
उन्होंने सबसे पहले कहा कि जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएँ-आकांक्षाएँ बढ़ रही हैं। वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा केवल आज की नहीं बल्कि पूरी 21वीं सदी की ऊर्जा से संबंधित ज़रूरतों का माध्यम बनेगी। क्योंकि इसका स्वभाव ही है श्योर, प्योर और सेक्योर (आश्वस्त, शुद्ध और सुरक्षित)। यह परियोजना प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को लाभ पहुँचाएगी।
Not just for the present, solar energy will be a medium of energy needs of the 21st century because solar power is sure, pure and secure: Prime Minister Modi after dedicating to the nation the 750 MW Solar Project set up at Rewa, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/MQ8U3BVbwn— ANI (@ANI) July 10, 2020
Delhi: Prime Minister Narendra Modi dedicates to the nation the 750 MW Solar Project set up at Rewa, Madhya Pradesh, via video conferencing. pic.twitter.com/O7MCLH6Efb— ANI (@ANI) July 10, 2020
आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को,उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही,दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा:PM https://t.co/DHxkCCbG1K pic.twitter.com/UD7Nmjgi9H— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2020
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा रीवा में मौजूद इस सौर ऊर्जा प्लांट से सिर्फ यहाँ मौजूद औद्यगिक इकाइयों को फ़ायदा नहीं मिलेगा। बल्कि दिल्ली की मेट्रो रेल को भी इस परियोजना से लाभ मिलेगा। साथ ही रीवा के अलावा शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी सौर ऊर्जा पावर प्लांट पर काम जारी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना था कि आज रीवा जैसे शहर ने इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान माँ नर्मदा के नाम और सफ़ेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है, बेशक यह देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
जब हम विकास और आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तब अर्थव्यवस्था एक अहम मुद्दा साबित होता है। पिछले कुछ वर्षों में नीतियाँ तैयार करने वालों के लिए यह चुनौती उभर कर आई है कि पर्यावरण के बारे में सोचा जाए या अर्थव्यवस्था।
जिस तरह से भारत में सौर ऊर्जा पर काम हो रहा है आगे चल कर दुनिया में इस पर चर्चा बढ़ने ही वाली है। इस तरह के प्रयासों के चलते भारत स्पष्ट और स्वच्छ ऊर्जा के लिए उपयुक्त बाज़ार साबित हो रहा है।
2 गज की दूरी, चेहरे पर मास्क और 20 सेकेंड तक हाथ धुलना। इन नियमों का पालन हमेशा करना है। जब हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तरफ बढ़ रहे हैं तब हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति हमारा समर्पण जीवन के हर पहलुओं में नज़र आने चाहिए। हमारी कोशिश है कि इसका फ़ायदा देश के हर कोने में पहुँचना चाहिए।
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