मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति की देश भर में सराहना हो रही है। लेकिन मोदी सरकार की शिक्षा नीति की तारीफ करने पर कांग्रेस की एक महिला नेता खुशबू सुंदर को राहुल गांधी से माफी मांगनी पड़ी। खुशबू सुंदर ने नई शिक्षा नीति का तारीफ करते हुए कहा था कि यह एक स्वागत योग्य कदम है।
खुशबू के यह कहते ही मोदी सरकार की हर बात पर विरोध जताने वाले कांग्रेसियों ने उन्हें ट्रोल करना पड़ा। उन्हें यह अच्छा नहीं लगा कि जिसका वो विरोध कर रहे हैं, पार्टी की ही कोई नेता उसके बारे में प्रशंसा की कोई बात करे। पार्टी कार्यकर्ता उन्हें सोशल मीडिया खरी-खोटी सुनाने लगे। इसके बाद खुशबू ने एक और ट्वीट कर कहा कि मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूं। हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करना। विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है।
खुशबू सुंदर ने यह लिखकर भी लोगों का गुस्सा कम करने की कोशिश की कि राजनीति केवल शोर मचाने के लिए नहीं होती है। यहां सभी को एक साथ मिलकर जनता और देश की भलाई के लिए कार्य करना होता है।
अवलोकन करें:-
लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ और पार्टी लाइन से बाहर जाकर अपनी बात रखने के लिए खुशबू को राहुल गांधी से माफी मांगनी पड़ी। हालांकि खुशबू के ट्वीट से साफ लग रहा है कि वे भारी मन से विद्रोही तेवर से साथ माफी मांग रही हैं। खुशबू ने ट्वीट कर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरा विचार मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं।
खुशबू के यह कहते ही मोदी सरकार की हर बात पर विरोध जताने वाले कांग्रेसियों ने उन्हें ट्रोल करना पड़ा। उन्हें यह अच्छा नहीं लगा कि जिसका वो विरोध कर रहे हैं, पार्टी की ही कोई नेता उसके बारे में प्रशंसा की कोई बात करे। पार्टी कार्यकर्ता उन्हें सोशल मीडिया खरी-खोटी सुनाने लगे। इसके बाद खुशबू ने एक और ट्वीट कर कहा कि मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूं। हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करना। विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है।
#NewEducationPolicy2020 A welcome move. 👍— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
i prefer to see the positive aspects n sit n work on the negative ones. We have to offer a solution to the problems n not just raise voices. Opposition also means to work for the country's future. I would like to take a leaf out of #Atal ji's life n #UPA where we have worked..— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
Politics is not only about making noises, its also about working together. And @BJP4India @PMOIndia has to understand this. We as oppositions, will look into it in detail n point out the flaws, its the GOI who has to take everyone in confidence n work on the flaws. #NEP2020— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
My stand on #NEP2020 differs from my party n I apologize to @RahulGandhi ji for that, but I rather speak the fact than be a head nodding robot or a puppet. Everything is n cannot be about agreeing to ur leader, but about being courages to voice ur opinion bravely as a citizen ..— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
खुशबू सुंदर ने यह लिखकर भी लोगों का गुस्सा कम करने की कोशिश की कि राजनीति केवल शोर मचाने के लिए नहीं होती है। यहां सभी को एक साथ मिलकर जनता और देश की भलाई के लिए कार्य करना होता है।
अवलोकन करें:-
लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ और पार्टी लाइन से बाहर जाकर अपनी बात रखने के लिए खुशबू को राहुल गांधी से माफी मांगनी पड़ी। हालांकि खुशबू के ट्वीट से साफ लग रहा है कि वे भारी मन से विद्रोही तेवर से साथ माफी मांग रही हैं। खुशबू ने ट्वीट कर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरा विचार मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं।
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