नलिनी श्रीहरण: राजीव गाँधी की हत्या की दोषियों में से एक, जब गिरफ्तार की गई तो 2 महीने की गर्भवती थी

नलिनी श्रीहरण
नलिनी श्रीहरण 
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक आत्मघाती बम धमाके से हत्या कर दी गई थी। उनके साथ 13 अन्य लोगों ने भी अपनी जानें गँवाई थी। राजीव गाँधी हत्याकांड की एक दोषी नलिनी श्रीहरण अभी उम्र कैद की सजा काट रही है। बता दें कि राजीव गॉंधी की हत्या के आरोप में नलिनी को जब गिरफ्तार किया गया था, वह दो महीने की गर्भवती थी।
नलिनी ने जेल में रहने के दौरान ही अरिथ्रा मुरुगन नाम की बच्ची को जन्म दिया। कुछ समय तक अरिथ्रा उसके साथ जेल में रही। फिलहाल अरिथ्रा यूनाइटेड किंगडम में डॉक्टर है। इधर नलिनी ने राजीव गाँधी हत्याकांड मामले में अपनी भूमिका को लेकर लगभग तीन दशकों से जेल में बंद है।
मिनहाज मर्चेंट ने राजीव गाँधी की बॉयोग्राफी में नलिनी श्रीहरण की भूमिका के बारे में बताया है। बॉयोग्राफी के अनुसार, नलिनी उस कोर ग्रुप का हिस्सा थी, जिसने हत्या की साजिश रची थी। इस ग्रुप में श्रीनिवासन, मुरुगन, अरिवु, धनु, शुभा के साथ ही तीन स्थानीय लोग- भाग्यनाथन, नलिनी और पद्मा थे। जानकारी के मुताबिक धनु ने आत्मघाती हमलावर की भूमिका निभाई थी। इस कोर ग्रुप के पास प्लान की हर मिनट की खबर होती थी।
2019 में नलिनी को अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करने के लिए 30 दिन की पैरोल दी गई थी। उसने बताया कि वो 28 साल से जेल में है और इस दौरान उसे कभी भी एक महीने की छुट्टी का लाभ नहीं मिला, जो कि उम्र कैद की सजा काटने वाले मुजरिमों को मिलती है। इससे पहले उसने यह भी कहा था कि उसे राजीव गाँधी की हत्या का पछतावा है।
नलिनी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या में खुद की संलिप्तता से पूरी तरह से इनकार करती है। जब प्रियंका गाँधी वाड्रा उससे मिलने गई थी और पूछा था कि उसने उनके पिता को क्यों मार दिया तो नलिनी ने बताया कि उसे प्लान के बारे में कुछ भी नहीं पता था। उसकी हत्या में कोई भूमिका नहीं थी, उसे तो ‘हालात’ ने कैदी बना दिया।
तमिलनाडु सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत सभी सात दोषियों- एजी पेरारिवलन, वी श्रीहरण उर्फ मुरुगन, टी सुतेन्द्रराज उर्फ संथान, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और वी श्रीहरण की पत्नी नलिनी श्रीहरण को रिहा करने का आदेश दिया है। मगर यह आदेश अभी भी राज्यपाल के पास लंबित है। इन दोषियों में से श्रीहरण, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के नागरिक हैं।
राजीव गाँधी हत्याकांड में भूमिका को लेकर शुरुआत में नलिनी को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, लेकिन फिर उसकी बेटी की जन्म की वजह से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उसकी फाँसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। इसके बाद नलिनी की फाँसी की सजा उम्रकैद में बदल दी गई।
21 मई 1991 को जब तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में आत्मघाती बम हमले में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या कर दी गई थी, तब उनके साथ-साथ 13 अन्य लोगों की भी जान चली गई थी। और जब कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी सहित राजीव गाँधी के परिवार ने दोषियों को ‘माफ’ कर दिया और कहा कि हत्यारों को रिहा करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, तो राजीव गाँधी के साथ मरने वालों के परिजन उनके इस कदम से खुश नहीं थे। राजीव गाँधी के साथ जान गँवाने वालों 13 लोगों के परिजनों की तरफ से सोनिया गाँधी या उनके बच्चे कैसे फैसला ले सकते हैं?
दंगा फड़काने के आरोप में सफूरा जरगर गिरफ्तार 
जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा जरगर फिलहाल दिल्ली में सीएए-विरोधी दंगों में कथित संलिप्तता के लिए जेल में बंद है। सफूरा के गर्भवती होने के बावजूद जेल में बंद करने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी उछाला गया। तरह-तरह की दलीलें दी जा रही है, रिहा करने के लिए ट्रेंड चलाए जा रहे हैं। जबकि कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता कि उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है।
अवलोकन करें:-
कपिल शर्मा को दोषी बताने वाले उस समय कहाँ थे, जब CAA विरोध की आड़ में हिन्दुत्व, मोदी और योगी की कब्र खोदने के नारे लग रहे थे? साम्प्रदायिक रंग कौन दे रहा था? कहाँ  था #mob lynching, #award vapasi, #not in my name, #intolerence और एमनेस्टी आदि गैंग? विरोध CAA का था या हिन्दुत्व का? दंगाई चाहे जो बोले और करें, लेकिन प्रतिक्रिया होने पर अपना दामन बचाकर सारा दोष दूसरे पर डाल दो, कहाँ का इंसाफ है? कहते थे "कागज नहीं दिखाएंगे", लेकिन आज कोरोना के कारण लॉक डाउन में बंट रहे राशन को लेने के लिए कागज हाथों में लिए लाइनों में खड़ा हो रही एवं रहे हैं।

About this website
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
दिल्ली पुलिस ने ‘द वायर’ को एक फर्जी रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए फटकार लगाई है। दिल्ली दंगों की आरोपित सफूरा जरगर...
इसके बावजूद सोशल मीडिया पर सफूरा के गर्भवती होने का हवाला देकर तत्काल रिहाई की माँग की जा रही है। जबकि राजीव गाँधी हत्याकांड मामले में देखा जा सकता है कि गर्भवती महिला को गिरफ्तार भी किया गया और उसके अपराध के लिए दोषी भी ठहराया गया।

No comments: