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मीरान हैदर के घर से बरामद रजिस्टर से खुलेंगे दिल्ली दंगों के कई राज |
भारत में रहकर, विदेशों के दान पर भारत में अराजकता फ़ैलाने वालों की अब खैर नहीं। इन बिकाऊ नेताओं ने समझा, जैसे पिछली सरकारें वोटों की खातिर मुस्लिमों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी, लेकिन भूल गए कि अब देश का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं, नरेन्द्र मोदी है। जो हर दंगाई को सात तालों में से बाहर लेकर आने में आने में कोई संकोच नहीं करने वाली, क्योकि दंगे में किसी नेता का घर बर्बाद नहीं होता, बर्बाद होता है बेगुनाह का, खून बहता है बेगुनाह का। फिर उसी बर्बादी और खून पर अपनी गन्दी सियासत खेल मालपुए खाते हैं और अपनी तिजोरियां भरते हैं। दंगाइयों और इनके पुँछल्लों को प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहिए कि दंगे को दिल्ली पुलिस से ही नियंत्रण करवाया, आर्मी से नहीं। इन दंगाइयों ने देश में बहुत हिन्दू-मुसलमान के खून की होली खेल ली। जो बाहरी खैरातों पर पल अपने ही देश की जनता के खून की होली खेलते हों, क्या ऐसे लोगों को नेता कहना चाहिए?
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए हिन्दू विरोधी दंगों की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। स्पेशल सेल के सूत्रों ने सोमवार (जुलाई 6, 2020) को बताया कि उन्हें जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य मीरान हैदर के घर से एक रजिस्टर और ढाई लाख रुपए कैश बरामद किया गया है।
स्पेशल सेल ने मीरान हैदर के पास जो रजिस्टर बरामद किया है, उसमें साफ लिखा है कि कहाँ से कितने पैसे मिले, कहाँ कितना खर्च हुआ। बकायदा नाम के साथ सभी डिटेल हैं। रजिस्टर को हैंडराइटिंग की जाँच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (Forensic Science Laboratory) भेजा गया है।
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हिंसा से पहले यानी जनवरी महीने में मीरान हैदर के अकाउंट में 5 लाख रुपए आए थे। ये पैसे ओमान और यूएई से आए थे।
ये रजिस्टर दंगों से ठीक पहले ही बनाया गया था। इस रजिस्टर में दिल्ली दंगों के कई राज दफन हैं। इस रजिस्टर में दंगों का पूरा बही-खाता दर्ज है। पैसा कहाँ से आया और किसे-किसे दिया गया वो सब इस रजिस्टर में लिखा है।
दिल्ली दंगों की जाँच करने वाली स्पेशल सेल की टीम ने जामिया कॉर्डिनेशन समिति के सदस्य मीरान हैदर को गिरफ्तार किया था। उसे UAPA अधिनियम की धाराओं के तहत 2 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। मीरान हैदर (35) कथित तौर पर पीएचडी छात्र है और दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई का अध्यक्ष भी।
मीरान हैदर पर आरोप है कि मीरान हैदर ने शाहीन बाग, जामिया व अन्य जगहों पर चले विरोध-प्रदर्शन के दौरान बढ़-चढ़कर न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि लोगों को उकसाया भी। मीरान के खिलाफ दंगे की साजिश रचने के अहम साक्ष्य मिले हैं। उस पर दंगों की साजिश रचने का आरोप है।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में पेश जाँच रिपोर्ट में कहा था कि पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के लिए सऊदी अरब और देश के अलग-अलग हिस्सों से भी फंडिंग आई थी। पुलिस का कहना था कि दिल्ली में दंगे सुनियोजित साजिश और योजना के परिणामस्वरूप भड़के थे और यह अचानक नहीं था।
अवलोकन करें:-
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी को जामिया के स्टूडेंट, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएसन, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन, मुस्लिम स्टूडेंट फोरम, जामिया स्टूडेंट फोरम जैसे कई संगठन के लोगों ने शामिल होकर बनाया था। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी को पीएफआई समेत कई जगहों से फंडिंग मिल रही थी। इस दंगे से भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के भी तार जुड़े हुए हैं। बता दें कि दंगों में 53 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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