एक साथ 25 स्कूलों में साइंस पढ़ाकर गुरू घंटाल अनामिका शुक्ला ने साल भर में कमाए एक करोड़ से ज्यादा

एक साथ 25 नौकरियां करने वाली अनामिका शुक्ला
एक साथ 25 नौकरियां करने वाली अनामिका शुक्ला
आर्थिक कारणों से दो दो नौकरी करने वाले कई संघर्षशील लोगों की कहानियां हमने देखी और पढ़ी हैं।लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे आदमी के बारे में सुना है जो एक साथ 25 जिलो में ड्यूटी कर रहा हो? आप कहेंगे ऐसा कहां संभव है, ये तो संभवत: कोई भूत ही कर सकता है। लेकिन ऐसा हुआ है और ये कारनामा हुआ है उत्तर प्रदेश के कासगंज में जहां साइंस टीचर अनामिका शुक्ला को एक साथ 25 जिलों के स्कूलों में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कासगंज के कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में फुल टाइम साइंस टीचर अनामिका शुक्ला के नाम पर उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के 25 स्कूलों में एक साथ नियुक्ति है और वो एक साल में करीब एक करोड़ रूपये सैलरी भी उठा चुकी है
जून 5 को कासगंज की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनामिका शुक्ला की सैलरी पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था जिसके बाद अपनी पोल-पट्टी खुलने के डर से अनामिका शुक्ला जून 6 को अपना इस्तीफा देने बीएसए के दफ्तर आई थी। उसके साथ एक लड़का भी आया था जो इस्तीफा लेकर बीएसए दफ्तर में गया जहां पूछताछ पर उसने बताया कि अनामिका शुक्ला बाहर खड़ी हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तुरंत पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी देते हुए अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार करवाया और तब तक अपने स्टॉफ के जरिए उस लड़के को दफ्तर में ही रोके रखा
ऐसे में प्रश्न यह भी होता है कि अध्यापिका अनामिका गिरफ्तार करने के साथ-साथ उन लोगों पर 25 ज़िलों के अधिकारियों पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? ऐसी पता नहीं कितनी अनामिका होंगी, गंभीर जाँच ही घोटाले को उजागर कर सकती है। क्योकि अकेले किसी अनामिका में ऐसा करने का साहस नहीं। 
जिसने भी पूरा मामला सुना, दांतो तले उंगली दबा ली। लोग हैरान परेशान हैं कि एक साथ 25 जिलों के 25 स्कूलों में कोई कैसे नौकरी कर सकता है। इतना बड़ा फर्जीवाड़ा आखिर हुआ तो हुआ कैसे? मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं

1 comment:

Unknown said...

योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार आने तक ऐसी अन्य घटनाए बहुत मिलेंगी जो अध्यापिका ग्रमीड छेत्र के स्कूलों में महीनों नहीं जाती थी लेकिन उनको बेतन मिलता रहता था।यह सब प्रशासन की मिली भगत या निष्क्रियता की बजह से होता था। इसी लिए शिक्षा का स्तर बहुत ही गिरा हुए था जिसका असर अब भी है।