ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा – ‘दिल्ली दंगों की साजिश की जड़ें काफी गहरी’

Tahir Hussain कौन है, जिसका घर बना Delhi Riots का ...दिल्ली के एक सेशन कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। ताहिर हुसैन पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की है।
सेशन कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मे हुए दंगों को काफ़ी संगठित तरीके से अंजाम दिया गया था और इसके पीछे एक ऐसी साजिश थी, जिसकी जड़ें काफ़ी गहरी हैं। ताहिर हुसैन कि जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही उसे बड़ा झटका लगा है।
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार (जुलाई 9, 2020) को ही इस मामले में ऑर्डर रिजर्व कर लिया था। अडिशनल सेशन जज विनोद यादव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला सुनाया। ये मामला आईबी में कार्यरत रहे अंकित शर्मा की हत्या से जुड़ा हुआ है।
अंकित के पिता रवींद्र कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर ताहिर हुसैन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वो नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों का मुख्य आरोपित भी है।


चार्जशीट में ताहिर हुसैन ने कबूल किया है कि सीएए के समर्थन में भी रैलियाँ होने वाली थीं, इसीलिए उसने ‘हिन्दुओं को सबक सिखाने’ के लिए दंगों की साजिश रची। इसी क्रम में उसने अपने घर को इस्लामी भीड़ के लिए लॉन्चपैड बनाया, ताकि हिन्दुओं को निशाना बनाया जा सके।
ताहिर हुसैन ने ईंट-पत्थर व अन्य हथियार जमा करने की बात भी कबूल की थी। उसने बताया कि उसके समर्थक ‘अल्लाहु अकबर’ और ‘काफिरों को मारो’ चिल्ला रहे थे।
अंकित शर्मा वाला चार्जशीट में कहा गया है कि अंकित शर्मा की हत्या चाँदबाग़ में 10 लोगों ने मिल कर की थी। इनमें ताहिर हुसैन के साथ-साथ हलील सलमान और समीर नामक आरोपित भी शामिल हैं।
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दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन ने न्यायिक हिरासत के दौरान पुलिस के समक्ष अपना बया....
नाजिम और कासिम नाम के दो कुख्यात अपराधी भी इस जघन्य हत्याकांड में शामिल थे। चार्जशीट में कुचल 96 गवाहों के बयान पेश किए गए हैं। बता दें कि इसी तरह का दो अन्य चार्जशीट दिल्ली दंगों के मामले में पेश किया जा चुका है।
बेल नहीं देने से पहले जज ने दिए 6 महत्वपूर्ण बयान
ताहिर हुसैन ने अपनी बेल याचिका इस आधार पर माँगी थी कि अंकित शर्मा की हत्या में उससे जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं। मगर, इस याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश विनोद यादव ने कई बिंदुओं को मद्देनजर रखा और 6 महत्वपूर्ण बातें कहीं:
विशेष समुदाय के लोगों को भड़काया 
ताहिर हुसैन की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली कोर्ट ने सुनिश्चित किया उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपित घटनास्थल पर था और समुदाय विशेष के दंगाइयों को उकसा रहा था।
दंगाइयों को मानव हथियार की तरह किया इस्तेमाल 
कोर्ट ने ताहिर के लिए कहा, “इसने भले ही अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं किया हो लेकिन इसने दंगाइयों को ‘मानव हथियार’ की तरह प्रयोग किया। जो इसके भड़काने पर किसी को भी मार सकते थे।”
गवाहों को धमका सकता है 
कोर्ट ने आगे अपना फैसला सुनाते वक्त प्रत्यक्षदर्शियों की सुरक्षा का भी हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के गवाह उसी इलाके के हैं, जहाँ ताहिर रहता हैं। ऐसे में मुमकिन है अगर ताहिर बेल पर छूटे तो वह उन्हें धमकाए, क्योंकि वह वहाँ की ताकतवर शख्सियत रह चुका है।
CCTV फुटेज न होने के बावजूद पर्याप्त सबूत 
कोर्ट ने इस फैसले को सुनाते हुए उन गवाहों के बयान को भी ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा था कि हुसैन उस दिन घटनास्थल पर मौजूद था जब अंकित शर्मा को दंगाइयों ने मारा। कोर्ट ने इन बयानों को आधार रखते हुए और सीसीटीवी फुटेज की अनुपलब्धता पर कहा, “भले ही इस संबंध में कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है, जो साबित करे कि याचिकाकर्ता घटना पर था। लेकिन इसके अतिरिक्त बहुत से सबूत ऑन रिकॉर्ड हैं।”
प्राथमिक दृष्टया में ताहिर की संदिग्ध भूमिका 
दिल्ली कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दंगे गहरी साजिश के नतीजे थे और इन्हें बहुत ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया। प्राथमिक दृष्टया में इस साजिश में AAP के निलंबित पार्षद की भूमिका संदिग्ध है।
पिंजड़ा तोड़ जैसे संगठनों के साथ संबंधों की जाँच 
इसके बाद दिल्ली कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए ताहिर से जुड़े अन्य मामलों में चल रही जाँच का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि अभी पिंजरा तोड़, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी और यूनाइटिड अगेंस्ट हेट ग्रुप आदि के साथ ताहिर की भूमिका में जाँच की जा रही है।
इस याचिका के खारिज होने से पहले दिल्ली दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन ने न्यायिक हिरासत के दौरान पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उसने जानकारी दी कि उसने मुस्लिम भीड़ को अपनी छत पर खड़े होकर गोलीबारी और पत्थरबाजी करने को कहा क्योंकि उसे लगता था कि उसका घर ऊँचा है तो वो हिंदुओं को आसानी से निशाना बना सकता है।
उसने कबूल किया था कि भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी। उसने बताया कि उसके भाई शाह आलम ने समर्थकों संग मिल कर महक सिंह की पार्किंग में आग लगाई थी। अपने बयान में उसने माना था कि उसने हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए दंगों को करवाया था। इसके अलावा उसने कहा था कि इन दंगों के लिए ‘इंडिया अंगेस्ट हेट’ के खालिद सैफी ने मलेशिया जाकर जाकिर नाईक से भी मुलाकात की थी।

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