का टिकट लेता है और दिल्ली में आता है और अस्पताल में पाँच लाख का ऑपरेशन फ्री में करा के वापस चला जाता है। इससे ख़ुशी भी होती है कि अपने ही देश के लोग हैं, उन्हें इलाज मिलना चाहिए। सभी को ख़ुश रहना चाहिए। लेकिन दिल्ली की भी अपनी क्षमता है। दिल्ली पूरे देश के लोगों का इलाज कैसे करेगी? ज़रूरत है कि देश के अंदर व्यवस्था सुधरे।”
दरअसल, केजरीवाल का दिल्ली से बाहर वालों के लिए विवादित बयान देने का कारण है कि दिल्ली से बाहर हर चुनाव में आम आदमी पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों की जमानतें जब्त होने के साथ-साथ कई स्थानों पर तो NOTA से भी कम वोट मिले हैं।
सोशल मीडिया पर निम्न पत्र आँखे खोलने वाला है:-
दिल्ली सरकार के नाम एक खुला पत्र
माननीय मुख्यमंत्री जी,
29 मई को दिल्ली में कोरोना के 17386 मरीज थे,रिकवरी रेट 45% था और टोटल कन्टेनमेंट जोन भी 82 ही थे और कल 31 मई तक मात्र 2 दिनों में कोरोना के मरीज बढ़कर 19844(+2458) हो गए,रिकवरी रेट घटकर 42% पर आ गया और कन्टेनमेंट जोन बढ़कर 122 हो चुके हैं तो ऐसी कौन सी मज़बूरी है कि आपको बाज़ार हफ्ते में 6 दिन, सुबह 9बजे से रात्रि 9बजे तक खोलने वो भी बिना ऑड इवन के खोलने की जल्दी लगी हुई है जबकि खुद व्यापारी वर्ग अभी पूर्णतः बाज़ार खोलने के लिए तैयार नहीं है,जैसा कि आपने 18मई के अपने निर्णय के बाद भी देखा ही है कि अधिकतर बड़े बाज़ार अभी भी बंद ही हैं। बाहरी राज्यों से व्यापारी आ नहीं पा रहा या दिल्ली के हालात से डरकर आना नहीं चाह रहा। आपको फिलहाल रेवेन्यू की चिंता छोड़कर व्यापारियों को भरोसे में लेकर सबके हित में एक नीति बनानी चाहिए क्योंकि सभी जानते हैं कि बाज़ार पूर्ण रूप से खुलने पर सोशल डिस्टेंस रखना दिल्ली में असंभव है। आप पहले ही देख रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान रेड जोन में होते हुए भी आपकी बाज़ार खोलने की जल्दबज़ी से दिल्ली में हालात कितनी तेज़ी से बिगड़े हैं हो सकता है वो आपकी कोई राजनितिक मज़बूरी रही हो। अपनी महत्वाकांक्षा के लिए जनता की बली ना चढ़ाएं। कृपया नीतियां ऐसी बनाएं जिनमें सबकी भागीदारी और हित हो, जिससे जनता ने जिस विश्वास से आपकी सरकार बनाई है वो बना रहे और सब सुरक्षित रहें।
धन्यवाद
दिल्ली का एक आम नागरिक
इसके पीछे उन्होंने बेहद ही बेतुका और असंवेदनशील कारण दिया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ये चिंता की बात तो है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। वो इसलिए क्योंकि AAP की सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं में खूब पैसा लगाया। काफी सारे नए हॉस्पिटस, आईसीयू, मोहल्ला क्लीनिक खोला। सारे इलाज मुफ्त कर दिए।
"hamne aapke liye bed ka intezaam kar liya hai" CM Kejriwal assures Delhites not to worry about admission to hospitals if they test Covid+. But if borders are opened up for other states, people will come for as medical treatment as its free, in 2 days beds will be occupied pic.twitter.com/3uhgc0kQYo— Smita Prakash (@smitaprakash) June 1, 2020
केजरीवाल आगे कहते हैं, “दिल्ली सरकार ने पिछले 5 सालों में स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व विकास किया और यही वजह है कि जब कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण देश और दुनिया के कई हिस्सों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ ध्वस्त हो गई हैं, आपका मुख्यमंत्री आपको विश्वास दिलाता है कि अगर आपके घर में किसी को कोरोना हो जाता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपके लिए अस्पताल में बेड खाली है।”
#WATCH LIVE: Delhi CM Arvind Kejriwal briefs media, over #COVID19 situation. https://t.co/DapdaGFZ20— ANI (@ANI) June 1, 2020
मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल बताते हैं,
“आज दिल्ली में 2300-2400 मरीज हैं, जबकि लगभग साढ़े नौ हजार बेड का इंतजाम है। लेकिन अगर हमने बॉर्डर खोल दिए तो पूरे देश भर से लोग दिल्ली इलाज कराने के लिए आते हैं। लोग दो कारण से दिल्ली आते हैं। पहला कारण ये कि यहाँ का इलाज देश के किसी भी राज्य या शहर से अच्छा है और दूसरा कारण यह है कि दिल्ली के अंदर सरकारी अस्पतालों में सब कुछ मुफ्त है। 10 लाख का ऑपरेशन भी मुफ्त में होता है। तो हम जैसे ही बॉर्डर खोलेंगे देश भर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आएँगे और जो साढ़े नौ हजार बेड हमने आपके लिए रखे हैं, वो दो दिन में भर जाएँगे।”
उन्होंने दिल्ली की जनता से इस मसले पर सुझाव माँगा है। इसे आप वीडियो में 6:36 से 7:48 के बीच सुन सकते हैं।
यह पहली बार नहीं है, जब केजरीवाल ने दूसरे राज्य के लोगों के लिए इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने बिहार के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था।
उन्होंने कहा था, “दिल्ली में जिस तरह की व्यवस्था है इस तरह की व्यवस्था किसी राज्य में नहीं है। ऐसा है कि बिहार से एक आदमी 500 का टिकट लेता है और दिल्ली में आता है और अस्पताल में पाँच लाख का ऑपरेशन फ्री में करा के वापस चला जाता है। इससे ख़ुशी भी होती है कि अपने ही देश के लोग हैं, उन्हें इलाज मिलना चाहिए। सभी को ख़ुश रहना चाहिए। लेकिन दिल्ली की भी अपनी क्षमता है। दिल्ली पूरे देश के लोगों का इलाज कैसे करेगी? ज़रूरत है कि देश के अंदर व्यवस्था सुधरे।”
दरअसल, केजरीवाल का दिल्ली से बाहर वालों के लिए विवादित बयान देने का कारण है कि दिल्ली से बाहर हर चुनाव में आम आदमी पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों की जमानतें जब्त होने के साथ-साथ कई स्थानों पर तो NOTA से भी कम वोट मिले हैं।
सोशल मीडिया पर निम्न पत्र आँखे खोलने वाला है:-
दिल्ली सरकार के नाम एक खुला पत्र
माननीय मुख्यमंत्री जी,
29 मई को दिल्ली में कोरोना के 17386 मरीज थे,रिकवरी रेट 45% था और टोटल कन्टेनमेंट जोन भी 82 ही थे और कल 31 मई तक मात्र 2 दिनों में कोरोना के मरीज बढ़कर 19844(+2458) हो गए,रिकवरी रेट घटकर 42% पर आ गया और कन्टेनमेंट जोन बढ़कर 122 हो चुके हैं तो ऐसी कौन सी मज़बूरी है कि आपको बाज़ार हफ्ते में 6 दिन, सुबह 9बजे से रात्रि 9बजे तक खोलने वो भी बिना ऑड इवन के खोलने की जल्दी लगी हुई है जबकि खुद व्यापारी वर्ग अभी पूर्णतः बाज़ार खोलने के लिए तैयार नहीं है,जैसा कि आपने 18मई के अपने निर्णय के बाद भी देखा ही है कि अधिकतर बड़े बाज़ार अभी भी बंद ही हैं। बाहरी राज्यों से व्यापारी आ नहीं पा रहा या दिल्ली के हालात से डरकर आना नहीं चाह रहा। आपको फिलहाल रेवेन्यू की चिंता छोड़कर व्यापारियों को भरोसे में लेकर सबके हित में एक नीति बनानी चाहिए क्योंकि सभी जानते हैं कि बाज़ार पूर्ण रूप से खुलने पर सोशल डिस्टेंस रखना दिल्ली में असंभव है। आप पहले ही देख रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान रेड जोन में होते हुए भी आपकी बाज़ार खोलने की जल्दबज़ी से दिल्ली में हालात कितनी तेज़ी से बिगड़े हैं हो सकता है वो आपकी कोई राजनितिक मज़बूरी रही हो। अपनी महत्वाकांक्षा के लिए जनता की बली ना चढ़ाएं। कृपया नीतियां ऐसी बनाएं जिनमें सबकी भागीदारी और हित हो, जिससे जनता ने जिस विश्वास से आपकी सरकार बनाई है वो बना रहे और सब सुरक्षित रहें।
धन्यवाद
दिल्ली का एक आम नागरिक
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