मुंबई : मुझे डर है, हम सभी उम्मीद खो देंगे : KEM अस्पताल के डॉक्टरों का ठाकरे सरकार को खुला खत

Malad resident loses life due to doctors' strike at KEM hospital ...
Uddhav Thackeray: 'Mission Begin Again'; Maharashtra CM Uddhav ...देश भर में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र से सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 2361 नए कोरोना के मामले सामने आए, वहीं 76 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ महाराष्ट्र में अब तक 2362 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है। महाराष्ट्र में कुल मरीजों की संख्या 70,013 पहुँच गई है।
मुंबई में 40 हजार से अधिक मरीज हैं। देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई के अस्पतालों में मरीजों की हालत बेहद खराब है। बेड और ऑक्सीजन की कमी के साथ साथ इनकी देखभाल के लिए नर्सें और स्वास्थ्यकर्मियों की भी कमी है। इसकी वजह से डॉक्टरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अब, मुंबई के बड़े अस्पताल किंग एडवर्ड मेडिकल कालेज (KEM) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया कि वो किस तरह की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
अपने पत्र में उन्होंने शिफ्ट को छोटी करने और कोरोना पॉजिटिव मेडिकल स्टाफ के लिए अलग से वार्ड की माँग की है। पत्र में लिखा गया है, “केईएम अस्पताल में हमारे पास क्लास 4 के कर्मचारियों और स्टाफ नर्सों की भारी कमी है। डॉक्टर बुरी तरह से बोझ तले दब गए हैं और इससे उनका मनोबल प्रभावित हो रहा है।” डॉक्टरों ने इस पत्र के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया है, ताकि यह दिखाया जा सके कि वो किस तरह की कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं।
वीडियो में मरीजों का इलाज करते हुए केवल तीन डॉक्टरों को दिखाया गया है , जिन पर 35 मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी है। डॉक्टरों की शिकायत है कि न तो मरीजों की देखभाल के लिए कोई नर्स मौजूद है और न ही फ्लोर साफ करने के लिए कर्मचारी।
वीडियो शूट करते हुए डॉक्टर कहता है, अब लोग सरकारी अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा देखेंगे… भारत स्वास्थ्य पर अपने GDP की इतनी कम राशि खर्च करता है, जबकि यह एक अनिवार्यता है।”
सहयोगी डॉक्टर का कहना है, “रोगी पहले से ही बीमार है और मैं असहाय महसूस कर रहा हूँ। मैं कुछ नहीं कर सकता। मैं किसी व्यक्ति को अपनी आँखों के सामने मरने नहीं दे सकता। मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है, केवल तीन सहकर्मी… सिर्फ तीन डॉक्टर और 35 मरीज, वे कभी भी मर सकते हैं। और हम उन सभी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह अमानवीय और अनैतिक है। मैं नौजवानों से अनुरोध करता हूँ कि वे आएँ और मदद करें। अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी मरीजों को नहीं छू रहे हैं।”
डॉक्टर ने आगे बताया कि उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। डॉक्टरों ने पत्र में लिखा है, “हमने उच्च अधिकारियों के सामने इस मामले को उठाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले कई हफ्तों से यह स्थिति गंभीर है और यह बद से बदतर होती जा रही है। अगर अभी भी कुछ नहीं किया गया तो फिर मुझे डर है कि हम सभी उम्मीद खो देंगे।”
केईएम अस्पताल के कर्मचारियों ने 10 दिन में दूसरी बार सोमवार (जून 1, 2020) को सुविधाओं को लेकर प्रदर्शन किया। अस्पताल में सुविधाओं के अभाव में नर्सों ने ये प्रदर्शन किया। नर्सों का कहना है कि अस्पताल में उन्हें कोविड वॉर्ड में एक-एक महीने तक ड्यूटी करनी पड़ रही है और उन्हें क्वारंटाइन फैसिलिटी में भी नहीं भेजा जा रहा है। नर्सों ने ये भी दावा किया कि उन्हें एक पीपीई किट 8 घंटे तक पहननी पड़ती है जो कि मुंबई के मौसम के हिसाब से लगभग नामुमकिन है। यही नहीं उन्होंने कहा कि वहाँ पंखे भी नहीं हैं। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव स्टाफ के लिए अलग से वार्ड की माँग की है।

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