
रघुराम कृष्णम राजू ने लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला को एक याचिका देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें केंद्रीय बलों के द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाए क्योंकि उनकी अपनी ही पार्टी के विधायक और समर्थक लगातार जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं। रघुराम कृष्णम राजू पिछले कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश में अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस-प्रशासन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है, इसीलिए वो केंद्रीय सुरक्षा के लिए निवेदन कर रहे हैं।
रघुराम कृष्णम राजू उद्योगपति भी हैं, जिन्होंने बाद में राजनीति का रुख कर लिया। हाल ही में जब तिरुपति तिरुमला देवस्थानम बोर्ड ने मंदिर की संपत्ति को नीलाम करने का निर्णय लिया था, तब उन्होंने हिन्दुओं की भावनाओं को देखते हुए इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी। हाउस-साइट डिस्ट्रीब्यूशन और बालू बेचने में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भी उन्होंने मंदिर प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद उनकी अपनी ही पार्टी विधायकों के साथ तू-तू-मैं-मैं हुई थी।
Raghuram Krishnam Raju from Narsapuram said he sought appropriate protection as the local state police allegedly failed to act on his complaints.— IndiaToday (@IndiaToday) June 22, 2020
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उन्होंने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस ने आरोपितों के ख़िलाफ़ कोई एक्शन नहीं लिया, इसीलिए उन्हें मजबूरन लोकसभाध्यक्ष से गुहार लगानी पड़ी। उनका आरोप है कि एक विधायक ने तो उन्हें गन्दी-गन्दी गालियाँ भी दीं। उन्होंने वाईएसआरसीपी कैडर पर भी उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया है। रघुराम कृष्णम राजू का कहना है कि चुनाव भी उन्होंने अपने ही दम पर जीता है, इसमें जगन मोहन रेड्डी के चेहरे का कोई योगदान नहीं है।
रघुराम कृष्णम राजू पहले भाजपा में थे। इसके बाद चुनाव आते ही उन्होंने वाईएसआरसीपी (YSRCP) का दामन थाम लिया था। उससे पहले वो चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी में भी रहे थे। वाईएसआरसीपी पार्टी के टिकट पर ही वो सांसद भी चुने गए थे। उनके आरोपों को लेकर पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया है। लोकसभाध्यक्ष की तरफ से फ़िलहाल किसी प्रकार का एक्शन लिए जाने की सूचना नहीं है।
एक न्यूज़ डिबेट में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के सांसद खुलेआम ऑन एयर शो पर ये बोलते नजर आए थे कि यदि मिशनरी के लोग धर्मांतरण करवा रहे हैं, तो उसमें वो क्या कर सकते हैं। YSRCP के सांसद रघुराम कृष्णा राजू ने इस बात को ऑन एयर शो में माना था कि आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण की प्रक्रिया तेजी से चालू है। लेकिन वह ये भी कहते नजर आए थे कि इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं है।
अवलोकन करें:-
इसके बाद उन्होंने कहा था, “रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।” YSRCP नेता ने बताया था कि कुछ लोग ऐसे वर्ग से आते हैं, जिन्हें पहले से ही फायदा मिल रहा होता है। ऐसे में यदि वो ईसाई धर्म अपना लेते हैं, तो उन्हें वो फायदा मिलना बंद हो जाता है। यही कारण है कि लोग धर्मांतरण करते हैं, मगर उसका पंजीकरण नहीं करवाते।
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