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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू |


नतांज ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 250 किलोमीटर दूर है, जहाँ एयरस्ट्राइक से बचाव के लिए भूमिगत यूरेनियम संवर्धन केंद्र बनाए गए हैं। यह घटना 26 जून की बताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने F-35 स्टील्थ फाइटर जेट की मदद से ईरान के पर्चिन इलाके में बम गिराए, जिसे मिसाइल उत्पादन का केंद्र समझा जाता है।
Israel Attack Iran News: इस्राइल ने तबाह किए ईरान के परमाणु ठिकाने, लड़ाकू विमान ने दागे बम#Israel #Iranhttps://t.co/D6ku7L0Nmd— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) July 4, 2020
Same action required in Pakistan.— Rajesh Singh (@singh_rajeshkr) July 4, 2020
Yeh karname pakistan ke upar bhi kar do na rahega Bans na bajegi Bansuri 🤣😂— संजय उवाच् :😇 (@sanjay_uvachh) July 4, 2020
कुवैती अखबार अल जरीदा ने इस बात का भी दावा किया है कि पिछले शुक्रवार को फाइटर जेट F-16 स्टील्थ ने ईरान के पर्चिन इलाके में मौजूद एक ठिकाने पर हमला किया था और बमबारी की थी। कहा जा रहा है कि यही मिसाइल उत्पादन केंद्र था।
इजरायल ये आरोप लगाता रहा है कि अपने हथियार और मिसाइलों को ईरान लगातार यहूदियों के विरोधी हिज्बुल्ला को मुहैया करा रहा है, ऐसे में अचानक इस अटैक से ईरान को गहरा सदमा लगा है।
हालाँकि, रिपोर्ट लिखे जाने तक इजरायल ने इन दोनों ही अटैक को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि ईरान ने अप्रैल महीने में इजरायल के पानी के सप्लाइ को हैक करने की कोशिश की थी। ईरान के इस हमले को इजरायल के साइबर डिफेंस ने असफल कर दिया था। अगर ईरान अपने इस प्रयास में सफल हो जाता तो पानी के अंदर क्लोरीन की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती। पूरे देश में पानी का संकट भी खड़ा हो जाता।
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