60 साल में चीन ने हड़पी 43000 वर्ग Km जमीन, LAC से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

नरेंद्र मोदी, चीनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुला कर सभी पार्टियों की बातें सुनी और उसके बाद देश को आश्वस्त किया कि भारत की एक इंच ज़मीन पर भी चीन ने घुसपैठ नहीं किया है। इसके बाद से ही कांग्रेस सहित कई दलों के नेताओं और लिबरल गिरोह के पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी अपनी ही सरकार के स्टैंड को काट रहे हैं और सेना व सरकार में सामंजस्य नहीं है।
अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है और दुष्प्रचार फैलाने वालों को मुँहतोड़ जवाब दिया है। स्पष्टीकरण के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ कर दिया है कि ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ के साथ छेड़छाड़ करने की किसी भी प्रकार की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बकौल पीएम मोदी, पहले इस तरह की छेड़छाड़ पर सरकारें इसे नज़रअंदाज़ कर देती थीं लेकिन अब सेना के जवाब ऐसा करने वालों को रोकते-टोकते हैं।
सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सूचित किया गया कि इस बार चीन ने सीमा पर एक बड़े सैन्य बल के साथ अपने इरादों को अंजाम देने आए थे लेकिन भारतीय सेना ने उसके अनुरूप ही उचित जवाब दिया। जहाँ तक 15 जून को गलवान में हुई हिंसा की बात है, वो चीनियों द्वारा LAC के पास कंस्ट्रक्शन करने से पैदा हुआ। रोकने के बावजूद वो अपने मंसूबों को आगे बढ़ाते रहे, जिसके बाद संघर्ष हुआ। पीएमओ के अनुसार:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक को सम्बोधित करते हुए जो बातें कही गईं, वो गलवान में 15 जून को हुई हिंसा के सम्बन्ध में थीं। प्रधानमंत्री ने वीरगति को प्राप्त उन 20 भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी वीरता और बलिदान को प्रणाम किया, जिन्होंने चीनियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। 16 बिहार रेजिमेंट ने न सिर्फ़ चीनियों द्वारा सीमा पर कंस्ट्रक्शन करने के इरादे को नाकाम कर दिया बल्कि घुसपैठ की कोशिशों को भी विफल किया।”
मोदी ने कहा था कि जिन्होंने भारतीय सरजमीं में घुसने की कोशिश की, उन्हें भारत माता के वीर सपूतों ने करारा जवाब दिया। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारे जवान हमारी सीमाओं की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पीएमओ ने कहा है कि भारतीय क्षेत्र की क्या परिभाषा है, ये आधिकारिक नक़्शे से तय होता है। पिछले 60 साल में किस तरह से देश की 43,000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में चली गई, इस बारे में भी सभी दलों को बताया गया।
पीएमओ ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारे जवान सीमा पर हमारी सुरक्षा करते हुए खड़े हैं, पीएम मोदी के बयान को लेकर इस तरह का दुष्प्रचार फैलाया जाना उनके आत्मविश्वास को डिगाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण हरकत है। हालाँकि, कहा गया है कि सर्वदलीय बैठक में सरकार और सेना को सभी दलों का समर्थन मिला। सरकार LAC की स्थिति में किसी प्रकार का अपरिवर्तन नहीं होने देगी, इस सम्बन्ध में आश्वस्त किया गया।
राहुल गाँधी गैर-ज़िम्मेदार नेता : भाजपा 
गलवान घाटी में 20 सैनिकों की शहादत पर पूरे देश में आक्रोश है। पूरा देश अपने वीर सपूतों को नम आंखों से विदाई दे रहा है। वहीं इस शहादत पर कांग्रेस की सियासत अपने चरम पर है। कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर सवाल पर सवाल दागे जा रहे हैं। बीजेपी ने भी देश के बारे में उनकी जानकारी और समझ पर सवाल उठा दिया है।
मोदी सरकार से सवाल पूछकर घिरे राहुल गांधी
राहुल ने ट्विटर पर एक 18 सेकेंड का वीडियो जारी कर कहा, चीन ने हिंदुस्तान के निहत्थे सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है। मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यूं भेजा। कौन जिम्मेदार है?’

गोलियां चलाने में समझौता आड़े आया: विदेश मंत्री
राहुल गांधी के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, ‘हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।’ जयशंकर ने चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के वक्त हथियारों का उपयोग नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, ‘गतिरोध के वक्त हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (1996 और 2005 समझौतों के तहत) रही है।’

“प्रधानमंत्री सिर्फ भाजपा का नहीं, देश का प्रधानमंत्री है”
प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी के हमले का जवाब देते हुए संबित पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ भाजपा के नहीं… देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी को डरा हुआ कहना हिंदुस्तान को डरा हुआ कहना है। राहुल गांधी के आज के ट्वीट पर पात्रा ने कहा राहुल को थोड़ा संयम बरतने की जरूरत है। यह सवाल 19 जून को सर्वदलीय बैठक में पूछा जा सकता था।

कांग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच समझौता
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि अगस्त 2008 में कांग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच एमओयू साइन किया गया था। कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि समझौते दो देशों के बीच होते सुने, लेकिन दो पार्टियों के बीच समझौता क्यों हुआ?


लद्दाख के बीजेपी सांसद ने राहुल को दिखाया आईना
 
लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्‍या चीन ने भारत की जमीन पर कब्‍जा कर लिया है? कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी के सवाल पर लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने करारा जवाब दिया। जामयांग ने कहा, ‘हां चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया है।’ अपने जवाब के साथ जामयांग सेरिंग नामग्याल ने ट्विटर पर उन जगहों की लिस्ट भी ट्वीट की, जिसे भारत ने सन 1962 से 2012 के दौरान कांग्रेस शासनकाल में गंवा दी थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी और कांग्रेस तथ्यों पर आधारित मेरे जवाब से सहमत होंगे और उम्मीद है कि वो फिर गुमराह करने की कोशिश नहीं करेंगे।’

आखिर कब परिपक़्व होंगे राहुल बाबा?
अक्सर राहुल गांधी कुछ-न-कुछ ऐसा बयान दे देते हैं, जिससे सवाल उठने लगते हैं कि आखिर कब बड़े होंगे राहुल बाबा? ऐसा सवाल इस लिए पूछा जाता है कि क्योंकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 15 वर्षों से सक्रिय राजनीति में हैं, उनकी उम्र भी 50 के करीब हो गई है, लेकिन लगता है कि मानसिक तौर पर वे अभी भी परिपक्व नहीं हुए हैं। उनकी ब्रांडिंग के लिए विदेशी एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है, लेकिन कोई फर्क दिखाई नहीं पड़ रहा है। जाहिर है कि जिस नेता को जमीनी मुद्दे नहीं पता, जमीनी सच्चाई नहीं पता वो कैसे जनता की नुमाइंदगी ठीक से कर सकता है। जिसे विदेशी समझौतों और संबंधों की समझ नहीं है। वो अपनी ही सरकार से विदेशी मामलों में समझदारी और जिम्मेदार रवैया कैसे दिखा सकता है। एक नजर डालते हैं ऐसी घटनाओं पर जिनसे यह समझने में आसानी होगी कि राहुल बाबा कहीं पूरी जिंदगी राहुल बाबा तो नहीं रहेंगे।

राहुल ने मोबाइल से देखकर लिखा शोक संदेश
राहुल गांधी के बारे में दावा किया जाता है कि वो विदेश में पढ़े हैं और बहुत ही समझदार और संवेदनशील नेता है। इस दावे की पोल उस वक्त खुल गई जब नेपाल में आए भूकंप के बाद मई 2015 में राहुल गांधी नई दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास पहुंचे और वहां शोक संदेश लिखा। राहुल ने शोक संदेश अपने मन से नहीं लिखा, बल्कि इसके लिए मोबाइल का सहारा लिया। अब बताइए जो नेता एक शोक संदेश भी अपने मन से नहीं लिख पाता हो, वो देश का नेतृत्व कैसे कर सकता है? यह सवाल तो उठना लाजिमी है।

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लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 जवान बलिदान हो गए थे। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता लगातार बया.....

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