आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल को लेकर उपजे विवाद के बाद अब गाज फेयर एंड लवली पर गिरी है। खबर ये है कि सोशल मीडिया पर कोरोनिल के समर्थन में लोगों ने फेयर एंड लवली की बिक्री और गोरा करने वाले दावों पर सवाल किया।
इसके बाद खबर आई कि अब हिंदुस्तान यूनिलीवर ने फैसला लिया है कि वे अपने 45 साल पुराने प्रॉडक्ट का नाम बदल देंगे।
जबसे बाबा रामदेव ने स्वदेशी बाजार को गर्माया है, तभी से भारतीय बाजार में अपना प्रभुत्व जमाए विदेशी कंपनियों के लाभांश को प्रभावित करने पर सत्ता में विराजमान अपने गुर्गों से पतंजलि पर अनेकों आपत्तियां दर्ज कर, रामदेव पर प्रहार करते रहे हैं। लेकिन अब करोनिल पर किए बवाल की आग केवल fair& lovely पर ही नहीं, बल्कि नहाने के साबुनों पर भी पड़ने वाला है। ध्यान हो, कल जो टूथ पेस्ट बनाने वाली जो कंपनियां नमक, हल्दी और अन्य प्राकृतिक पदार्थों के उपयोग से सावधान करतीं थीं, आज पतंजलि के दंत कांति के बाद से वही विदेशी कंपनियां वेद शक्ति आदि के नाम से टूथ पेस्ट बाजार में लेकर आए।
पतंजलि के समर्थक सोशल मीडिया पर कोरोनिल पर विवाद बढ़ने के बाद सवाल उठा रहे थे कि आखिर जो लोग 20 साल से फेयर एंड लवली का इस्तेमाल गोरा होने के लिए कर रहे हैं, वो आज कोरोनिल पर इसलिए सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उसे कोरोना वायरस का उपचार बताया जा रहा है। क्या इन लोगों ने कभी फेयर एंड लवली को इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक प्रमाण माँगा?
अब हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के इस फैसले के पीछे पतंजलि समर्थकों के सवाल कितने उत्तरदाई है? ये कहना मुश्किल काम है। लेकिन बता दें, फेयर एंड लवली के नाम और दावों को लेकर बवाल पिछले काफी समय से चल रहा था।
कई महिला संगठनों ने इसके विरोध में कहा था कि किसी महिला की खूबसूरती उसके रंग से नहीं आँकी जानी चाहिए।
संगठनों का आरोप था कि क्रीम में गोरापन शब्द को जिस तरह से इस्तेमाल किया जाता है उससे ये प्रतीत होता है कि सिर्फ गोरी महिलाएँ ही खूबसूरत होती हैं।
अब इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि वे अपने 45 साल पुराने ब्रांड का नाम बदल देंगे।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नया ब्रांड का नाम सभी मंजूरी के बाद लॉन्च किया जाएगा। कंपनी ने फेयर एंड लवली से फेयर शब्द को हटाने की बात कही है। नए अवतार में आने वाला फेयर एंड लवली ब्रांड अलग-अलग स्किन टोन वाली महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर ज्यादा केंद्रित होगा।
पिछले दिनों न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भी बताया था कि दक्षिण एशिया में यूनीलीवर स्किन लाइटनिंग क्रीम की मार्केटिंग में बदलाव की तैयारी कर रही है। क्योंकि सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर गोरा बनाने वाली क्रीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी के इस फैसले के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसला कंपनी के लिए बेहद टेंशन भरा होगा। इस कदम से फेयर एंड लवली की सेल्स पर असर पड़ेगा। जिसके कारण बिक्री गिरने के अनुमान हैं। कुल मिलाकर इसका नेगेटिव असर ही पड़ेगा। मगर लांग टर्म में यह फैसला कंपनी के हित में होगा।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल को लेकर उपजे विवाद के बाद अब गाज फेयर एंड लवली पर गिरी है। खबर ये है कि सोशल मीडिया पर कोरोनिल के समर्थन में लोगों ने फेयर एंड लवली की बिक्री और गोरा करने वाले दावों पर सवाल किया।
इसके बाद खबर आई कि अब हिंदुस्तान यूनिलीवर ने फैसला लिया है कि वे अपने 45 साल पुराने प्रॉडक्ट का नाम बदल देंगे।
जबसे बाबा रामदेव ने स्वदेशी बाजार को गर्माया है, तभी से भारतीय बाजार में अपना प्रभुत्व जमाए विदेशी कंपनियों के लाभांश को प्रभावित करने पर सत्ता में विराजमान अपने गुर्गों से पतंजलि पर अनेकों आपत्तियां दर्ज कर, रामदेव पर प्रहार करते रहे हैं। लेकिन अब करोनिल पर किए बवाल की आग केवल fair& lovely पर ही नहीं, बल्कि नहाने के साबुनों पर भी पड़ने वाला है। ध्यान हो, कल जो टूथ पेस्ट बनाने वाली जो कंपनियां नमक, हल्दी और अन्य प्राकृतिक पदार्थों के उपयोग से सावधान करतीं थीं, आज पतंजलि के दंत कांति के बाद से वही विदेशी कंपनियां वेद शक्ति आदि के नाम से टूथ पेस्ट बाजार में लेकर आए।
पतंजलि के समर्थक सोशल मीडिया पर कोरोनिल पर विवाद बढ़ने के बाद सवाल उठा रहे थे कि आखिर जो लोग 20 साल से फेयर एंड लवली का इस्तेमाल गोरा होने के लिए कर रहे हैं, वो आज कोरोनिल पर इसलिए सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उसे कोरोना वायरस का उपचार बताया जा रहा है। क्या इन लोगों ने कभी फेयर एंड लवली को इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक प्रमाण माँगा?
Babaramdev is being accused by so many people for making Coronil But may of them using Fair and lovely from last 20 year in the hope of getting fair Skin and some celebs has endorse such things without asking for scientific proof For coronil they are asking proof @ashish9722— Vikas Yadav (@ssgbvikas) June 24, 2020
हाँ Coronil प्रमाणित नहीं थी।— Andy (@itsAnandJadhav) June 24, 2020
बाकी fair_and_lovely तो बचपन से सबको गोरा करती चली आई है। 😠#RamdevCoronaCure#SwadeshiFirst
अब हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के इस फैसले के पीछे पतंजलि समर्थकों के सवाल कितने उत्तरदाई है? ये कहना मुश्किल काम है। लेकिन बता दें, फेयर एंड लवली के नाम और दावों को लेकर बवाल पिछले काफी समय से चल रहा था।
कई महिला संगठनों ने इसके विरोध में कहा था कि किसी महिला की खूबसूरती उसके रंग से नहीं आँकी जानी चाहिए।
संगठनों का आरोप था कि क्रीम में गोरापन शब्द को जिस तरह से इस्तेमाल किया जाता है उससे ये प्रतीत होता है कि सिर्फ गोरी महिलाएँ ही खूबसूरत होती हैं।
अब इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि वे अपने 45 साल पुराने ब्रांड का नाम बदल देंगे।
We’re committed to a skin care portfolio that's inclusive of all skin tones, celebrating the diversity of beauty. That’s why we’re removing the words ‘fairness’, ‘whitening’ & ‘lightening’ from products, and changing the Fair & Lovely brand name.https://t.co/W3tHn6dHqE— Unilever #StaySafe (@Unilever) June 25, 2020
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नया ब्रांड का नाम सभी मंजूरी के बाद लॉन्च किया जाएगा। कंपनी ने फेयर एंड लवली से फेयर शब्द को हटाने की बात कही है। नए अवतार में आने वाला फेयर एंड लवली ब्रांड अलग-अलग स्किन टोन वाली महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर ज्यादा केंद्रित होगा।
पिछले दिनों न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भी बताया था कि दक्षिण एशिया में यूनीलीवर स्किन लाइटनिंग क्रीम की मार्केटिंग में बदलाव की तैयारी कर रही है। क्योंकि सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर गोरा बनाने वाली क्रीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी के इस फैसले के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसला कंपनी के लिए बेहद टेंशन भरा होगा। इस कदम से फेयर एंड लवली की सेल्स पर असर पड़ेगा। जिसके कारण बिक्री गिरने के अनुमान हैं। कुल मिलाकर इसका नेगेटिव असर ही पड़ेगा। मगर लांग टर्म में यह फैसला कंपनी के हित में होगा।
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