


कार्यक्रम में अपने प्रकाशकीय संबोधन में डायमंड पॉकेट बुक्स के चेयरमैन श्री नरेंद्र वर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। जबकि लेखकीय संबोधन में अपने विचार व्यक्त करते हुए पुस्तकों के लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि हमारे इतिहास का न केवल विकृतिकरण किया गया है बल्कि विलोपीकरण भी किया गया है । जिससे इतिहास के अनेकों सत्य और तथ्य छुपा दिए गए हैं । फलस्वरूप हमारा सारा इतिहास निराशाजनक दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता है। जिसके लिए भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के राष्ट्रीय संरक्षक श्री देवेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि इतिहास का अर्थ मरे गिरे लोगों का विवरण तैयार करना नहीं है, बल्कि अतीत के गौरव को वर्तमान पीढ़ी के सामने गौरवमयी ढंग से प्रस्तुत करना है । जिसके लिए प्रस्तुत पुस्तकों का लेखन कार्य सचमुच प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम में समाज शास्त्र के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर राकेश राणा और वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी राकेश छोकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से इस बात पर विस्तृत प्रकाश पड़ता है कि गुर्जर समाज ने राष्ट्र निर्माण में सदा बढ़-चढ़कर योगदान दिया है । कार्यक्रम के संयोजक के रूप में समाजसेवी सत्येंद्र आर्य व सुनील नागर ने भी अपने विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ समाजसेवी बिट्टू कसाना जावली द्वारा किया गया।
ज्ञात रहे कि उक्त कार्यक्रम दिन में 5:00 बजे से 6:00 तक संपन्न हुआ जबकि 'पुस्तक समीक्षा' के रूप में वैबीनार के माध्यम से ही दूसरा कार्यक्रम रात्रि 9:00 बजे से 10:00 बजे तक संपन्न हुआ । उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता भी श्री नेपाल सिंह कसाना द्वारा ही की गई । जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित नंदकिशोर मिश्र और मुख्य वक्ता के रूप में लोनी के युवा विधायक नंदकिशोर गुर्जर रहे।
बाबा पंडित नवल किशोर मिश्र ने कहा कि गुर्जरों का इतिहास बहुत ही गौरव पूर्ण रहा है । उन्होंने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से गुर्जरों के राष्ट्र निर्माण में योगदान पर व्यापक प्रकाश पड़ता है। जिन अध्यायों को कम्युनिस्ट सोच के इतिहासकारों ने जानबूझकर मिटाने का राष्ट्रीय अपराध किया है उन्हें श्री आर्य के द्वारा सफलतापूर्वक स्थापित कर राष्ट्र की बहुत बड़ी सेवा की गई है । जबकि विधायक श्री गुर्जर ने गुर्जरों के गौरवमयी इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनेक युद्धों में गुर्जरों ने विदेशी आक्रमणकारियों का जमकर प्रतिरोध किया । यदि गुर्जर उस समय देश की रक्षा न कर रहे होते तो निश्चय ही भारत बहुत जल्दी गुलाम हो गया होता और फिर कभी भी स्वतंत्र नहीं होता । श्री गुर्जर ने कहा कि इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ एक गंभीर अपराध है । जिसका अब सही स्वरूप हमारे सामने लाया जाना आवश्यक है । श्री गुर्जर ने कहा कि डॉ राकेश कुमार आर्य द्वारा किया गया कार्य निश्चय ही एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस सत्र में इतिहासकार डॉ सुशील भाटी ने गुर्जर वंश के हूण , कुषाण और प्रतिहार वंश के शासकों के महान कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रस्तुत पुस्तक जिस प्रकार लिखी गई है उससे इतिहास के एक लंबे कालखंड का यथार्थ स्वरूप हमारे सामने प्रकट हो सका है , जिसके लिए डॉक्टर आर्य धन्यवाद के पात्र हैं।
No comments:
Post a Comment