
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त एवं जन सूचना अधिकारी एम.ए रिज़वी के हस्ताक्षर से जारी जवाब में बताया गया है कि सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक समुदाय विशेष के 11 धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त किया गया था। पुलिस ने इन घटनाओं के संबंध में 11 प्राथमिकियाँ दर्ज की हैं और 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से सात को जमानत मिल गई है और चार मामलों में आरोप-पत्र दाखिल कर दिए गए हैं।
एक आरटीआई के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया कि साल की शुरुआत में हुए दंगो में कुल 13 धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा. इन मामलों में उसने 33 लोगों को गिरफ्तार किया है.#DelhiRiots #DelhiPolice https://t.co/k2rpxVAlU9— ABP News (@ABPNews) June 28, 2020
दूसरे आरटीआई आवेदन के जवाब में पुलिस ने बताया कि अन्य समुदाय विशेष के दो धर्मस्थलों को क्षतिग्रस्त किया गया था। इस बाबत दो प्राथमिकियाँ दर्ज की गई हैं और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में गिरफ्तार किसी भी आरोपी को ज़मानत नहीं मिली है, जबकि एक मामले में आरोप-पत्र दायर कर दिया गया है।
अन्य आरटीआई आवेदन के जवाब में पुलिस ने बताया कि जाफराबाद, कर्दमपुरी और चाँदबाग में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों और दंगों के सिलसिले में ज्योतिनगर, दयालपुर और जाफराबाद थानों में कुल 190 प्राथमिकियाँ दर्ज की गई हैं और 357 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि कितने गिरफ्तार लोगों को जमानत पर छोड़ा गया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि 25 मामलों में आरोप-पत्र दायर कर दिए गए हैं।
Kerala Gov. @ArifMohammadk Khan exposes @KhanumArfa’s hypocrisy in her silence on her own community’s Islamic clerics but willingness to attack Hindus.— Tarek Fatah (@TarekFatah) June 29, 2020
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आरटीआई आवेदन के जवाब में पुलिस ने बताया कि 23 फरवरी को मौजपुर चौक पर सीएए के समर्थन में हुए प्रदर्शन के सिलसिले में वेलकम थाने में तीन प्राथमिकियाँ दर्ज की गईं और 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से सात को जमानत मिल गई है।
वकील यूनुफ नकी द्वारा RTI के तहत माँगी गई के जानकारी में दिल्ली पुलिस से दंगों के दौरान दर्ज की गई प्राथमिकियों की प्रति और गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम भी माँगे थे। लेकिन पुलिस ने किसी भी आरोपी का नाम, प्राथमिकियों की प्रति और दंगाइयों द्वारा बनाए गए धार्मिक स्थलों का पता देने से साफ इनकार कर दिया। पुलिस ने इस मामले के पीछे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ होना बताया और इसके लिए आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा आठ (1) (ए,जी,जे और एच) का हवाला दिया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी के आखिर में सीएए विरोध के नाम पर हुए हिंदू विरोधी दंगों में कुल 53 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इतना ही नहीं संसद में दंगों पर चर्चा के दौरान मार्च महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि हिंसा के दौरान 371 दुकानों और 142 घरों को आग लगाई गई थी। शाह के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने दंगों के संबंध में 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है।
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