कोरोना महामारी के बीच एक ओर जहाँ हर किसी का ध्यान इन हालातों से उबरने पर है। वहीं मीडिया गिरोह के लोग इस समय भी कोई न कोई जुगाड़ करके प्रोपगेंडा चलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। राजदीप सरदेसाई इस कड़ी में सबसे सक्रिय नाम हैं। ऐसा लगता है राजदीप मोदी फोबिया से ग्रस्त है।
राजदीप ने दिल्ली में सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलने के लिए कभी दिल्ली सरकार की आलोचना नहीं की। इतना ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में डॉक्टरों को वेतन न मिलने को कभी उजागर करने का साहस नहीं किया।
राजदीप ने जुलाई 1 को गणपति पर अपमानजनक ट्वीट किया था। अब उनका एक अन्य ट्वीट उनकी फजीहत का कारण बन गया है। दरअसल, राजदीप ने 1 जुलाई को अपने इस ट्वीट में कर्नाटक के दावणगेर जिले में स्थित एक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों को 16 महीने से वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया। इसके बाद वह इस पूरे मामले को भी मोदी सरकार की आलोचना पर ले आए।
राजदीप ने लिखा, “कर्नाटक के दावणगेर अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स को 16 महीने से वेतन नहीं मिला। बिलकुल 16 महीने। यहाँ थाली बजाकर कोरोना वॉरियर्स को सैल्यूट करने की कोई बात ही नहीं है अगर उन्हें उनका मेहनताना समय से न दिया जाए। ये समय बात करने का है।”
इसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने राजदीप के ट्वीट मे उल्लेखित अस्पताल से जुड़ी जानकारी निकाली। पता लगाया गया कि जिस अस्पताल में डॉक्टरों से होते अत्याचार के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, उसकी हकीकत क्या है।
इसी खोजबीन में यह पाया गया कि राजदीप जिस अस्पातल के नाम पर अपना प्रोपगेंडा चलाने की कोशिशों में जुटे थे। वो अस्पताल जेजेएम मेडिकल कॉलेज है। जिसका नाम तक राजदीप ने बताना जरूरी नहीं समझा। लेकिन जब इसके बारे में जानकारियाँ जुटाई गईं तो ज्ञात हुआ कि इसके चेयरमैन तो कॉन्ग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा हैं। जो कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। मगर, राजदीप को इन तथ्यों से क्या? उन्हें तो खुद को कायम रखने के लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर इन्हीं पब्लिक स्टंट का सहारा है।
खैर! राजदीप के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हैं। कुछ लोगों का कहना है कि डॉक्टरों को 16 महीने से वेतन नहीं दिया गया। जबकि भाजपा सरकार तो वहाँ केवल 11 महीने से है। क्या कॉन्ग्रेस बता सकती है कि उससे पहले से डॉक्टरों को उनकी सैलरी क्यों नहीं मिल रही थी।
कुछ लोग ऐसे भी है। जो कर्नाटक के अस्पताल के हालातों के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं को जिम्मेदार बता रहे हैं। एक यूजर लिखता है- “अधिकांश मेडिकल व डेंटल कॉलेज कॉन्ग्रेस और उनके नुमाइंदो ने खरीदे। इन्होंने लगातार फ्रॉड किया। अब समय आ गया है इनके ख़िलाफ़ जाँच की जाए।”
इसके अलावा कुछ यूजर्स, डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने पर राजदीप सरदेसाई की तरह मोदी सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं। वहीं, कुछ प्रमाण के साथ ये दावा कर रहे हैं कि येदियुरप्पा सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को उनका बकाया वेतन लौटाने के लिए निर्देश दे दिए हैं।
ये वही राजदीप हैं, जिसने कहा था कि "2002 गोधरा दंगों के लिए मोदी जिम्मेदार नहीं, मीडिया ने फैलाया झूठ।"
राजदीप ने दिल्ली में सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलने के लिए कभी दिल्ली सरकार की आलोचना नहीं की। इतना ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में डॉक्टरों को वेतन न मिलने को कभी उजागर करने का साहस नहीं किया।
राजदीप ने जुलाई 1 को गणपति पर अपमानजनक ट्वीट किया था। अब उनका एक अन्य ट्वीट उनकी फजीहत का कारण बन गया है। दरअसल, राजदीप ने 1 जुलाई को अपने इस ट्वीट में कर्नाटक के दावणगेर जिले में स्थित एक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों को 16 महीने से वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया। इसके बाद वह इस पूरे मामले को भी मोदी सरकार की आलोचना पर ले आए।
राजदीप ने लिखा, “कर्नाटक के दावणगेर अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स को 16 महीने से वेतन नहीं मिला। बिलकुल 16 महीने। यहाँ थाली बजाकर कोरोना वॉरियर्स को सैल्यूट करने की कोई बात ही नहीं है अगर उन्हें उनका मेहनताना समय से न दिया जाए। ये समय बात करने का है।”
In a hospital in Davanagere in Karnataka, resident doctors have not been paid for 16 months, that’s right 16 months! There is no point in saluting corona warriors, beating Thalis if basic stipends/salaries are not paid on time. Time to walk the talk! Good night, shubhratri.— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 1, 2020
इसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने राजदीप के ट्वीट मे उल्लेखित अस्पताल से जुड़ी जानकारी निकाली। पता लगाया गया कि जिस अस्पताल में डॉक्टरों से होते अत्याचार के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, उसकी हकीकत क्या है।
इसी खोजबीन में यह पाया गया कि राजदीप जिस अस्पातल के नाम पर अपना प्रोपगेंडा चलाने की कोशिशों में जुटे थे। वो अस्पताल जेजेएम मेडिकल कॉलेज है। जिसका नाम तक राजदीप ने बताना जरूरी नहीं समझा। लेकिन जब इसके बारे में जानकारियाँ जुटाई गईं तो ज्ञात हुआ कि इसके चेयरमैन तो कॉन्ग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा हैं। जो कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। मगर, राजदीप को इन तथ्यों से क्या? उन्हें तो खुद को कायम रखने के लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर इन्हीं पब्लिक स्टंट का सहारा है।
Madison Mavali Rajdeep says resident doctors have not been paid for last 16 months but doesn't mention details.— G U R U P R A S A D 🦁 (@KarnatakaSanghi) July 2, 2020
This is from JJM Medical College in Davangere whose chairman is Shamanur Shivshankarappa who is Cong MLA from Davangere South and was minister in Cong govt. pic.twitter.com/Ra26SvQlY1
Post this order by Karnataka Cm yediyurappa also!— 🍻 Antonio Maino (@kannadiga__) July 2, 2020
He asked clg administration to pay off the stipend of all PG students! pic.twitter.com/8saSzEQGET
खैर! राजदीप के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हैं। कुछ लोगों का कहना है कि डॉक्टरों को 16 महीने से वेतन नहीं दिया गया। जबकि भाजपा सरकार तो वहाँ केवल 11 महीने से है। क्या कॉन्ग्रेस बता सकती है कि उससे पहले से डॉक्टरों को उनकी सैलरी क्यों नहीं मिल रही थी।
कुछ लोग ऐसे भी है। जो कर्नाटक के अस्पताल के हालातों के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं को जिम्मेदार बता रहे हैं। एक यूजर लिखता है- “अधिकांश मेडिकल व डेंटल कॉलेज कॉन्ग्रेस और उनके नुमाइंदो ने खरीदे। इन्होंने लगातार फ्रॉड किया। अब समय आ गया है इनके ख़िलाफ़ जाँच की जाए।”
Most of the medical and dental colleges are owned by Congress leaders and their stooges. They have been commiting a series of frauds, underpaying doctors and even if they pay, hand over pittance. Time to investigate this criminals.— George Cherian (@ByCherian) July 2, 2020
Thank you for taking notice! And yes we need justice!! https://t.co/qsUqd6RQ4B— Nidhi R (@NidhiR27515024) July 2, 2020
इसके अलावा कुछ यूजर्स, डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने पर राजदीप सरदेसाई की तरह मोदी सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं। वहीं, कुछ प्रमाण के साथ ये दावा कर रहे हैं कि येदियुरप्पा सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को उनका बकाया वेतन लौटाने के लिए निर्देश दे दिए हैं।
— Prabha🇮🇳 (@prabhatisb) July 1, 2020
ये वही राजदीप हैं, जिसने कहा था कि "2002 गोधरा दंगों के लिए मोदी जिम्मेदार नहीं, मीडिया ने फैलाया झूठ।"
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