आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक करेला ऊपर से नीम चढ़ा कहावत कांग्रेस के उन लोगों पर सटीक बैठती है, जो परिवार की गुलामी करते प्रियंका को सिर पर बैठा रहे थे। जिस तरह राहुल के बयान कांग्रेस को धरातल में धकेल रहे हैं, ठीक उसी भांति प्रियंका के बयान। योगी-मोदी विरोध में यह परिवार जनहित में विरोध करना ही भूल गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शेल्टर होम केस को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की ‘भ्रामक’ टिप्पणी ने उनकी परेशानियाँ बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी को उनकी टिप्पणी के कारण नोटिस भेजा है।
इस नोटिस में उन्हें आयोग ने उनसे उनकी टिप्पणी का तीन दिन के अंदर खंडन करने को कहा है। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर समय से खंडन न किया गया तो आयोग अधिनियम -2005 की धारा-13 की उपधारा -1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत उचित कार्रवाई करेगा।
बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सूचित किया गया है।
पिछले दिनों कानपुर में स्वरूप नगर स्थित संवासिनी गृह में सात संवासिनियों के गर्भवती और 57 के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रियंका गाँधी ने कानपुर शेल्टर होम को लेकर टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था, “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जाँच होने के बाद एक तथ्य आया कि दो गर्भवती और एक एड्स पॉजिटिव है। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। उत्तर प्रदेश में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जाँचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएँ घट रही हैं।”
प्रिंयका गाँधी की इसी टिप्पणी को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भ्रामक और तथ्यहीन बताया और इसे बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला करार दिया।
अखिलेश यादव ने भी की थी टिप्पणी
कानपुर शेल्टर होम केस को लेकर अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उप्र में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गई है, इनका तत्काल इलाज हो। सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जाँच बैठाए।”
एक करेला ऊपर से नीम चढ़ा कहावत कांग्रेस के उन लोगों पर सटीक बैठती है, जो परिवार की गुलामी करते प्रियंका को सिर पर बैठा रहे थे। जिस तरह राहुल के बयान कांग्रेस को धरातल में धकेल रहे हैं, ठीक उसी भांति प्रियंका के बयान। योगी-मोदी विरोध में यह परिवार जनहित में विरोध करना ही भूल गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शेल्टर होम केस को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की ‘भ्रामक’ टिप्पणी ने उनकी परेशानियाँ बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी को उनकी टिप्पणी के कारण नोटिस भेजा है।
इस नोटिस में उन्हें आयोग ने उनसे उनकी टिप्पणी का तीन दिन के अंदर खंडन करने को कहा है। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर समय से खंडन न किया गया तो आयोग अधिनियम -2005 की धारा-13 की उपधारा -1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत उचित कार्रवाई करेगा।
बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सूचित किया गया है।
पिछले दिनों कानपुर में स्वरूप नगर स्थित संवासिनी गृह में सात संवासिनियों के गर्भवती और 57 के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रियंका गाँधी ने कानपुर शेल्टर होम को लेकर टिप्पणी की थी।
The Uttar Pradesh child rights panel issued a notice to Congress general secretary Priyanka Gandhi, asking her to file a reply within three days for her "misleading" comment on the Kanpur shelter home.https://t.co/OlkFgMmvVV— News18.com (@news18dotcom) June 25, 2020
उन्होंने कहा था, “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जाँच होने के बाद एक तथ्य आया कि दो गर्भवती और एक एड्स पॉजिटिव है। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। उत्तर प्रदेश में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जाँचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएँ घट रही हैं।”
प्रिंयका गाँधी की इसी टिप्पणी को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भ्रामक और तथ्यहीन बताया और इसे बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला करार दिया।
अखिलेश यादव ने भी की थी टिप्पणी
कानपुर शेल्टर होम केस को लेकर अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उप्र में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गई है, इनका तत्काल इलाज हो। सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जाँच बैठाए।”
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